Monday, July 1, 2024
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माफिया ने चलाया सरकारी चकरोड पर बुलडोजर

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  • दिलावरा के जंगल में हो रहा मिट्टी का अवैध खनन
  • मौके पर पहुंची पुलिस ने डंपर, जेसीबी कब्जे में ली

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: माफिया पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बुलडोजर प्रदेश भर में चल रहा हैं, लेकिन मेरठ में माफिया का बुलडोजर अवैध खनन कर रहा हैं। रोहटा रोड खनन माफिया का बड़ा सेंटर बन गया है। दिलावरा, सिंघावली के जंगल में खनन माफिया जैसे ही अंधेरा होता है, तभी बुलडोजर चलने लगता हैं। यदि मिट्टी का खनन नियम से किया जा रहा है तो फिर दिन के उजाले में क्यों नहीं, रात के अंधेरे में ही मिट्टी खनन व्यापक स्तर पर किया जा रहा हैं।

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‘जनवाणी’ ने किसानों के साथ मिलकर खनन माफिया के खिलाफ स्टिंग किया, जिसमें खनन माफिया जेसीबी मशीन और डंपर लेकर खनन करने में जुट जाता हैं। खनन भी सरकारी चकरोड पर किया जा रहा था। सरकारी चकरोड़ पर खनन किसी भी सूरत में नहीं किया जा सकता, लेकिन यहां तो बुलडोजर लगाकर चकरोड की खुदाई कर डंपर में लोड किया जा रहा था। एक-दो नहीं, बल्कि चार डंपर मिट्टी की ढुलाई में लगे हुए थे।

प्रभाकर चौधरी ने जब एसएसपी का प्रभार संभाला था, तब पुलिस में खौफ था। कई माह तक मिट्टी का खनन पुलिस ने बंद करा दिया था, लेकिन पुलिस का भ्रष्टाचार आखिर कब तक रुक सकता हैं। अब थानेदार स्तर पर पुलिस ने मिट्टी खनन में खेल आरंभ कर दिया, तभी तो मिट्टी का व्यापक स्तर पर खनन चल रहा हैं। किसानों ने सरकारी चकरोड़ पर खनन होते हुए देर रात में पकड़ लिया।

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बड़ी तादाद में किसान जंगल में पहुंच गए, जिसके बाद खनन माफिया को भी पकड़ लिया। खनन माफिया ने अपना नाम रोहित पुत्र ओमपाल निवासी दबथुवा बताया। कहा कि कुछ लोग उससे पैसे लेते हैं, फिर मिट्टी का खनन कराते हैं। इसमें एक पूरा रैकेट काम कर रहा हैं। सिघावली गांव के खालिद और उसके दर्जन भर साथी अवैध खनन का काम कराते हैं। इनका गठजोड पुलिस, प्रशासन और खनन अधिकारी से हैं। तीनों के गठजोड से ही मिट्टी खनन का काम चल रहा हैं।

व्यापक स्तर पर इस गोरखधंधे में लोग लगे हुए हैं। शहर भर में मिट्टी की आपूर्ति की जाती हैं। पूरी-पूरी रात मिट्टी के डंपर खनन में लगे रहते हैं। किसान के खेत की मिट्टी का खनन करने के लिए अनुमति लेनी होती हैं, लेकिन यहां तो सरकारी चकरोड पर ही मिट्टी का खनन किया जा रहा हैं। करीब दो सौ मीटर लंबी सरकारी चकरोड का मिट्टी खनन अब तक किया जा चुका हैं। जैसे ही दिन ढलता है तो खनन माफिया सक्रिय हो जाते हैं।

पेट्रोल पंपों से डंपर में डीजल भरवाना। जेसीबी मशीन को जंगल में लेकर जाना, फिर खनन तेजी से आरंभ कर दिया जाता हैं। यह सब काम रात के अंधेरे में चलता हैं। यदि मिट्टी खनन करना गलत नहीं है तो फिर दिन के उजाले में यह धंधा क्यों नहीं किया जा रहा हैं? यह बड़ा सवाल हैं।

माफिया की गाड़ी पर लगा था जिपं अध्यक्ष स्टीकर

जब किसानों ने खनन माफियाओं को मौके पर मिट्टी का खनन करते हुए पकड़ लिया तो इसके बाद एक काले रंग की स्कार्पियों मौके पर पहुंची, जिसमें खनन माफिया सवार होकर अपने लोगों को बचाने के लिए आये थे। इस स्कार्पियों पर जिला पंचायत अध्यक्ष का स्टीकर चस्पा था। इस तरह से माफिया ने पुलिस और किसानों को भी दबाव में लेने का प्रयास किया। सत्ता से जुड़े होने की धमकी दी।

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कहा कि भाजपा में उनकी ऊंची पहुंच है, जिसके चलते ही मिट्टी का खनन किया जा रहा हैं। इस तरह से खनन माफिया ने पुलिस पर भी हावी होने की कोशिश की। आखिर कौन है जो जिला पंचायत अध्यक्ष का स्टीकर गाड़ी पर लगाकर रात के अंधेरे में मिट्टी का व्यापक स्तर पर खनन करा रहे हैं? क्या पुलिस इन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कर पाएगी?

किसानों ने पकड़ा तो पहुंची पुलिस

रात के अंधेरे में जिस समय मिट्टी खनन दिलावरा के जंगल में चल रही थी, तब किसानों ने खनन माफिया को पकड़ लिया। बड़ी तादाद में किसान यहां पहुंच गए। किसानों ने इस खनन की सूचना कंकरखेड़ा थाने में दी, जिसके बाद शोभापुर पुलिस चौकी के दारोगा मय स्टाफ के जंगल में पहुंचे। रात्रि में ही देखा कि चकरोड़ का खनन किया जा रहा है, जो किया नहीं जा सकता।

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इसको लेकर पुलिस ने सख्ती दिखाई। जैसे ही खनन माफिया के जनवाणी टीम ने फोटो लिये तो इसके बाद पुलिस कर्मियों ने कहा कि डंपर और जेसीबी मशीन को कब्जे में लेकर पुलिस चौकी पर खड़ा किया जाए। खनन माफियाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाए। इस तरह से पुलिस भी खनन माफिया पर बिफर पड़ी। क्योंकि शोभापुर पुलिस के संरक्षण में ही मिट्टी खनन का व्यापक स्तर पर काम चल रहा था, जिसकी कलई खुली पुलिस कर्मियों को पसीने छूटने लगे।

ईमानदार एसएसपी, फिर कैसे खनन करा रही पुलिस?

प्रभाकर चौधरी ईमानदार और साफ छवि के अधिकारी हैं। जिस दिन से उन्होंने एसएसपी का पदभार संभाला, तभी से खनन बंद भी हो गया था, लेकिन बीच में पुलिस ने मिट्टी खनन लालच में चालू करा दिया। रात के अंधेरे में सड़कों पर दौड़ते मिट्टी के डंपर आखिर खनन अधिकारी, पुलिस और प्रशासन को दिखाई क्यों नहीं देते। जनता को ये मिट्टी के डंपर दिखाई देते हैं, लेकिन अधिकारियों ने आखिर कौन सा चश्मा लगा रखा है कि उनको ये मिट्टी खनन में लगे डंपर दिखाई ही नहीं देते। तमाम पुलिस चौकी व थानों की सीमा को लांघते हैं, लेकिन पुलिस फिर भी इन पर कार्रवाई क्यों नहीं करती। यह बड़ा सवाल है।

भ्रष्टाचार के मामले में चौकी प्रभारी सस्पेंड

एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने सरधना कोतवाली में तैनात पुलिस चौकी प्रभारी दरोगा को भ्रष्टाचार के आरोप में सस्पेंड कर दिया है। आरोप है कि दारोगा ने चोरी का एक ट्रैक्टर सेटिंग करके छोड़ दिया। मामला कप्तान तक पहुंचा तो जांच में सबकुछ सामने आ गया। जिसके बाद एसएसपी ने चौकी प्रभारी को सस्पेंड करने की कार्रवाई की है।

सरधना कोतवाली में तैनात एसआई रतिभान सिंह नगर चौकी प्रभारी के रूप में तैनात थे। मिली जानकारी के अनुसार करीब 20 दिन पूर्व दारोगा ने चोरी का एक ट्रैक्टर पकड़ा था। जिसके साथ कई अन्य लोग भी पकड़े गए थे। आरोप है कि दरोगा ने ट्रैक्टर व आरोपी सेटिंग करके छोड़ दिए। मगर यह मामला किसी तरह एसएसपी तक पहुंच गया। मामले की जांच हुई तो शिकायत सही पाई गई।

जिसके बाद कप्तान ने भ्रष्टाचार के आरोप में दारोगा रतिभान सिंह को सस्पेंड कर दिया। इससे पहले भी अधिकारी के पास दारोगा की शिकायतें पहुंच रही थी। इस संबंध में इंस्पेक्टर लक्ष्मण वर्मा का कहना है कि एक ट्रैक्टर के मामले में चौकी प्रभारी सस्पेंड हुए हैं।

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