Sunday, June 30, 2024
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आवास की आस में पथरा गई आंखें, उम्मीदें हुईं धूमिल

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  • डेढ़ दशक बीतने के बाद भी पूरा नहींं हो सका मकानों का निर्माण
  • जर्जर मकानों से लोहे के जंगले और पानी की टंकी भी हुई चोरी

जनवाणी संवाददाता |

लावड़: बेसहारा लोगों को छत मुहैया कराने के उद्देश्य से बनाए जा रहे मकानों का निर्माण कार्य डेढ़ दशक बीतने के बाद भी पूर्ण नहीं हो सका है। देखभाल के अभाव में करोड़ों की लागत से बनाए जा रहे मकान जर्जर हो गए है। चोर लगातार मकानों को निशाना बना रहे है। गरीब बेघर लोगों को अपने मकान मिलने की जो आस जगी थी, वह भी धूमिल हो चुकी है।

कई बार इन मकानों के निर्माण कार्य को पूर्ण कराने की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। गरीब बेघर लोगों को आवास मुहैया कराने के लिए वर्ष 2009 में डूडा की आईएचएसडीपी योजना के तहत 120 मकानों का निर्माण होना था। मीठेपुर रोड स्थित ईदगाह के निकट व कूड़ा निस्तारण प्लांट के पास जगह चिन्हित कर 60-60 मकानों की दो कालोनियां बनाने का कार्य शुरू हुआ। निर्माण में घटिया सामग्री के आरोप में 2012 में जांच के बाद इन मकानों को रहने लायक नहींं बताया गया। तभी से इनका निर्माण कार्य बंद पड़ा है।

मकान नहीं हुए हैंडओवर

डूडा द्वारा बनाए जा रहे 120 मकानों का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद इन्हें नगर पंचायत को हैंडओवर किया जाना था। जिसके बाद कस्बे में सर्वे किया जाता और सर्वे में पात्र पाए गए लोगों को मकान आवंटित किए जाते। मगर करोड़ों रुपये की लागत से बनाऐ जा रहे मकान अधिकारियों की अनदेखी के चलते जर्जर हालत में पहुंच चुके है।

असामाजिक तत्वों का रहता है जमावड़ा

डूडा कॉलोनियों में अवैध धंधे व काले कारनामें फल फूल रहे है। काफी समय पहले यहां पुलिस ने छापेमारी करते हुए कई जोड़ों को पकड़ा था। कॉलोनी के अंदर शराब के खाली पाउच व बोतल, जली हुई सिगरेट पड़ी हुई नजर आती हैं। वहीं चोर भी इन कॉलोनियों को निशाना बनाते रहते हैं।

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