नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। सनातन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का अधिक महत्व बताया गया है। इस पूर्णिमा पर महादेव की विशेष पूजा और व्रत से विशेष लाभ प्राप्त किया जा सकता है। इसके अलावा कार्तिक पूर्णिमा के दिन धन की देवी लक्ष्मी की पूजा करने की भी परंपरा है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन पूजा के दौरान लक्ष्मी चालीसा का पाठ करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इससे धन में वृद्धि होती है और आर्थिक संकट से मुक्ति मिलती है।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कुल 27 नक्षत्र होते हैं, जिनमें से भरणी नक्षत्र विशेष है। इस बार भरणी नक्षत्र 15 नवंबर 2024 को है। इसी दिन कार्तिक पूर्णिमा भी है। इस दिन गंगा स्नान और गंगा तट पर दान करने से बहुत शुभ फल मिलता है।
दीप दान का अधिक महत्व
इस दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा है जो सबसे शुभ समय माना जाता है। भरणी नक्षत्र में कार्तिक पूर्णिमा को भावनाओं की अभिव्यक्ति के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को देव दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन गंगा स्नान का भी महत्व है। यदि आप कार्तिक माह में प्रतिदिन सूर्योदय से पहले गंगा में स्नान करेंगे तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
इस होते हमारे बीच स्वयं विष्णु भगवान
इस दिन भगवान विष्णु स्वयं हमारे बीच होते हैं और हमें आशीर्वाद देने के लिए तत्पर रहते हैं। इस दिन सभी नकारात्मक शक्तियां समाप्त हो जाती हैं। इस दिन सभी सकारात्मक ऊर्जाएं स्वचालित होने लगती हैं। अत्यंत प्रबल देव उत्थान एकादशी के बाद ही कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाती है। इसी दिन भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार हुआ था। इसलिए धार्मिक ग्रंथों में इस दिन का बहुत खास महत्व है।
गंगा स्नान और दान का महत्व
कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करना चाहिए, गंगा तट पर दीपक जलाना चाहिए और दीप दान करना चाहिए। कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान के बाद पीले वस्त्र , पीले अनाज का, पीली वस्तुओं का दान करना बहुत लाभकारी होता है। इस प्रकार भक्तों पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है। ऐसा करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी परेशानियां दूर कर देते हैं।
इस दिन ये करें उपाय
कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी को अर्पित करना चाहिए। कार्तिक पूर्णिमा के दिन, पूजा के दौरान देवी लक्ष्मी को पीली कौड़ी अर्पित की जाती हैं। इन कौड़ियों को अगले दिन के लिए तिजोरी में रख देना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इससे देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान करने के बाद पीपल के पेड़ पर चीनी मिला हुआ दूध चढ़ाएं। धार्मिक मान्यता है कि इससे देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर पर उनकी कृपा बनी रहती है।
चंद्रदेव की पूजा के लिए पूर्णिमा का दिन सर्वोत्तम माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को जल चढ़ाने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, जिससे कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को अर्घ्य अवश्य दें।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करना और दीपदान करना बहुत शुभ माना जाता है। माना जाता है कि इससे आपको कर्ज से मुक्ति मिलेगी और आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीप दान करने से माता लक्ष्मी और श्रीहरि भी प्रसन्न होते हैं।