जनवाणी संवाददाता |
फलावदा: सामाजिक एवं साहित्यिक संस्था अंजुमन इर्तिका-ए-अदब के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में विख्यात साहित्यकार अनवारूल हक शादां को शॉल उड़ाकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर शायरों ने अपनी कलम से शमा बांध दिया।
शुक्रवार की रात को आयोजित इस कार्यक्रम में चेयरमैन अब्दुस समद ने अपने उस्ताद अनवार उल हक़ शादाँ को शाल व मोमेंटो देकर सम्मानित किया।कार्यक्रम का आगाज ज़फ़र अब्बास की नाते पाक से किया गया। उस्ताद शायर अनवार उल “शादाँ” फरीदी ने अपना ख्याल पेश करते हुए कहा- एहसास तो है हाल-ए-दिल ए ज़ार का लेकिन, किस्मत के नव नविश्ते को मिटा भी नहीं सकते। मास्टर फैयाज अली “नादिर” ने कहा कि-इसकी मिट्टी में ही मिल जाएंगे “नादिर” इक दिन,हमको जाना है कहां मुल्क से हिजरत करके।
अब्दुस समद साहिर ने भी खूबसरत अंदाज में कहा- मुंशिफ़ ने सब दलीलें सितमगर की मान ली, मज़लूम ए हक़ नवाज़ अदालत में मर गय।मिर्जा हसीमुद्दीन “हमदम” निसार अहक़र, फरीदी शोएब, शाहजहांपुरी, तारिक़ मेरठी, ताज मोहम्मद ताज, रागिब आदि कवियों ने भी अपनी कविताओं से महफिल को रोनक बख्शी।
मुख्य रूप से शराफत, अशरफ अली, हाफिज इरफान, सुहेल अहमद, क़सीम रिजवी, बिलाल अहमद, आस मोहम्मद आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में चेयरमैन अब्दुस समद साहिर ने सभी शायरों व श्रोताओं का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मिर्जा हसीमुद्दीन हमदम ने की।