एसपी शर्मा
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) भारत सरकार की प्रमुख जांच एजेंसी है। यह संस्था विभिन्न आपराधिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों की जांच करती है। इस संस्था की 1941 में ब्रिटिश शासन काल के दौरान में स्थापना की गई थी। तब इसे ‘स्पेशल पुलिस एस्टब्लिश्मेंट’ (एसपीइ) के नाम से जाना जाता था।
1 अप्रैल 1963 को ‘स्पेशल पुलिस एस्टब्लिश्मेंट’ का नाम बदलकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सेंट्रल ब्यूरो आॅफ इन्वेस्टीगेशन) कर दिया गया। नई दिल्ली में 75000 वर्ग फीट में फैले ग्यारह मंजिलों वाले शानदार बिल्डिंग के हेडक्वार्टर्स के साथ और लगभग 850 करोड़ रुपए वार्षिक बजट वाली सीबीआई अपने कार्यों में निष्ठा और निष्पक्षता के सबसे ऊंचे मानक के लिए विख्यात है।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में सीबीआई की अकादमी स्थिति है, जहां इसके आॅफिसर्स को उनकी सेवा और कर्तव्यों के निष्पादन के लिए अनिवार्य कठोर प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
सीबीआई की कानूनी शक्तियां क्या हैं?
सीबीआई को सभी कानूनी पावर्स और प्रिविलेजेज दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टब्लिश्मेंट एक्ट, 1946 (डीएसपीइ,1946) से प्राप्त होते हैं। डीएसपीइ, 1946 के अंतर्गत सीबीआई सेंट्रल गवर्नमेंट के नोटिफिकेशन जारी करने के बाद ही धोखाधड़ी और अपराध के किसी हाई-प्रोफाइल मामलों के इन्वेस्टीगेशन का कार्य शुरू कर सकती है, लेकिन तब भी ऐसा केवल संबंधित राज्य सरकारों की सहमति से ही किया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त राज्यों की सहमति के बिना भी भारत के सुप्रीम कोर्ट या राज्यों के हाई कोर्ट्स भी किसी आपराधिक या विवादस्पद मामले की जांच के लिए सीबीआई को आदेश दे सकते हैं। यहां यह भी जानना भी महत्वपूर्ण है कि सीबीआई केवल केंद्र शासित प्रदेशों में स्वत: संज्ञान (सुओ मोटो) लेकर आपराधिक मामलों की जांच कर सकती है।
सीबीआई का संगठन
सीबीआई का नेतृत्व एक निदेशक (डायरेक्टर) जो पुलिस महानिदेशक या पुलिस आयुक्त रैंक के अधिकारी होते हैं, के द्वारा किया जाता है। इस संस्था के सबसे बड़ी पोस्ट के रूप में निदेशक का कार्यकाल दो वर्षों के लिए निर्धारित है। उनकी नियुक्ति सेंट्रल विजिलेंस कमीशन 2003 के द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत एक समिति के द्वारा की जाती है। इस समिति के सदस्यों में प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश या उनके द्वारा नामित कोई जज शामिल होते हैं।
सीबीआई में करियर बनाने के लिए शुरूआत कैसे और कहां से करें
सीबीआई में कुल तीन ग्रुप के पोस्ट होते हैं।
1.ग्रुप अ, ग्रुप इ और ग्रुप सी। ग्रुप ए के पोस्ट की नियुक्ति सीबीआई में ‘ए ग्रुप’ के आॅफिसर बनने के लिए निम्नांकित दो रास्ते हैं-
- -प्रमोशन के द्वारा
- -यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षाओं के द्वारा
सीबीआई में सब-इंस्पेक्टर की पोस्ट एंट्री लेवल की पोस्ट होती है। इस पोस्ट से समय के साथ एक्सपीरियंस हासिल करते हुए प्रमोशन तथा लिमिटेड डिपार्टमेंटल एग्जामिनेशंस के द्वारा टॉप-लेवल के ए कैडर के आॅफिसर्स के पोस्ट्स पर पहुंचा जा सकता है।
यदि आप लंबे इंतजार के बाद प्रमोशन से सीबीआई में ‘ग्रेड ए’ की पोस्ट पाने के लिए इंटरेस्टेड नहीं हैं और थोड़ी जल्दीबाजी में हैं तो यह सीबीआई में प्रवेश पाने के सपनों का अंत नहीं है। आप यूपीएससी के द्वारा कंडक्ट किए जाने वाले सिविल सर्विसेज परीक्षाओं में आईपीएस (इंडियन पुलिस सर्विस) के रूप में सफलता प्राप्त करके भी सीबीआई में डायरेक्टली ज्वाइन कर सकते हैं। आईपीएस आॅफिसर्स का स्टेट पुलिस कैडर्स में सीबीआई, आईबी और रॉ की पोस्टिंग के लिए ट्रान्सफर किया जाता है।
ग्रुप ‘इ’ तथा ‘उ’ पोस्ट्स की नियुक्तियां
सीबीआई में इ और उ ग्रुप्स में आॅफिसर पोस्ट की शुरुआत सब-इंस्पेक्टर के पोस्ट से होती है, जो सामान्य रूप से किसी पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस आॅफिसर (एसएचओ) के ही समान होता है। इन सभी पोस्ट्स की भर्ती डायरेक्ट रिक्रूटमेंट के द्वारा कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (सीजीएल) की परीक्षाओं में सफल उम्मीदवारों से की जाती हैं।
कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (सीजीएल) की परीक्षाएं
ये परीक्षाएं स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (एसएससी) के द्वारा आयोजित की जाती हैं। सब-इंस्पेक्टर के लिए चार लेवल पर आयोजित इस परीक्षा के लिए न्यूनतम एजुकेशनल क्वालिफिकेशन ग्रेजुएशन होता है। इस परीक्षा के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष और अधिकतम 32 वर्ष होती है।
इसमें शुरू के पहले दो स्तरों की परीक्षाएं कंप्यूटर बेस्ड मल्टीप्ल च्वाइस प्रश्नों की होती है। ये दोनों परीक्षाएं दो-दो सौ अंकों की होती हैं, जिनमें इंग्लिश, रीजनिंग, जनरल अवेयरनेस और क्वांटिटैटिव एबिलिटी के प्रश्न होते हैं। तीसरे टियर की परीक्षा एक सौ अंकों की पेन पेपर टेस्ट होती है। चौथे टियर की परीक्षा कंप्यूटर प्रोफिशियेंसी टेस्ट की होती है। इन चारों टियर के टेस्ट्स में सफल कैंडिडेट्स सीबीआई में सब-इंस्पेक्टर के रूप में रिक्रूट किए जाते हैं, जो देश की प्रीमियर इन्वेस्टीगेटिंग एजेंसी में करियर निर्माण का सबसे पहला स्टेप होता है।
डेप्युटेशन के आधार पर पोस्टिंग
इसके अतिरिक्त सीबीआई में आॅफिसर्स और इंस्पेक्टर आॅफ पुलिस के पदों के लिए नियुक्ति राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस फोर्स में से डेप्युटेशन के आधार पर भी किया जाता है। इन सभी अवसरों के बारे में समय-समय पर सीबीआई की वेबसाइट और भारत सरकार के गजेट्स में अधिसूचनाएं जारी किए जाते हैं। सीबीआई में करियर निर्माण के इच्छुक अभ्यर्थियों को सूचनाओं के इन सभी प्लेटफॉर्म्स के बारे में जागरूक रहने की जरूरत है।
(लेखक जवाहर नवोदय विद्यालय, मामित, मिजोरम में प्रिंसिपल हैं)
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