आजकल बॉलीवुड में जो बॉयकॉट ट्रेंड चल रहा है, यह ज्यादा पुराना नहीं है। इसका चलन हाल के सालों में ही शुरू हुआ और अब इसमें लगातार बढ़ोतरी नजर आ रही है। पिछले साल ‘ब्रह्मास्त्र’ और ‘रक्षा बंधन’ जैसी कई बड़ी फिल्में ऑनलाइन बॉयकॉट कैंपेन की वजह से काफी अधिक प्रभावित हुई थीं। शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण अभिनीत ‘पठान’ के ‘बेशर्म रंग’ सांग को लेकर भी कुछ लोगों ने आपत्ति जताई। करीना कपूर इस बॉयकॉट ट्रेंड के पूरी तरह खिलाफ हैं और ऐसा होना स्वाभाविक भी है क्योंकि इसकी वजह से उन्हें बहुत नुक्सान पंहुचा है।
करीना कपूर कहती हैं कि ‘मैं इससे बिलकुल सहमत नहीं हूं क्योंकि यदि यह ट्रेंड सही है तो फिर फिल्में कैसे बन सकेंगी? फिल्में ही नहीं होंगी तो फिर लोगों का एंटरटेनमेंट कैसे होगा और उनकी लाइफ में एंजॉयमेंट और खुशी कहां से आएगी? बॉयकाट ट्रेंड से करीना इसलिए चिढ़ती हैं, क्योंकि आमिर खान के अपोजिट वाली उनकी पिछली फिल्म ‘लाल सिंह चड्डा’ बायकॉट ट्रेंड की भेंट चढ़ गई थी।
आमिर खान ने 2015 में एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी पत्नी किरण राव ने, भारत में बढ़ती असहिष्णुता के कारण भारत से मूव करने का सुझाव दिया है। उनके उस बयान की वजह से सोशल मीडिया के एक वर्ग ने एक लंबे अरसे बाद आमिर की रिलीज हो रही फिल्म ‘लाल सिंह चड्डा’ के बॉयकॉट का आह््वान किया था। फिल्म की रिलीज के वक्त करीना कपूर ने लोगों से पुरजोर अपील करते हुए कहा था कि लोगों को फिल्म का बहिष्कार नहीं करना चाहिए। करीना कपूर का कहना है कि ‘लोगों को सिर्फ और सिर्फ मनोरंजन चाहिए।
वे अच्छा सिनेमा, अच्छी कहानी तलाशते रहते हैं। अब कोविड 19 खत्म हो चुका है और लोग उससे आगे बढ़ चुके हैं। वे थिएटर में जाकर सिनेमा देखने और एंटरटेन होने को लेकर खुश हैं। ‘पठान’ द्वारा 1000 करोड़ के क्लब की शुरुआत करना इसका सबसे बड़ा सबूत है। बकौल करीना चाहे ओटीटी हो या सिनेमा हॉल, लोग केवल अच्छा कंटेंट ही देखना चाहते हैं।