- डंपिंग ग्राउंड में कूड़े का पहाड़ देख सीडीओ ने जताई नाराजगी, कूड़े के ढेर से रास्ता भी हो गया बंद
जनवाणी संवाददाता |
सरधना: नगर पालिका द्वारा चलाए जा रहे एमआरएफ सेंटर के नाम पर लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इसके बाद भी डंपिंग ग्राउंड में कूड़े का पहाड़ कम होने के बजाए लगातार बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को सीडीओ नूपुर गोयल टीम के साथ निरीक्षण करने पहुंची तो हालत देखकर वह भी हैरान रह गई। क्योंकि चारों ओर कूड़े का पहाड़ बना हुआ था। सेंटर में अधिकारियों को दिखाने के नाम पर वहीं पुराना कूड़े से निकला सामान सजाया हुआ था। बाकी कूड़ा इतना की रास्ता भी बंद होने की स्थिति में है। डंपिंग ग्राउंड और एमआरएफ सेंटर की हालत देखकर सीडीओ ने नाराजगी जताते हुए जल्द व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए कहा।
नगर पालिका ने तहसील रोड पर आबादी के बीच डंपिंग ग्राउंड का निर्माण कराया हुआ है। जिसको लेकर आसपास के लोगों ने खूब विरोध किया। क्योंकि कूड़े से उठती दुर्गंध में लोगों का सांस लेना मुश्किल रहता है। आए दिन कूड़े में आग जाती है। जिसके बाद लोगों को घरों से बाहर आना पड़ता है। पालिका ने जैसे तैसे बाउंड्री करके यहां कूड़ा निस्तारण के लिए एमआरएफ सेंटर का निर्माण कराया। जिसके लिए करीब 72 लाख रुपये का ठेका छोड़ा गया। ताकि घर-घर से कूड़ा उठाकर यहां रीसाइकल किया जा सके। साथ ही डंपिंग ग्राउंड में बने कूड़े के पहाड़ को खत्म किया जा सके। मगर लाखों रुपये खर्च होने के बाद भी कूड़े का पहाड़ कम होने के बजाए लगातार बढ़ता जा रहा है।
वर्तमान में हालत यह है कि रास्ते पर भी कूड़े का ढेर है। सेंटर संचालन के नाम पर कूड़े से कुछ सामान निकाल कर रखा हुआ। जो निरीक्षण करने वाले अधिकारियों को दिखाया जा सके। कुल मिलाकर कूड़ा निस्तारण के नाम पर लाखों का खेल हो रहा है। मंगलवार को सीडीओ नूपुर गोयल टीम के साथ सेंटर का निरीक्षण करने पहुंची तो हालात सामने आए। चारों ओर कूड़े का पहाड़ लगा हुआ था। निरीक्षण में सेंटर संचालन कि नाम पर वहीं पुराना रखा सामान दिखा दिया गया। हालत देखकर सीडीओ ने भी नाराजगी जताई। एसबीएम इंचार्ज से पूछा कि कूड़े का पहाड़ कम होने के बजाए क्यों बढ़ रहा है। जिसका इंचार्ज के पास कोई जवाब नहीं था। सीडीओ ने ईओ से जल्द कूड़े का निस्तारण कराने की बात कही और लौट गई।
सेंटर तक जाना हो गया मुश्किल
मुख्य मार्ग से डंपिंग ग्राउंड में एमआरएफ सेंटर तक अधिकारियों का जाना मुश्किल हो गया। क्योंकि चारों ओर कूड़े का पहाड़ लगा हुआ था। हालत यह थी कि सेंटर तक बनाए गए रास्ते पर भी कूड़े के ढेर लगे हुए थे। अधिकारी नाक बंद करके जैसे-तैसे सेंटर तक पहुंचे। यह हालत कूड़ा निस्तारण के नाम पर खर्च हो रहे लाखों रुपये की फाइल पर सवाल उठाती है।