- हाइवे पर स्ट्रीट लाइटें बनी लोगों के लिए आफत
जनवाणी संवादादाता |
मोदीपुरम: एनएच-58 पर लगी स्ट्रीट लाइटें लोगों के लिए आफत का सबब बनी हुई हैं। क्योंकि यह लाइटें दिन में तो जगमग रहती है। रात में ही यहां अंधेरा छा जाता है। अधिकांश लाइटें तो रात में आजतक जल ही नहीं पाई है। टोलवे कंपनी के अधिकारी हर बार दावे करते हैं कि हाइवे पर स्ट्रीट लाइटें पूरी व्यवस्था के साथ जलती है, लेकिन रात में हाइवे का नजारा कुछ ओर ही देखने को मिलता है। जगह-जगह लगी यह स्ट्रीट लाइटें बंद रहती है और यहां अंधेरा ही छाया रहता है। तमाम शिकायतों के बाद न तो टोलवे कंपनी के अधिकारियों के सिर पर जू रेंग रही है और न ही एनएचएआई के अधिकारी इस प्रकरण को गंभीरता से ले रहे हैं।
परतापुर से लेकर रामपुर तिराहे तक 78 किमी के एरिया में स्ट्रीट लाइटों को जलाने का जिम्मा टोलवे कंपनी के हवाले है, लेकिन हाइवे पर लगी स्ट्रीट लाइटें शोपीस बनकर रह गई है। क्योंकि यहां स्ट्रीट लाइटें जलने के बजाए बंद रहती है। दिन में अगर हाइवे पर घूमकर देखा जाए तो कुछ लाइटें जलती हुई मिलेगी, लेकिन रात में यह लाइटें भी बंद हो जाती है। रात के अंधेरे में यात्रियों को सफर करना पड़ता है। अमूमन रात में अंधेरा होने के कारण जहां यात्री अपने आपको असुरक्षित महसूस करते हैं। वहीं, अपराधिक वारदातों को अंजाम देने में भी अंधेरा होने के कारण आसानी मिल जाती है।
इसलिए यह हाइवे लाइटों के लिहाज से असुरक्षित देखा जा रहा है। अगर हाइवे की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करना है तो यहां लगी स्ट्रीट लाइटों को ठीक करना होगा और हाइवे को रोशनी से जगमग करना होगा अन्यथा यह हाइवे पूरी तरह से अंधेरे में ही रहेगा। इस सम्बंध में टोलवे कंपनी के मेंटीनेंश अधिकारी ब्रजेश सिंह का कहना है कि हाइवे पर खराब पड़ी स्ट्रीट लाइटों को सही कराने के लिए निर्देश दे दिए गए हैं। जल्द ही हाइवे पूरी तरह से रोशनी से जगमग होगा।