नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। सनातन धर्म में करवा चौथ व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। इस व्रत को सुहागिनें रखती हैं। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला उपवास रखती हैं, जिसका पारण चांद निकलने पर किया जाता है। इस बार करवा चौथ 20 अक्तूबर 2024 को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस दिन सुबह 06 बजकर 25 मिनट के बाद से लेकर सुबह 06:46 तक भद्रा का साया बना रहेगा। ऐसी मान्यता है कि भद्रा के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। इससे अशुभ परिणामों की प्राप्ति हो सकती हैं। तो आइए जानते है शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
शुभ मुहूर्त
इस साल करवा चौथ पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 20 अक्तूबर 2024 की शाम 5 बजकर 46 मिनट से शुरू होगा। ये मुहूर्त शाम 7 बजकर 02 मिनट तक रहने वाला है। इस दौरान आप विधि विधान से करवा माता की आराधना और कथा सुन सकते हैं।
पूजन विधि
करवा चौथ के दिन सुबह ही स्नान कर लेना चाहिए। इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण करें। अब पूजा करने के लिए सभी सामग्रियों को एकत्रित कर लें। फिर घर के मंदिर की दीवारों पर गेरू से फलक बनाकर करवा का चित्र बनाएं। इसके बाद महिलाएं मुहूर्त के अनुसार पूजा स्थान पर अपना स्थान लें, और करवा माता की कथा सुनें। कथा के बाद सभी बड़ो का आशीर्वाद लें और उन्हें शुभकामनाएं दें।
शाम के समय आप एक चौकी लगाएं, उसपर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं। फिर उसपर पर करवा माता की तस्वीर स्थापित कर लें, और चौकी के पास एक दीया जलाएं। इस दौरान एक करवा चावल भरकर उसे दक्षिणा के रूप में रख दें। इसके बाद चांद निकलने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दें। फिर चंद्र दर्शन करें। इस दौरान इसी छन्नी से पति का मुख देखें। अब पति के हाथों से पानी पीकर व्रत का पारण करें। अंत में करवा को सास या किसी सुहागिन स्त्री को दे दें, और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें।