जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: पश्चिम एशिया में हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं। ईरान और इसरायल के बीच तनाव अब युद्ध जैसे हालात में बदल चुका है। शुक्रवार को शुरू हुई सैन्य कार्रवाई में इसरायल ने ईरान के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए 20 से अधिक शीर्ष सैन्य कमांडरों को मार गिराया।
ईरान ने 100 से ज्यादा ड्रोन इसरायल की ओर दागे
इसरायली हमले के जवाब में ईरान ने कड़ा रुख अपनाते हुए शनिवार को 150 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें और 100 से ज्यादा ड्रोन इसरायल की ओर दागे। इन हमलों में अब तक एक व्यक्ति की मौत और 70 से अधिक लोगों के घायल होने की सूचना है, जिनमें कई की हालत गंभीर बनी हुई है।
इसरायली आपात सेवाओं ने क्या बताया?
इसरायली आपात सेवाओं ने बताया कि तेल अवीव और यरूशलम में नागरिकों ने बंकरों में शरण ली है। वहीं, सुपरमार्केट में खाद्य सामग्री की जमाखोरी देखी जा रही है, जिससे आम नागरिकों में दहशत का माहौल है।
तेहरान ने स्पष्ट कर दिया है कि अब वह अमेरिका के साथ परमाणु समझौते (JCPOA) पर किसी भी प्रकार की वार्ता नहीं करेगा। दूसरी ओर, अमेरिका ने इसरायल की मदद के लिए अपनी मिसाइल रोधी प्रणाली सक्रिय कर दी है, जिसके जरिए कई मिसाइलों को रास्ते में ही नष्ट कर दिया गया।
क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर इस संघर्ष को लेकर गहरी चिंता जताई जा रही है। संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने और कूटनीतिक समाधान तलाशने की अपील की है।
परमाणु साइट के ऊपरी हिस्से को नष्ट कर दिया
संयुक्त राष्ट्र की आपात बैठक में IAEA प्रमुख राफेल ग्रोसी ने खुलासा किया कि इसरायल ने ईरान की प्रमुख नटांज परमाणु साइट के ऊपरी हिस्से को नष्ट कर दिया है। वहां 60 प्रतिशत यूरेनियम संवर्धन हो रहा था, जिससे परमाणु हथियार बन सकते थे।
IRGC का दावा
ईरानी सैन्य बलों ने इसरायल के वे ठिकाने निशाना बनाए जहां से ईरान पर हमले की शुरुआत हुई थी। IRGC ने दावा किया कि मिसाइलें सटीक लक्ष्य पर लगीं।
डिप्लोमैटिक हलचल तेज
इसरायली विदेश मंत्री ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से फोन पर बात की। जयशंकर ने बाद में ईरानी समकक्ष से भी बातचीत की।
UN सम्मेलन स्थगित
मध्य पूर्व के बिगड़ते हालात के कारण फलस्तीन-इस्राइल दो-राज्य समाधान पर न्यूयॉर्क में होने वाला UN सम्मेलन स्थगित कर दिया गया है। इस ताजा संघर्ष ने पूरी दुनिया की चिंताओं को गहरा कर दिया है, और क्षेत्र में पूर्ण युद्ध की आशंका बढ़ गई है।
ईरान पर इजरायल के हमलों की मिडिल ईस्ट ने निंदा की
ईरान पर इजरायल के हमलों के बाद मिडिल ईस्ट के अन्य देश सहम गए हैं। पिछले दो दिन में इजरायल ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर बड़े हमले किए। इनमें ईरान के कई सैन्य अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए। फिलहाल इजरायल के हमलों की मिडिल ईस्ट के अन्य देश कड़ी निंदा कर रहे हैं। ट्यूनीशिया के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में हमले को “ईरान की संप्रभुता और सुरक्षा का खुला उल्लंघन” बताया और चेतावनी दी कि इस तरह की कार्रवाइयां न सिर्फ क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता को भी खतरे में डाल सकती हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, ट्यूनीशिया ने ईरानी जनता के साथ एकजुटता व्यक्त की और अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से तत्काल और निर्णायक कार्रवाई करने का अनुरोध किया।
कूटनीतिक रास्ता अपनाकर विवाद सुलझाने का अनुरोध
इसी तरह, लीबिया के विदेश मंत्रालय ने भी इजरायली हमलों की निंदा करते हुए कहा कि “ये गंभीर उकसाव, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है।” मंत्रालय ने सभी पक्षों से शांति और कूटनीतिक रास्ता अपनाकर विवाद सुलझाने का अनुरोध किया।
इराक के विदेश मंत्री फुआद हुसैन ने मिस्र और जॉर्डन के समकक्षों, बद्र अब्देलात्ती और अयमन सफादी से फोन पर बात की। उन्होंने इस बातचीत में ईरान पर इजरायली हमलों की निंदा की और आगे तनाव बढ़ने से रोकने के लिए कूटनीतिक समाधान की अपील की। इराकी विदेश मंत्रालय के अनुसार, हुसैन और अब्देलात्ती ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत जारी रखने के महत्व पर जोर दिया, जबकि हुसैन और सफादी ने किसी भी तरह की और बढ़ोतरी को खारिज किया और नए संवाद की जरूरत पर जोर दिया।
इजरायल ने ईरान के खिलाफ खास ऑपरेशन में उसके लगभग 100 ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें तेहरान, नतांज, खोंदाब और खुर्रमाबाद जैसे इलाके शामिल हैं। ईरानी सरकारी मीडिया ने तेहरान के एक आवासीय इलाके में महिलाओं और बच्चों समेत कई आम नागरिकों की मौत का दावा किया है।