Monday, July 1, 2024
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आउटसोर्सिंग स्टाफ पर खुद नियंत्रण रखेगा मेडिकल

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  • स्टॉप कर्मियों के कार्य बहिष्कार के बाद प्राचार्य आरसी गुप्ता ने लिए सख्त फैसले
  • हॉस्पिटल कैंपस से जीत कंपनी का कार्यालय तुरंत हटाने के आदेश जारी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: मेडिकल अस्पताल में आउटसोर्सिंग स्टाफ कर्मियों को उनकी ड्यूटी से हटाने के विरोध में दूसरे दिन भी गतिरोध जारी रहा जिसके चलते स्टाफ कर्मियों ने कार्य बहिष्कार करते हुए पर आचार्य कार्यालय के सामने धरना दिया। इसके उपरांत नोडल अधिकारियों से की गई वार्ता के आधार पर प्राचार्य आरसी गुप्ता ने कई महत्वपूर्ण और सख्त फैसले लिए हैं। जिसमें सेवा प्रदाता कंपनी को आउटसोर्सिंग कर्मियों की अटेंडेंस समेत किसी भी कार्य में दखल देने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। साथ ही हॉस्पिटल कैंपस से जीत कंपनी का दफ्तर बंद करने के आदेश भी जारी किए गए हैं।

मेडिकल हॉस्पिटल में जीत सिक्योरिटी सर्विसेज प्रयागराज कंपनी के माध्यम से आउटसोर्सिंग के करीब 700 स्टाफ कर्मी अपनी सेवाएं देते चले आ रहे हैं। मेडिकल हॉस्पिटल में ताजा गतिरोध की शुरुआत शनिवार शाम उस समय उत्पन्न हुई, जब कंपनी की ओर से इंचार्ज बनाई गई महिला कर्मी ने अंकित शर्मा, नीतू, जोगेंद्र और रवि कुमार को सुपरविजन के कार्य से हटकर नर्सिंग कार्य पर भेजने के आदेश किए। इस परिवर्तन का आउटसोर्सिंग स्टाफ कर्मियों ने विरोध किया। यह मामला नोडल आॅफिसर डॉ. तरुण पाल के माध्यम से प्राचार्य आरसी गुप्ता तक भी पहुंचा।

रविवार सुबह इसी मामले को लेकर काफी संख्या में स्टाफ कर्मी जीत सिक्योरिटी सर्विसेज के कार्यालय पर एकत्र हो गए। जिन्होंने नारेबाजी करते हुए महिला इंचार्ज को यहां से हटाने की मांग उठाई। स्टाफ कर्मियों के आक्रोश को देखते हुए जीत कंपनी की महिला प्रतिनिधि वहां से निकल गई। सोमवार सुबह आउटसोर्सिंग स्टाफ जब अपनी अटेंडेंस लगाने के लिए सेवा प्रदाता कंपनी के कार्यालय पहुंचा, तो वहां ताला लगा हुआ पाया गया। जिसके चलते स्टाफ में फिर से आक्रोश की स्थिति उत्पन्न हो गई। सभी कार्य बहिष्कार करके प्राचार्य आरसी गुप्ता के कार्यालय के समक्ष एकत्र हो गए।

कार्य बहिष्कार की सूचना पाकर नोडल अधिकारी डॉ. तरुण पाल और सहायक नोडल अधिकारी दिनेश राणा भी प्राचार्य आॅफिस पहुंच गए। प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता और नोडल अधिकारियों के बीच हुई वार्ता के उपरांत सबसे पहले फैसला यह लिया गया कि सेवा प्रदाता कंपनी का कोई इंचार्ज मेडिकल हॉस्पिटल में नहीं रहेगा। न ही सेवा प्रदाता कंपनी का कोई कार्यालय कैंपस में रहेगा। आउटसोर्सिंग के जो कर्मचारी मेडिकल हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, उनके अटेंडेंस का हिसाब किताब मेडिकल हॉस्पिटल स्वयं रखेगा।

प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि आउटसोर्सिंग का समस्त स्टाफ प्रभारी अधिकारी आउटसोर्स और मेडिकल कॉलेज सहायक नर्सिंग अधीक्षिका के अधीन कार्य करेगा। संबंधित महिला स्टाफ नर्स पूजा चौधरी का आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के कार्य में कोई हस्तक्षेप नहीं रहेगा। कार्यालय स्तर से आउटसोर्सिंग स्टाफ की अटेंडेंस ली जाएगी। हॉस्पिटल कैंपस से जीत सिक्योरिटी, जीत एचआर एंड सिक्योरिटी का कोई कार्यालय नहीं रहेगा। इस आदेश के बाद शांत होकर सभी स्टाफ कर्मी अपने-अपने काम पर लौट गए।

जीत कंपनी को प्राचार्य का आदेश शिरोधार्य

प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता के स्तर से लिए गए निर्णय को जीत सिक्योरिटी सर्विसेज ने बिना किसी प्रतिवाद के स्वीकार कर लिया है। कंपनी की ओर से इस संबंध में नर्सिंग अधीक्षिका (मैट्रन) को एक पत्र प्रेषित किया गया है। जिसमें बताया गया कि प्राचार्य से दूरभाष पर हुई वार्ता के क्रम में मेसर्स जीत सिक्योरिटी सर्विसेज, प्रयागराज को मेडिकल कालेज कैम्पस में किसी कार्यालय की आवश्यकता नहीं है। और न ही कार्यालय में किसी सुपरवाइजर या स्टाफ की आवश्यकता है। क्योंकि कार्यरत सुपरवाइजरों के स्तर से कार्यालय के गोपनीय दस्तावेज वाइरल करने का कार्य, कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारियों से एमएल व सीएल स्वीकृति के नाम पर धन वसूली का कार्य,

मनपसन्द पोस्ट पर ड्यूटी देने के लिए धन वसूली का कार्य व कर्मचारियों को गुमराह करके हड़ताल कराने का कार्य किया जा रहा था। जिसकी जानकारी विश्वस्त सूत्रों से शनिवार को सायं प्राप्त होने पर तत्काल प्रभाव से सभी सुपरवाइजरों व स्टाफ को उनके मूल पद पर वापस कर दिया गया है। साथ ही आवश्यक दस्तावेज, उपस्थिति रजिस्टर, चाभियां आपके कार्यालय में जमा करा दिया गया है। फर्म की ओर से नामित राउंड सुपरवाइजर पूर्व की भांति कार्य करते रहेंगे। पत्र में कहा गया कि सभी सुपरवाइजर व स्टाफ से वार्ड में ड्यूटी कराना सुनिश्चित किया जाए।

आउटसोर्सिंग स्टाफ को लेकर कुछ विवाद की स्थिति बनी इसके संबंध में नई व्यवस्था लागू की गई है। अब सेवा प्रदाता कंपनी की ओर से कोई इंचार्ज मेडिकल हॉस्पिटल में नहीं रहेगा। उनका कार्यालय भी कैंपस से हटाया जाएगा। आउटसोर्सिंग स्टाफ की अटेंडेंस का लेखा-जोखा भी मेडिकल हॉस्पिटल के स्तर से रखा जाएगा उनके रुके हुए वेतन संबंधी मामले के निस्तारण के लिए भी शीघ्र व्यवस्था की जाएगी। -डा. आरसी गुप्ता, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज, मेरठ

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