- किशोरी की मौत से परिजनों में मचा कोहराम
जनवाणी संवाददाता |
सरधना: मौसम में आए बदलाव और गांवों में गंदगी से मच्छर जनित बीमारियां फैल रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग बुखार से कराह रहे हैं। सरकारी व निजी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ गई है। बुखार जानलेवा साबित हो रहा है। जिला अस्पताल सहित निजी चिकित्सकों के यहां बुखार के मरीजों की भरमार है। डेंगू बुखार का विषाणु इस मच्छर के द्वारा एक प्रभावित व्यक्ति से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति में फैलता है।
इसका विषाणु की तेजी से शरीर में प्रकार करता है के रोग से प्रभावित करता है। कुछ बचाव के उपाय कर आप इससे निजात पा सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में झोलाछाप के यहां भी बुखार के मरीजों की भरमार है। चिकित्सकों का कहना है कि जिन गांवों में बुखार फैला है और मौतें हो रही हैं। वहां मच्छरों का बढ़ता प्रकोप भी बुखार फैलने का कारण सामने आ रहा है। जिन गांवों में बुखार फैला है। वहां गंदगी के साथ ही डेंगू मच्छर का लार्वा भी मिल रहा है।
बुखार लोगों पर मौत बनकर टूट रहा है। देर रात सरधना में बुखार से तप रही एक किशोरी की उपचार के दौरान मौत हो गई। किशोरी की मौत से उसके परिजनों में कोहराम मच गया। शनिवार को गमगीन माहौल में शव को सुपुर्दे खाक कर दिया गया। वहीं बुखार से मौत के कारण बस्ती के लोगों में दहशत का माहौल है। नगर के सराय अफगानान मोहल्ला निवासी आबिद मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करता है।
तीन दिन पूर्व उसकी 13 वर्षीय पुत्री इरम को बुखार आया था। उसने स्थानीय चिकित्सक से उसका उपचार कराया। हालत हालत में सुधार नहीं हुआ। जिस पर परिजनों ने उसे मेरठ के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां शुक्रवार देर रात उपचार के दौरान किशोरी की मौत हो गई। मासूम की मौत से उसके परिजनों में कोहराम मच गया। शनिवार को गमगीन माहौल में शव को सुपुर्दे खाक कर दिया गया। वहीं बुखार से मौत के कारण बस्ती के लोगों में दहशत का माहौल है। इस संबंध में सीएचसी प्रभारी डा. संदीप गौतम का कहना है कि मामला जानकारी में नहीं है। टीम भेजकर जांच कराई जाएगी।
बढ़ रहे मरीज, स्वास्थ्य विभाग कुछ नहीं कर रहा
नगरवासियों का कहना है कि गांव में बुखार के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग कुछ नहीं कर रहा है। जबकि कई बार शिकायत कर चुके हैं कि गांव में गंदगी के कारण मच्छर पनप रहे हैं और उससे भी बीमारियां बढ़ रही हैं। स्वास्थ्य विभाग को शिविर लगाकर घरों में जांच कराकर दवाई देनी चाहिए। उसके बाद ही बीमारियों पर रोक लग सकती है।