Sunday, August 24, 2025
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लावड़ में मेले के आयोजन के लिए शुरू की भूख हड़ताल

  • भाजपा नेता और नगर पंचायत के सभासद कस्बेवासियों के साथ बैठे भूख हड़ताल पर
  • ऐलान मेला मुख्य मार्ग पर लगने के बाद ही समाप्त होगी भूख हड़ताल

जनवाणी संवाददाता |

लावड़: कस्बे के मुख्य मार्ग पर रक्षा बंधन का मेला पारंपरिक लगता हुआ आ रहा है, लेकिन इस बार मेला लगने पर ग्रहण लग गया। क्योंकि इस बार मुख्य मार्ग पर मेला लगने का चुनिंदा व्यापारी विरोध कर रहे है। जबकि कस्बेवासी मेले को मुख्य मार्ग पर ही लगाना चाहते है। हालांकि प्रशासन भी इस बार मेले को मुख्य मार्ग पर लगाने की अनुमति नहीं दे रहा है। इसके लिए प्रशासनिक अधिकारी दूसरे स्थान पर मेला लगाने की अनुमति दे रहे हैं।

अधिकारियों द्वारा जहां मेला लगना है, उस स्थान को भी चिंहित कर लिया गया। कांटे की जमीन पर मेला लगाना तय हो गया, लेकिन रविवार को इस प्रकरण में नया मोड़ आ गया। भाजपा नेता मोहन सैनी और नगर पंचायत के सभासद मिलकर नगर पंचायत कार्यायल के पास भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। उनका स्पष्ट कहना है कि जब तक मेले को मुख्य मार्ग पर लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

वह भूख हड़ताल समाप्त नहीं करेंगे। भूख हड़ताल को समर्थन देने के लिए धीरे-धीरे कस्बेवासी भी जमा हो रहे हैं। अब जो व्यापारी मेले के समर्थन में है। उन व्यापारियों से सोमवार को दुकानें बंद करने का भी आह्वान किया है। उधर, भूख हड़ताल पर बैठने के बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया। 100 वर्षों से यह मेला रक्षा बंधन पर लगता आ रहा है।

इस मेले को हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक माना जाता है। क्योंकि यह मेला खास रक्षा बंधन पर्व पर ही लगता है। लगभग 10 दिन तक यह मेला लगता है। इस मेले में दूरदराज से दुकानदार आते हैं। साथ ही मनोरंजन के रूप में सर्कस, झूला, काला जादू, मौत का कुआं आदि भी मेले की शोभा बढ़ाते हैं, लेकिन इस बार मेले पर कुछ व्यापारियों की हठधर्मी और प्रशासनिक अधिकारियों का दबाव होने के कारण इस परंपरागत मेले को ग्रहण लग गया।

क्योंकि इस मेले का आयोजन इस बार मुख्य मार्ग के स्थान पर कांटे वाली जमीन पर हो रहा है, लेकिन मेले को 80 फीसदी लोग मुख्य मार्ग पर लगाने के लिए सहमत है, लेकिन उसके बाद भी मेले को अनुमति नहीं दी जा रही है। ऐसे में यह मेला राजनीति का अखाड़ा बन गया है।

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