जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: देवनागरी महाविद्यालय के शंकर ऑडिटोरियम में एलुमनाई लेक्चर सीरीज के अंतर्गत बुधवार को एक वार्ता आयोजित की गई जिसका शीर्षक कोविड-19 का वैक्सीन तक का सफर रहा। वार्ता 1975 बेच के विद्यार्थी एवं शहर के प्रसिद्ध फिजिशियन डॉ. विजय कुमार बिंद्रा ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ कॉलेज प्राचार्य डॉ. बीएस यादव और डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. एसके अग्रवाल ने मा सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप जलाकर किया।
उसके पश्चात प्राचार्य डॉ. बीएस यादव ने कोविड-19 महामारी के विषय में कॉलेज ने किन-किन समस्याओं का सामना किया एवं उनका निराकरण किस प्रकार किया इसके ऊपर अपने विचार प्रस्तुत किए।मुख्य वार्ताकार शहर के प्रसिद्ध फिजीशियन डॉ. विजय कुमार बिंद्रा ने कोविड-19 महामारी के विषय में विस्तार से बिंदुवार अपने विचार प्रकट किए कि कोविड-19 का नामकरण किस प्रकार कब और कहां हुआ, कब इसे महामारी घोषित किया गया।
भारत में इसकी शुरुआत कब और कहां हुई, इसके प्रारंभिक लक्षण क्या है,इसका उपचार किस प्रकार किया जा सकता है,इम्यूनिटी को किस प्रकार बढ़ाया जा सकता है आदि के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया इसके उपचार के लिए विश्व भर में लगभग 100 वैक्सीन पर कार्य किया गया लेकिन अंत में लगभग 10 वैक्सीन को विश्व भर में लगाया जा रहा है,वैक्सीन को लगने में अनेक चुनौतियां है जैसे इसको संरक्षित करने में,इसके साइड इफेक्ट कम से कम हो।
भारत के वैज्ञानिकों ने इसमें असीम सफलता प्राप्त की इस समय दो वैक्सीन लगाई जा रही है कोविशील्ड एवम् कोवैक्सिन। इन दोनों वैक्सीन को संरक्षित करने एवं ले जाने में आसानी हैं इनको लगभग +2 से +8 डिग्री सेंटीग्रेड तक रखा जा सकता है यह वैक्सीन व्यक्ति की बाजू पर लगाई जा सकती है एवं इसके साइड इफेक्ट भी कम है। डॉ. बिंद्रा ने आगे बताते हुए कहा कि कोई भी भ्रम की स्थिति में न रहे वैक्सीन पूर्णता सुरक्षित है इसको लगवाने के बाद कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है।
यह वैक्सीन गर्भवती महिला एवं छोटे बच्चों के लिए कारगर नहीं है इसके विषय में विस्तार से समझाया। उन्होंने आगे बताया कि वैक्सीन लग जाने के बाद भी लोगो को सावधानी बरतना आवश्यक है क्योंकि यह बीमारी अभी समाप्त नहीं हुई है अभी हमें एक से डेढ़ साल तक सावधानी रखना आवश्यक है ,निरंतर हाथों को धोना,मास्क लगाना एवं 2 गज की दूरी रखना ही इसका कारगर उपाय है।
एलुमनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष वीएम नौटियाल ने सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया। संचालन डॉ. शेफाली पुनिया और डॉ. प्रियंका बालियान ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में एलुमनाई एसोसिएशन के सभी पदाधिकारी, डॉ. शेफाली पूनिया, डॉ.एसके शर्मा, डॉ. एम के यादव, डॉ. रामबली सिंह, डॉ. जिनेन्द्र आदि मौजूद रहे।