Tuesday, July 9, 2024
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‘अलर्ट मोड’ में भाजपा की माइनोरिटी विंग

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  • यूपी के साढ़े चार करोड़ मुस्लिम पार्टी का नया टारगेट
  • मिशन 2024 के रिपोर्ट कार्ड के आधार पर होगा आंकलन

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: विभिन्न लाभकारी योजनाओं के आधार पर भारतीय जनता पार्टी इस समय खुद को चुनाव के लिए एक्टिव मोड में मानकर चल रही है। भाजपा अपने परम्परागत् वोट बैंक को सहेजने से इतर फिलहाल अपने विपरीत वोट बैंक को हासिल करने पर भी फोकस किए हुए है।

लखनऊ में बुधवार को सम्पन्न हुए तीन दिवसीय पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के सम्मेलन (पसमान्दा सम्मेलन) का यदि विशलेषण किया जाए तो एक बात साफ है कि पार्टी अब अपने वोट बैंक में इजाफा चाहती है और इसके लिए वो अपने लिए नया वोट बैंक खड़ा करने में व्यस्त है।

सम्मेलन में जिस प्रकार वक्ताओं ने अल्पसंख्यकों को रिझाया उससे साफ है कि भाजपा अब अल्पसंख्यकों के वोट भी हासिल करना चाहती है। सम्मेलन में मौजूद उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अल्पसंख्यकों से साफ कह कि सपा और बसपा कभी भी आपका भला नहीं कर सकती। पार्टी का मानना है कि देश में इस प्रकार का पसमान्दा सम्मेलन पहले किसी भी पार्टी ने नहीं किया। अर्थात् भाजपा पिछड़े व कमजोर मुसलमानों को अपने साथ जोड़ने पर जोर दे रही है।

सरकार की विभिन्न लाभकारी योजनाओं का सबसे ज्यादा लाभ भी पिछड़े व आर्थिक रुप से कमजोर मुसलमानों को ही मिल रहा है। पार्टी से जुड़े विश्वस्त सूत्रों के अनुसार पार्टी की नजर यूपी के लगभग साढ़े चार करोड़ मुस्लिम मतों पर भी है। बताया यह भी जा रहा है कि पार्टी मिशन 2024 के रिपोर्ट कार्ड के आधार पर अल्पसंख्यकों के लिए विभिन्न लाभकारी स्कीमें भी लॉन्च कर सकती है। इस सम्मेलन में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के अलावा पार्टी की माईनोरिटी विंग के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली, राज्य सभा सदस्य गुलाम अली खटाना व अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश अंसारी भी शामिल हुए।

पार्टी मिशन 2024 से पूर्व स्थानीय निकाय चुनावों के जरिए भी अल्पसंख्यकों के बीच अपनी ताकत को आजमाना चाहती है। इसी रणनीति के तहत वो प्रदेश भर में अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाकों के वार्डों में अपने प्रत्याशी खड़ा करने पर विचार कर रही है। खुद कुंवर बासित अली भी साफ कर चुके हैं कि पार्टी की माइनोरिटी विंग मुसलमानों के ज्यादा से ज्यादा वोट इस बार पार्टी की झोली में डलवाएगी। यदि पार्टी के अन्दरूनी सूत्रों की बातों पर विश्वास करें तो भाजपा मुफ्त राशन योजना के साथ साथ आवास योजना एवं अन्य लाभकारी योजनाओं के आधार पर अल्पसंख्यकों की नब्ज पर हाथ रख उनका ‘हाकिम’ बनना चाहती है।

पार्टी का ‘मिशन पसमान्दा’ मुसलमानों के बीच चर्चाओं में

दरअसल भाजपा जिस प्रकार पिछड़े मुस्लिमों को अपने साथ जोड़ने की मुहिम पर काम कर रही है वो मुसलमानों के बीच भी चर्चाओं का विषय बन चुका है। पार्टी द्वारा मोहसिन रजा के स्थान पर पसमान्दा समाज से जुड़े दानिश आजाद अंसारी को मंत्री बनाने पर भी इसी मुहिम का एक हिस्सा माना जा रहा है। राज्य अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमेन पद पर अशफाक सैफी को लाकर भी यही संदेश दिया गया। उर्दू एकेडमी के चेयरमेन का पद हो या फिर मदरसा बोर्ड के चेयरमेन को, इन सभी पदों पर पार्टी ने पसमान्दा समाज से जुड़े व्यक्ति को तरजीह दी। बकौल कुंवर बासित अली खुद पीएम मोदी चाहते हैं कि अल्पसंख्यकों का ‘पसमान्दा वर्ग’ पार्टी से जुड़ना चाहिए ताकि उन्हे देश की मुख्य धारा से जोड़ा जा सके।

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