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नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। आज गुरूवार को संसद के मानसून सत्र के छठे दिन भी मणिपुर मामले को लेकर लगातार विपक्ष केंद्र सरकार को घेर रहा है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी दलों के नेताओं के साथ एक बैठक की है। जिसमें तय किया गया है कि विपक्षी गठबंधन इंडिया के सभी सांसद लोकसभा और राज्यसभा में काले कपड़े पहनकर जाएंगे।
बता दें कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल मणिपुर की स्थिति पर विस्तृत चर्चा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बयान की मांग कर रहे हैं। उन्होंने 20 जुलाई को संसद के मानसून सत्र की शुरुआत के बाद से लोकसभा और राज्यसभा दोनों में विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की, जिससे दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हमारी मांग थी कि प्रधानमंत्री खुद आकर बोलें। पता नहीं क्यों प्रधानमंत्री नहीं बोल रहे हैं। हमें मजबूरन अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा। ये हमारी मजबूरी है। हम जानते हैं कि इससे सरकार नहीं गिरेगी, पर हमारे पास कोई चारा नहीं है।
देश के प्रधानमंत्री देश के सामने आकर मणिपुर पर कोई वार्ता करें। संसद में चल रहे गतिरोध पर सपा नेता राम गोपाल यादव ने कहा कि कोई विरोध प्रदर्शन नहीं होगा… हर कोई काले कपड़े पहनेगा या अपनी बांह पर काला कपड़ा बांधेगा… हम चिंतित हैं क्योंकि मणिपुर की सीमा म्यांमार से लगती है, जहां सैन्य शासन है और आतंकवादियों को पनाह देता है।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री मणिपुर के लोगों के घाव पर नमक छिड़क रहे हैं। जिस समय हम बोल रहे हैं कि वे मणिपुर जाकर देश की व्यवस्था संभाले, राष्ट्रहित में काम करें उस समय वे यहां भाषण दे रहे हैं। पहली बार हमें ऐसा पीएम मिला है, जो देश के एक हिस्से में आग लगने के बावजूद अपने भाषण में मग्न हैं… यह काला कपड़ा पीएम मोदी के अहंकार के खिलाफ है।
विपक्ष के प्रदर्शन पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि विपक्ष का काम है विरोध करना, वे करें। देश बहुत तेज़ी से तरक्की कर रहा है लेकिन उन्हें यह पसंद नहीं आ रहा। वे कुछ भी करें उससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी की सोच बहुत आगे की है। पीएम मोदी ने 2047 तक विकसित भारत बनाने का सपना देखा है, क्या वे इसे रोकना चाहते हैं?
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