जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: कानपुर में बिकरू कांड के मास्टरमाइंड विकास दुबे के करीबी जयकांत वाजपेयी उर्फ जय वाजपेयी पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। जय वाजपेयी के कानपुर के ब्रह्म नगर इलाके में स्थित विवादित मकान में रह रहे तीन पुलिसकर्मियों को आईजी ने निलंबित कर दिया है।
बताया जा रहा है कि पुलिस विभाग के तीन उप निरीक्षक राजकुमार (थाना कर्नलगंज), उपनिरीक्षक उस्मान अली (थाना अनवरगंज) और उपनिरीक्षक खालिद (थाना रायपुरवा) जय वाजपेयी के ब्रह्म नगर स्थित मकान में रह रहे थे। यह खुलासा सीओ नजीराबाद की छापेमारी में हुआ। इसके बाद तीनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया।
उधर, बिकरू कांड में विकास दुबे के करीबियों को गिरफ्तार करने का सिलसिला जारी है। 11 अगस्त को उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने 50 हजार के इनामी बाल गोविंद दुबे उर्फ लालू को चित्रकूट से गिरफ्तार किया। पुलिस अब तक इस चर्चित कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे समेत छह अपराधियों का एनकाउंटर कर चुकी है।
अब तक 18 आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है। जबकि, विकास दुबे का भाई दीपक दुबे, राजाराम, शिव तिवारी, विष्णु पाल यादव उर्फ जिलेदार, रामू बाजपेई, गोपाल सैनी, हीरू दुबे, शिवम दुबे फरार हैं। इन सभी पर 25-25 हजार रूपए का इनाम भी घोषित किया जा चुका है।
11 आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया गया है। अब इनकी गिरतारी और आगे की न्यायिक प्रक्रिया में पुलिस को आसानी होगी। पुलिस इस प्रकरण में अब तक दयाशंकर अग्निहोत्री, शशिकांत, जेसीबी चालक, उमाकांत शुक्ला, गुड्डन त्रिवेदी समेत अब तक एक दर्जन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
इससे पहले कानपुर शूटआउट में नामजद उमाकांत शुक्ला ने चौबेपुर थाने में नाटकीय अंदाज में सरेंडर कर दिया था। वह अपने परिवार के साथ थाने पहुंचा। गले में तख्ती लटकाई थी, जिसमें खुद के विकास दुबे का साथी होने और कानपुर कांड के बाद आत्मग्लानि की लिखी थी।