Wednesday, June 26, 2024
- Advertisement -
HomeUttar Pradesh NewsMeerutखाकी का खेल: दुष्कर्म पीड़िता के परिवार पर ही समझौते का दबाव

खाकी का खेल: दुष्कर्म पीड़िता के परिवार पर ही समझौते का दबाव

- Advertisement -
  • जांच के नाम पर पीड़ित किशोरी के पिता को थाने ले गई पुलिस

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: पुलिस कितनी निर्दयीय होती है, इसका एक नमूना सरधना थाने में सामने आया है। इस थाना क्षेत्र के एक गांव में अनुसूचित जाति की मात्र 13 वर्ष की किशोरी से लगातार दुष्कर्म और गर्भपात होने के बाद भी पुलिस पीड़िता पर रहम करने के बजाए अब मामले को पैचअप करने में जुट गई है। पुलिस पीड़ित परिवार पर समझौता करने का दबाव बना रही है। जांच के बहाने किशोरी के पिता को जिला महिला अस्पताल से पुलिस सरधना थाने ले गई।

सरधना के एक गांव में अनुसूचित जाति की किशोरी के साथ गांव के ही एक युवक द्वारा दुष्कर्म करने का मामला आजकल चर्चा में है। इस मामले में पुलिस की कार्यशैली ने एक बार फिर सवालों के घेरे में है। पुलिस पर अंगुली कोई और नहीं बल्कि पीड़ित परिवार उठा रहा है। जिला महिला अस्पताल के द्वितीय तल पर जनरल वार्ड के एक कोने में एक बेड पर भर्ती 13 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता के पिता, मां और भाई तीमारदारी में लगे हैं। पीड़िता के पिता ने मीडिया को बताया कि छह दिन पूर्व उनकी पुत्री के पेट में तकलीफ होने पर उसका अल्ट्रासाउंड कराया तो वह छह माह की गर्भवती पाई गई।

इस पर उन्होंने पुत्री से पूछताछ की। उसने बताया कि पड़ोस के एक युवक ने छह माह पूर्व उसे रोटी बनाने के बहाने से घर में बुलाया था और उसके साथ दुष्कर्म किया। उसने दुष्कर्म की वीडियो भी बनाई और धमकी दी कि यदि उसने किसी को बताया कि वह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर देगा। उसे डराकर आरोपी सुभाष उससे लगातार दुष्कर्म करता रहा। करीब छह माह तक उससे दुष्कर्म किया गया। उन्होंने अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस को मामले से अवगत कराया, लेकिन पुलिस ने उन्हें टाल दिया।

इसके बाद उन्होंने लखनऊ पुलिस के आलाधिकारियों को मेल से गुहार की, वहां से भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। बीते बुधवार को पीड़िता के परिजनों ने थाने पर आरोपी सुभाष के खिलाफ तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने उसे दबा दिया न तो आरोपी को पकड़ा और न ही रिपोर्ट दर्ज की। गुरुवार की रात पीड़िता की हालत बिगड़ी। वह पूरी रात कर्राहती रही। तड़के करीब पांच बजे वे पीड़िता को सरधना के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लेकर पहुंचे। अस्पताल में किसी डाक्टर या अन्य कर्मचारी ने उसे देखने की जहमत नहीं की।

उसे एक टेबिल पर लेटा दिया गया और बताया गया कि आठ बजे डाक्टर आएगी तब ही उसका इलाज होगा। दो घंटे बुरी तरह तड़पकर उसने एक बच्चे को जन्म दिया, जिसे अस्पताल के स्टाफ ने मृत घोषित कर दिया। इस पर उन्होंने पुलिस को सूचना दी। किशोरी की हालत बिगड़ने पर पुलिस में खलबली मच गई। आनन-फानन में पुलिस ने किशोरी को मेडिकल कालेज पहुंचाया, जहां से उसे जिला महिला अस्पताल में भर्ती किया गया और मामले की रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

किशोरी के पिता की बात पर यदि यकीन किया जाए तो पुलिस कटघरे में खड़ी नजर आती है। पिता का आरोप है कि शुरू से लेकर अब तक पुलिस इस मामले को दबाने में जुटी है। पुलिस उस पर लगातार समझौता करने को दबाव बना रही है। शनिवार दोपहर सरधना पुलिस का एक एसआई जिला महिला अस्पताल पहुंचा और वह जांच करने की बात कहाकर पीड़िता के पिता थाने ले गया। वहां अधिकारियों ने उस पर समझौता करने के लिए दबाव बनाया।

ये कैसी सुरक्षा? एसआई वार्ड में नहीं घुसी

जिला महिला अस्पताल में भर्ती सरधरना के एक गांव में दुष्कर्म का शिकार हुई किशोरी की सुरक्षा में पुलिस ने एक महिला एसआई को तैनात किया है, लेकिन उक्त एसआई वार्ड में बैठने के बजाए बाहर बैठ रही है। पीड़ित परिवार को उन पर हमला होने का डर है। यहां अस्पताल में भर्ती दुष्कर्म पीड़िता किशोरी को भर्ती कराया गया। जहां वह द्वितीय तल पर जनरल वार्ड में भर्ती है। उक्त किशोरी की सुरक्षा में पुलिस ने एक महिला एसआई की तैनाती की है। शनिवार को महिला एसआई उक्त वार्ड के अंदर नहीं घुसी। वह वार्ड के बाहर मेन गेट से दूर एक बैंच पर बैठकर मोबाइल पर चैटिंग करती नजर आई। वार्ड में घुसने वाले को पुलिस के बजाए स्टाफ ने लोगों को रोका।

जांच में दोषी पाए जाने पर होगी कार्रवाई: सीएमओ

मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अखिलेश मोहन ने कहा कि दुष्कर्म पीड़िता किशोरी को सरधना के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर उपचार मिलने या मिलने के मामले की जिलाधिकारी दीपक मीणा द्वारा जांच बैठाई है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पत्रकारों से बातचीत में सीएमओ ने कहा कि इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। उन्होंने अपने स्तर पर पता कराया था, स्टाफ ने उन्हें बताया कि उक्त किशोरी को अस्पताल में भर्ती किया गया था। इसी बीच उसने मृत बच्चे को जन्म दिया। अब अस्पताल में किशोरी को उपचार न मिलने के आरोप लगाए गए। डीएम दीपक मीणा ने इसकी जांच बैठा दी है। जांच रिपोर्ट में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
1
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
- Advertisement -

Recent Comments