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महिलाओं ने की पिंक टॉयलेट की मांग
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कहते हैं हाथी के दांत दिखाने के कुछ और व खाने के कुछ और होते हैं। यह कहावत मेरठ की व्यवस्थाओं पर बिल्कुल सटीक बैठती है। कागजी व निर्माण कार्यों को देखने में मेरठ का स्वरूप आधुनिक और सुख सुविधाओं से लैस दिखाई देता है। पर, वास्तविकता में जमीनी स्तर पर सभी योजनाएं कहीं नजर नहीं आतीं।
स्वस्थ भारत स्वच्छ भारत के तमाम नारे केवल जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की फाइलों तक ही सिमट कर रह जाते हैं। अक्सर नगर निगम के अधिकारी शौचालयों का निर्माण व शिलान्यास तो कर देते हैं पर उनका रख रखाव और सफाई की तरफ ध्यान देना भूल जाते हैं।
दिल्ली रोड का दिल और शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र माने जाने वाला इलाका शारदा रोड बाजार शौचालय की समस्या से जूझ रहा है। शारदा रोड बाजार में लगभग 300 से 400 दुकानें हैं। साथ ही इसी इलाके में एक गर्ल्स डिग्री कॉलेज, गर्ल्स इंटर कॉलेज, दो बेसिक शिक्षा के स्कूल व दो पब्लिक स्कूल हैं।
बावजूद इसके शौचालय की कोई उचित व्यवस्था नही है। जो शौचालय है, उनकी भी हालत गंदगी और दुर्गन्ध से बदहाल है। बाजार में आने वाले लोगों को शौचालय न होने से भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अक्सर शौचालय की तलाश में लोग भटकते देखे जा सकते हैं। नगर निगम भी इस बड़ी जरूरत की तरफ से आंखें मूंदे हुए है।
राकेश गौड़ बताते हैं कि बाजार में तीन पुरुष शौचालय बने हुए हैं, जिनकी हालत दयनीय है। बदहाली के कारण यहां पर जाना मुश्किल होता है। शौचालय की नियमित स्वछता के लिए एक स्थाई कर्मचारी नियुक्त किया जाना चाहिए।
शिवानी शर्मा बताती हैं कि बाजार में अक्सर खरीदारी करने आती हैं तो शौचालय की समस्या झेलनी पडती है जिससे बहुत दिक्कत आती है। बाजार में महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट बनना चाहिए।
निगम पार्षद राजीव गुप्ता काले बताते हैं कि बाजार में शौचालय की कोई उचित व्यवस्था ना तो पुरषों के लिए है ना ही महिलाओ के लिए। यहां ना तो बाजार में कोई खुले में जाने की व्यवस्था है ना ही आसपास कोई व्यवस्था है जिस कारण यहां आने वाले लोगों को बहुत परेशानी होती है।
शिल्पी बताती हैं कि उनके बच्चे यहां कॉलेज में पढ़ने आते है। अक्सर छात्राओं को शौचालय जाने की समस्या होती है। नगर निगम को इस तरफ ध्यान देना चाहिए और प्राथमिकता पर रखकर शौचालय बनवाना चाहिए।