- तमंचे, अन्य अवैध असलहों का इस्तेमाल कर लगातार जिले में हो रही हैं वारदातें
- कार्रवाई के बाद भी पुलिस नहीं पकड़ पाती अवैध हथियारों के सप्लायर को
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: विधानसभा चुनाव हो या फिर प्रधानी का चुनाव, जमीनी विवाद में रंजिश, हत्या व अन्य वारदातों में तमंचे धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहे हैं। पुलिस आरोपियों को पकड़कर आला कत्ल बरामद भी कर लेती है, लेकिन तमंचा बनाने और बेचने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है।
यही वजह है कि अपराधी धड़ल्ले से तमंचे का इस्तेमाल कर दहशत फैला रहे हैं। पिछले करीब दो माह में जिला पुलिस ने कई अवैध असलहें पकड़े और कई लोगों को जेल भी भेजा, इसके बावजूद इन अवैध असलहों का इस्तेमाल कम नहीं हो रहा। ऐसे में पुलिस की सख्ती और कार्रवाई पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।
दो हजार में तमंचा, 20 हजार में पिस्टल
गत 25 जनवरी में एसओजी टीम ने लिसाड़ी गेट पुलिस के साथ छापेमारी की तमंचा फैक्टरी पकड़ी थी। इस दौरान पुलिस टीम ने दो आरोपियों समेत भारी मात्रा में पिस्टल, तमंचे और अन्य सामान बरामद किया था। इसी दिन रेलवे रोड पुलिस ने भी एक तमंचा फैक्टरी का भंडाफोड़ करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में बताया था कि वह लोग दो से तीन हजार में तमंचा और 15 से 20 हजार रुपये में पिस्टल बेचते है। यहां जिले में ऐसे कई सप्लायर हैं, लेकिन पुलिस की नजर उन सप्लायरों पर नहीं पड़ती है। शहर में लिसाड़ी गेट और देहात में लावड़, किठौर और मुंडाली क्षेत्र अवैध असलहों की सप्लाई के बड़े अड्डे हैं, लेकिन पुलिस इन पर कार्रवाई नहीं करती है।
सिर्फ तमंचे में कार्रवाई
चुनाव के दौरान या किसी विशेष अभियान के दौरान जिले में कई बार तमंचे-बंदूक बनाने की अवैध फै क्ट्रियां पकड़ी जा चुकी हैं। मगर आपराधिक वारदातों में लगातार तमंचों का इस्तेमाल पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठा रहा है। हाल ही में कई वारदातें हुई हैं, जिनमें तमंचों का इस्तेमाल किया गया। पुलिस ने पिछले करीब दो महिने में दर्जनों आरोपियों को तमंचे समेत गिरफ्तार भी किया, लेकिन उसने तमंचा किससे खरीदा, इस बारे में न तो पूछताछ हुई और न ही कोई कार्रवाई। यही वजह है कि आपराधिक वारदातों में धड़ल्ले से तमंचे का इस्तेमाल हो रहा है।
दो माह में हुई कार्रवाई
जिला पुलिस ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जिलेभर में अभियान चलाकर 74 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिनके पास से 74 तमंचे और 150 कारतूस बरामद किए है। पुलिस ने पकड़े गए इन आरोपियों से अभी तक उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की है, जिनसे उन्होंने यह तमंचे और कारतूस खरीदे है।
जबकि इन्हीं तमंचों से आए दिन वारदातें हो रही है। यही नहीं बड़ी से बड़ी वारदात में भी तमंचे से ही अंजाम दिए जा रहे है। इसके बावजदू पुलिस तमंचा बनाने वालों और इन्हें सप्लाई करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं कर पा रही है।