- गिरोह के सरगना की गिरफ्तारी के लिए दी जा रही ताबड़तोड़ दबिश
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: देश भर के युवाओं को झकझोर देने वाले सुभारती नकल कांड में एसटीएफ के रडार पर अभी कई नाम हैं। वहीं, दूसरी ओर इस गिरोह के सरगना की तलाश में भी एसटीएफ ताबड़तोड़ दबिश दे रही है। रविवार को भी एसटीएफ की टीम ने हरियाणा में कई स्थानों पर ताबड़तोड़ दबिश दी। हालांकि सफलता नहीं मिली। अधिकारियों की मानें तो अभी कई महत्वपूर्ण सवाल हैं, जिनके जवाब सरगना की गिरफ्तारी के बाद ही मिल सकेंगे।
बीते 26 जुलाई को एसटीएफ ने मेरठ की एक यूनिवर्सिटी की कंप्यूटर लैब में निजी एजेंसी द्वारा कराई जा रही सीएसआईआर नेट परीक्षा में साल्वर गैंग का भंडाफोड़ किया था। मौके से लैब मैनेजर अरुण शर्मा, लैब असिस्टेंट विनीत और परीक्षा कराने वाली कंपनी के सर्वर आॅपरेटर अंकुर सैनी को गिरफ्तार किया गया। एसटीएफ की पूछताछ में अरुण ने पूरे खेल का खुलासा किया। एसटीएफ ने तत्काल कार्रवाई करते हुए हरियाणा के चार अभ्यर्थियों अंकित, मोनिका, तमन्ना और ज्योति को भी धर दबोचा। इन सभी से पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह हरियाणा का एक साल्वर गैंग है,
जिसमें मुख्य सरगना हरियाणा के झज्जर निवासी अजय उर्फ बच्ची के अलावा रोहटा के ग्राम मढ़ी का दीपक, हरियाणा के ग्राम ढाकला का मोनू उर्फ मनीष और गांगनोली बागपत का अनिल राठी शामिल है। एसटीएफ मेरठ फील्ड यूनिट के प्रभारी एएसपी बृजेश सिंह का कहना है कि सात आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ का पूरा फोकस सरगना की गिरफ्तारी पर है। रविवार को भी टीम ने हरियाणा और दिल्ली समेत कई स्थानों पर ताबड़तोड़ दबिश डाली, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
जल्द इन आरोपियों को गिरफ्तार कर एसटीएफ शेष सवालों के जवाब भी ढूंढ निकालेगी। वहीं, इस संबंध में एएसपी, एसटीएफ, मेरठ फील्ड यूनिट बृजेश सिंह का कहना है कि एसटीएफ का पूरा फोकस इस गिरोह के सरगना की गिरफ्तारी पर है। इसके लिए टीम लगातार दबिश दे रही है। जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी कर पूरे प्रकरण से पर्दा उठाया जाएगा। जानी थाने पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। मामले की विवेचना जानी पुलिस ही करेगी।
लेपटॉप में छुपे हैं शातिरों के राज
एसटीएफ ने छापेमारी के दौरान मौके से एक लैपटॉप के अलावा पांच सीपीयू, दो बूटेबल पैन ड्राइव और चार मोबाइल फोन जब्त किये हैं। इन सभी को लैब भेजा गया है। लैब में होने वाली जांच ही इस पूरे खेल से पर्दा उठाएगी। दरअसल, एसटीएफ ने जिस दिन छापा मारा, उससे एक दिन पहले (25 जुलाई) भी यह परीक्षा संपन्न हुई थी। शुरुआती छानबीन में पुलिस के सामने 25 जुलाई की परीक्षा में शामिल काफी अभ्यर्थियों के नाम सामने आये हैं, जो साल्वर गैंग से जुड़े थे। इस गैंग ने उन अभ्यर्थियों के भी प्रश्न पत्र हल किए थे। संभावना जताई जा रही है कि यह चेन लंबी हो सकती है। अब कितने लोग इस गैंग से जुड़े हैं, इसका पता जांच के बाद ही होगा।