जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: कल सुहागिनों का महापर्व करवा चौथ है। हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं के द्वारा रखा जाना वाला यह एक खास व्रत है। करवा चौथ के पर्व में सुहागिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर शाम के चंद्रोदय होने तक व्रत रखती हैं। करवा चौथ में महिलाएं दिनभर निराहार और निर्जला व्रत रखते हुए अपने पति की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना करती हैं। व्रती महिलाएं सूर्योदय से पहले सरगी ग्रहण करती हैं और दिन भर उपवास रखते हुए शाम के समय करवा माता की पूजा, आरती और कथा सुनती हैं। इसके बाद शाम को चंद्रमा के निकलने का इंतजार करती हैं और जब चांद के दर्शन होते हैं तो सभी सुहागिन महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देते हुए अपने पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत खोलती हैं। सभी सुहागिन महिलाएं व्रत पूरा करने के बाद अपने सास-ससुर और बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लेते हुए करवा चौथ का पारण करती हैं।
करवा चौथ पूजा मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार करवा चौथ का त्योहार हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस बार करवा चौथ का पर्व 13 अक्तूबर 2022, गुरुवार को है। करवा चौथ पर दिनभर निर्जला व्रत रहते हुए भगवान शिव, माता पार्वती,स्वामी कार्तिकेय,भगवान गणेश और चंद्रदेव की पूजा होती है। करवा चौथ पर शुभ मुहूर्त में करवा माता की पूजा,आरती और कथा सुनने का विधान होता है। फिर इसके बाद चंद्रमा के दर्शन करते हुए अर्घ्य देकर व्रत पूरा करते हैं।
करवा चौथ पूजा शुभ मुहूर्त | शाम 05 बजकर 54 मिनट से 07 बजकर 03 मिनट तक |
अवधि | 1 घंटा 09 मिनट |
करवा चौथ चंद्रोदय का समय | शाम 08 बजकर 10 मिनट पर |
करवा चौथ तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष करवा चौथ का त्योहार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। पंचांग गणना के अनुसार इस बार करवा चौथ की चतुर्थी तिथि 13 अक्तूबर को रात 01 बजकर 59 मिनट पर प्रारंभ हो जाएगी। फिर 14 अक्तूबर को सुबह 03 बजकर 08 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार करवा चौथ का व्रत इस बार 13 अक्तूबर,गुरुवार को मनाई जाएगी।
करवा चौथ 2022 शुभ योग
करवा चौथ पर सर्वार्थसिद्ध योग बन रहा है। ज्योतिष में इस योग को बहुत ही शुभ माना जाता है। सर्वार्थसिद्धि योग से करवा चौथ की शुरुआत होगी। इसके अलावा शुक्र और बुध के एक ही राशि में यानी कन्या राशि में मौजूद होंगे। ऐसे में लक्ष्मी नारायण योग बनेगा। वहीं बुध और सूर्य के एक राशि में मौजूद होने पर बुधादित्य योग बनेगा। वहीं शनि और गुरु स्वयं की राशि में मौजूद रहेंगे। इस तरह के शुभ योग में पूजा करना बहुत ही शुभ लाभकारी रहता है।
करवा चौथ पर व्रती महिलाएं पूरे दिन निर्जला रखते हुए भगवान शिव, माता पार्वती, स्वामी कार्तिकेय और गणेशजी की पूजा-आराधना व मंत्रोचार करना बहुत ही शुभफलदायी होता है।
13 अक्तूबर 2022 को करवा चौथ पर दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा और गाजियाबाद में करीब शाम 08 बजकर 09 मिनट से 08 बजकर 30 मिनट के बीच चांद के दर्शन होंगे।
13 अक्तूबर 2022 को करवा चौथ पर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और अहमदाबाद में करीब शाम 08 बजकर 21 मिनट से 08 बजकर 41 मिनट के बीच चांद के दर्शन संभव हैं।
चंडीगढ़, लुधियाना, शिमला और जम्मू में करीब शाम 08 बजकर 06 मिनट से 08 बजकर 10 मिनट के बीच चांद निकलेगा।
प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर और वाराणसी में चांद करीब शाम 07 बजकर 52 मिनट से 08 बजकर 02 मिनट के बीच निकलने के संकेत हैं।
जयपुर, मुंबई, बंगलूरू और गुवाहटी में चांद 07 बजकर 15 मिनट से लेकर 09 बजे तक चंद्रमा के दर्शन होंगे।
मेरठ, देहरादून, आगरा और पटना में चांद के निकलने का समय 07 बजकर 44 मिनट से लेकर 08 बजकर 15 मिनट के बीच होगा।
करवा चौथ पूजा सामग्री
1.करवा 2. पूजा की थाली 3. छलनी 4.करवा माता का फोटो 5. सींक 6.जल 7. मिठाई 8.सुहाग की सभी चीजें 9.फूल- माला 10. दीपक 11.रोली 12.सिंदूर 13.मेहंदी 14. कलावा 15. चंदन 16. हल्दी 17. अगरबत्ती 18. नारियल 19. अक्षत 20. घी।
करवा चौथ मंत्र
- श्रीगणेश का मंत्र – ॐ गणेशाय नमः
- शिव का मंत्र – ॐ नमः शिवाय
- पार्वतीजी का मंत्र – ॐ शिवायै नमः
- स्वामी कार्तिकेय का मंत्र – ॐ षण्मुखाय नमः
- चंद्रमा का पूजन मंत्र – ॐ सोमाय नमः
- ‘मम सुख सौभाग्य पुत्र-पौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये।’
- ‘नमस्त्यै शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभा। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे।’
करवा चौथ आरती
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।। ओम जय करवा मैया।
सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी।
यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी।।
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती।
दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती।।
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।
होए सुहागिन नारी, सुख संपत्ति पावे।
गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे।।
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।
करवा मैया की आरती,व्रत कर जो गावे।
व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे।।
ओम जय करवा मैया,माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा,पार करो नइया।।