भाषणा गुप्ता
स्वास्थ्य विशेषज्ञों और आहार शास्त्रियों के मुताबिक कच्चा भोजन ऐसा भोजन है जिससे हमें शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आवश्यक तत्व स्वयंमेव प्राप्त हो जाते हैं। यदि फल, अन्न व ताजी सब्जियों को बिना पकाए खाया जाए तो यह शरीर के लिए सबसे सर्वोत्तम आहार है क्योंकि इन खाद्य पदार्थों को पकाने, उबालने, भूनने अथवा तल कर खाने से उनमें स्थित उपयोगी तत्व हमारे शरीर को नहीं मिल पाते। पाचन शक्ति के कमजोर होने का सबसे बड़ा कारण यही होता है।
कच्चा भोजन क्यों लें
चूंकि कच्चे भोजन को अच्छी तरह चबाकर ही निगला जा सकता है अत: शरीर को पौष्टिक तत्व मिलने के साथ-साथ ही यह दांतों का व्यायाम भी करते हैं। आमतौर पर अधिक तलकर, भूनकर या पकाकर खाना खाने से पेट को हानि पहुंचती है। यदि भोजन को पकाने की बजाय कच्चा खाया जाए तो पेट ठीक रहता है, साथ ही दांत भी स्वस्थ रहते हैं।
कच्चे भोजन में मिलावट नहीं हो सकती जैसा कि डिब्बाबंद, बोतलबंद या अन्य कृत्रिम भोजनों में होती है। कच्चे पदार्थ न तो जल्दी खराब होते हैं व न ही उनमें पके भोजन की तरह जल्द ही उफान आता है। ऐसे भोजन में पौष्टिक और अपौष्टिक दोनों तरह के तत्व सही परिमाण में होते हैं जो हमारी भोजन नली और उससे संबंधित अवयवों की बनावट और गठन के अनुकूल होते हैं। वैसे भी यदि एक बार में एक ही तरह का यानी कच्चे पदार्थों का आहार लिया जाए तो वह जल्दी पच जाता है। इसके अलावा कच्चे भोजन में खनिज लवण, कार्बोज, वसा, अम्ल आदि उपयोगी पौष्टिक तत्व स्वाभाविक अवस्था में विद्यमान रहते हैं।
कैसा हो कच्चा भोजन
कच्चे भोजन में ऐसे खाद्य पदार्थ लें जिन्हें कच्चे रूप में ही आसानी व मजे से खाया जा सके जैसे-टमाटर, मूली, गाजर, बंदगोभी, शलजम, प्याज, खीरा, ककड़ी आदि। कई साग जैसे पालक का साग, बथुआ का साग, मूली के नरम पत्ते आदि कच्चे रूप में सेवन किए जा सकते हैं पर इन्हें प्रयोग से पूर्व बहुत अच्छी तरह धो लें या हल्का उबाल लें ताकि कोई कीड़े आदि न रहें। पुदीना, हरा धनिया, कच्चे आम, इमली आदि को चटनी के रूप में कच्चा खाया जा सकता है। हरी मटर, हरा चना, हरा गेहूं, हरी मक्का आदि हरी व कच्ची अवस्था में आसानी से खाये जा सकते हैं। ये आसानी से पच जाते हैं। शुरू में इनकी थोड़ी मात्र का सेवन करें, फिर धीरे-धीरे मात्र बढ़ा दें। इन खाद्य पदार्थों को खूब चबा चबा कर खाएं। इससे उन्हें पचाने में आसानी होती है। यदि आप कच्चा भोजन करने के आदी नहीं हैं तो आपको प्रतिदिन अपने भोजन में एक प्लेट सलाद का सेवन करना चाहिए। ऐसा करने पर आप शीघ्र ही पाएंगे कि आपके शारीरिक स्वास्थ्य को काफी लाभ हुआ है।
सलाद के रूप में कच्चा भोजन लें
-सलाद के रूप में भी हम कच्ची साग-सब्जियों का सेवन कर सकते हैं। ये कच्ची सब्जियां प्राकृतिक लवणों का भंडार लिए होती हैं। इन साग-सब्जियों को अधिक स्वादिष्ट बनाने हेतु इन्हें कृत्रिम रंग देने व कृत्रिम वस्तुओं का प्रयोग करने की बजाय इनको प्राकृतिक पदार्थों से ही स्वादिष्ट बनाया जाए तो सलाद की पौष्टिकता नष्ट होने से बची रहेगी।
-सलाद को स्वादिष्ट बनाने हेतु चार चीजों का विशेष योगदान होता है और वे हैं नमक, दही, नींबू का रस व शहद। इनके अलावा गुड़, किशमिश, अंगूर का रस, आम की चटनी, धनिया, पुदीना आदि से भी सलाद को स्वादिष्ट बनाया जा सकता है।
-वैसे तो सलाद को बिना नमक डाले खाना ही बेहतर समझा जाता है क्योंकि सलाद ऐसी साग सब्जियों से बनता है जिनमें प्राकृतिक रूप से ही उतना नमक विद्यमान होता है जितनी मात्र की हमें आवश्यकता होती है इसलिए सलाद को बिना नमक के ही सेवन करें मगर यदि किसी व्यक्ति को बिना नमक के सलाद अच्छा न लगता हो तो हल्का नमक डालकर खाना ही बेहतर है।
-ऐसे पके फल जो कम मीठे होते हैं, उन पर शहद डालकर उन्हें मीठा व स्वादिष्ट बनाया जा सकता है। सलाद में दो-तीन चम्मच शहद डालकर उसे स्वादिष्ट बनाएं। शहद की तरह नींबू भी सलाद हेतु पूरक का कार्य करता है। सलाद को स्वादिष्ट बनाने के लिए सिरके का भी प्रयोग किया जाता है मगर सिरके में खनिज लवण आदि के न होने के कारण नींबू का ही प्रयोग करना बेहतर है।
-सलाद के लिए हमेशा ताजे फलों व सब्जियों का ही प्रयोग करना चाहिए ताकि उनमें वे सभी प्राकृतिक गुण उसी अवस्था में मौजूद रहें। सूखी या गली-सड़ी सब्जियों का सेवन कदापि न करें क्योंकि इनमें मौजूद तत्व लगभग नष्ट हो जाते हैं।
-पत्तेदार सब्जियों में सिर्फ हरी पत्तियों वाली सब्जियों का ही सलाद के रूप में सेवन करें, पीली-पीली पत्तियों का नहीं। हरी पत्तियों का सलाद बनाने से पहले उन्हें पानी में धोकर सुखा लें।
-सब्जियों व फलों का सलाद बनाते समय उन्हें अच्छी तरह धो कर पोंछ लें। अक्सर कुछ फलों व सब्जियों पर उन्हें कीड़ों से बचाने हेतु रसायनों का छिडकाव किया जाता है जिनमें मारक विष मौजूद होने से हमारे शरीर को लाभ की बजाय हानि हो सकती है।
-सलाद बनाते समय यह ध्यान रखें कि सलाद में अधिक से अधिक तीन पदार्थों का ही प्रयोग करें। अच्छा सलाद वही माना जाता है जो बिलकुल सादा हो और जिसमें तीन से अधिक वस्तुओं का सम्मिश्रण नहीं हो। ऐसे सलाद में ही वास्तविक पौष्टिक तत्व होते हैं।
-सलाद के लिए उपयोग लायी जाने वाली सभी चीजें स्वास्थ्य के लिए अत्यंत उपयोगी होती हैं मगर यदि किसी व्यक्ति को उनमें से कोई चीज कच्ची खाने में अच्छी न लगे तो सलाद तैयार करते समय उस अच्छी न लगने वाली चीज के साथ दो-तीन रूचि की चीजों का प्रयोग करना चाहिए जिनकी मदद से वह रूचिहीन चीज भी आसानी से खाई व पचाई जा सके।