Monday, May 12, 2025
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चौराहे से तिराहा बनाया, नहीं बदला सिग्नल

  • तिराहे पर चल रहे सिग्नल तोड़ने के नाम पर पुलिस कर्मियों के भी हो रहे आॅनलाइन चालान
  • हापुड़ चौराहे की ट्रैफिक व्यवस्था को समझ पाना चुनौती से कम नहीं

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: महानगर के मध्य स्थित हापुड़ रोड चौराहे की ट्रैफिक व्यवस्था एक चुनौती बन गई है। यहां ट्रैफिक पुलिस की ओर से भगत सिंह मार्केट वाले रोड को वनवे कर दिया गया है, लेकिन इस चौराहे को तिराहे में तब्दील करने के बावजूद आज तक सिग्नल की व्यवस्था नहीं बदली जा सकी है। जिसके कारण इस चौराहे से गुजरने वाले वाहन चालक दुविधा की स्थिति में रहते हैं। इसी कारण इनमें से बहुत से लोगों के आॅनलाइन चालान भी हो जाते हैं, जिनमें ट्रैफिक पुलिस के सिपाही भी शामिल हैं।

बेगम पुल से बच्चा पार्क, ईव्ज चौराहा, सुभाष नगर आदि होते हुए हापुड़ रोड बस स्टैंड चौराहा पड़ता है। जहां पहले से ही गोल चक्कर बनाकर ट्रैफिक सिग्नल व्यवस्था काफी समय से लागू की हुई है। यहां से बाई तरफ सोहराब गेट गढ़ रोड डिपो स्थित है। जबकि चौराहे को पार करने के बाद में नौचंदी ग्राउंड के शंभू दास गेट और तिरंगा गेट पड़ते हैं। इसके ठीक सामने भूमिया पुल रोड पड़ता है, इसी के बगल में भगत सिंह मार्केट स्थित है।

पूर्व में सोहराब गेट गढ़ रोड की ओर से आने वाले वाहनों को सीधे भूमिया पुल जाने की सुविधा रही है। लेकिन भगत सिंह मार्केट में सुबह से देर रात तक शहर भर से आने वाले लोग खरीदारी करते रहने और हर समय भीड़भाड़ रहने के कारण है यहां होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने भगत सिंह मार्केट की साइड से रोड को वनवे बना रखा है। वर्तमान में यहां से भूमिया का पुल रोड पर जाने के लिए चौराहे से हापुड़ रोड की ओर बढ़ने के बाद सड़क के दूसरी ओर कट बनाया गया है।

सुरक्षा की दृष्टि से उठाया गया यह कदम हालांकि कारगर कहा जा सकता है, लेकिन इसमें एक पेंच यह फंसा हुआ है कि इस चौराहे पर पहले से ही लगाई गई ट्रैफिक सिग्नल की लाइटें आज भी चारों दिशाओं में जाने वाले वाहनों के संचालन के लिए ही अपने रंग बदलती रहती हैं। जबकि वाहनों की आवाजाही केवल गढ़ रोड से बेगम पुल की ओर तथा बेगमपुल की ओर से नौचंदी मैदान होते हुए हापुड़ रोड पर ही होती है।

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ऐसे में ट्रैफिक के सिग्नल पहले की तरह चारों ओर से आने वाले वाहनों के क्रम में संचालित होने के कारण वाहन चालकों में भ्रम की स्थिति बनी रहती है। उन्हें यह भी समझ नहीं आता की कौन सी लाइट देखकर उन्हें रुकना है, और किस लाइट को देखकर उन्हें आगे बढ़ना है। अक्सर ऐसा होता है एक ही समय पर 2-2 दिशाओं में जाने वाली लाइट या तो रेड हो जाती हैं, या ग्रीन हो जाती है। हापुड़ रोड की ओर से आने वाले वनवे पर भी रेड लाइट अपना काम करती रहती है। जबकि इस वन वे बनाए गए रोड पर किसी भी प्रकार से रेड लाइट का होने का कोई औचित्य ही नजर नहीं आता है।

अभी स्थिति है उन वाहन चालकों के समक्ष जो हापुड़ रोड की ओर से आने वाले रेड लाइट को पार कर जाते हैं। नियंत्रण कक्ष से संचालित होने वाली इन लाइट सिस्टम की निगरानी करने वाले इससे शायद अनभिज्ञ हैं कि यह वन वे रोड है यहां रेड लाइट का कोई मतलब नहीं रह जाता। ऐसे में उनके कैमरे में जब कोई वाहन चालक लाल बत्ती पार कर रहा होता है, तो उसे ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने की श्रेणी में रखते हुए आॅनलाइन चालान कर दिया जाता है।

यही स्थिति दूसरी दिशा में आने-जाने वाले वाहन चालकों के सामने भी पेश आती रहती है। ट्रैफिक पुलिस के एक कांस्टेबल ने बताया कि वह स्वयं आॅनलाइन चालान की इस अव्यवस्था का शिकार हो चुका है, और उसके घर भी चालान भिजवा जा चुका है। इस बारे में एसपी ट्रैफिक जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि हापुड़ रोड चौराहे की ट्रैफिक सिग्नल व्यवस्था को लेकर उनके पास पहले भी शिकायतें आ चुकी हैं। इस बारे में उन्होंने संबंधित अधिकारियों को अवगत कराया है। एसपी ट्रैफिक ने उम्मीद जताई कि एक सप्ताह में सिग्नल व्यवस्था ठीक करा दी जाएगी।

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