नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। बीते दिन यानि शुक्रवार को माइक्रोसॉफ्ट सर्वर डाउन होने से मानों दुनिया की रफ्तार थम सी गई हो। बताया जा रहा है कि ये आईटी क्रैश हाल के वर्षों में सबसे बड़ा आईटी संकट बन गया है। यहां तक की इस समस्या को डिजिटल महामारी तक कहा जा रहा है।
वहीं, इस संकट को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी कई तरह की साजिशों के झूठे दावे चल रहे हैं। जिसमें से एक ये तीसरे विश्वयुद्ध की शुरूआत कही जा रही है। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि यह दुनिया के शीर्ष वर्ग को निशाना बनाकर किया गया साइबर अटैक है।
सर्वर डाउन होने से कई संस्थानों पर पड़ा असर
माइक्रोसॉफ्ट सर्वर के डाउन होने से दुनियाभर में एयरलाइंस, बैंक, टीवी चैनल्स और वित्तीय संस्थानों पर असर पड़ा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस आईटी संकट के चलते दुनिया भर में करीब 3 प्रतिशत यानी कि 4295 फ्लाइट कैंसिल हुईं। इनमें से 1100 फ्लाइट्स तो अकेले अमेरिका में रद्द हुईं।
वहीं 1700 से ज्यादा फ्लाइट्स की उड़ान में देरी हुई। इसके चलते दुनियाभर के एयरपोर्ट्स पर भारी भीड़ देखी गई और कई जगह यात्रियों ने हंगामा भी किया। माइक्रोसॉफ्ट सर्वर के डाउन होने से दुनियाभर में माइक्रोसॉफ्ट के ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले 95 प्रतिशत कंप्यूटर और लैपटॉप ठप पड़ गए।
सोशल मीडिया पर चल रहीं ये अफवाहें
इसे लेकर शुक्रवार को दिनभर तरह-तरह के भ्रामक दावे किए जाते रहे। सोशल मीडिया मंच एक्स पर ऐसी अफवाहें चलती रहीं कि दुनिया पर नापाक ताकतों ने हमला कर दिया है। एक यूजर ने लिखा कि ‘मैंने कहीं पढ़ा था कि तीसरा विश्व युद्ध मुख्य रूप से साइबर युद्ध होगा।’ कुछ यूजर्स ने ये भी दावा किया कि इस आईटी संकट के पीछे विश्व आर्थिक मंच है।
इसके समर्थन में यूजर्स ने विश्व आर्थिक मंच के एक पुराने वीडियो का जिक्र किया, जिसमें कोरोना महामारी जैसे साइबर अटैक की आशंका व्यक्त की गई थी। विश्व आर्थिक मंच की पुरानी वीडियो में बताया गया था कि साइबर हमले के खतरे को तेजी से फैलने से रोकने का एकमात्र तरीका लाखों कमजोर उपकरणों को एक दूसरे और इंटरनेट से डिस्कनेक्ट करना होगा।
अपडेट के चलते हुई परेशानी
अमेरिकी एंटी वायरस कंपनी क्राउडस्ट्राइक के एक सॉफ्टवेयर अपडेट के चलते माइक्रोसॉफ्ट के आईटी संकट की शुरुआत हुई। इसके चलते कंप्यूटर स्क्रीन पर नीले बैकगाउंड के साथ संदेश दिखा। इसे ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ कहा जाता है। इस स्थिति में कंप्यूटर सिस्टम अपने आप रिस्टार्ट होने शुरू हो गए। इसके चलते डेटा खोने की आशंका भी बनी रहती है।
हालांकि माइक्रोसॉफ्ट ने इस संकट से यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि यह उसकी गलती नहीं है बल्कि यह थर्ड पार्टी की दिक्कत है। माइक्रोसॉफ्ट ने खुद भी इसे दूर करने के लिए कुछ नहीं किया और इंतजार करती रही कि खुद साइबर सिक्योरिटी फर्म इस समस्या को दूर करेगी।