Tuesday, April 1, 2025
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कैंट विधायक और पीडब्ल्यूडी बेअसर

  • इस बार 5.11 लाख प्रतिदिन से ऊपर के रेट पर ठेकेदार और बोर्ड में सहमति
  • 11 प्वाइंट पर छूटेगा टोल ठेका
  • टोल ठेके पर मोहर के साथ ही शुरू होगी कैंट भाजपा में घमासान, कई के निष्कासन के संकेत

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: कैंट विधायक का विरोध और पीडब्ल्यूडी का नोटिस बेमाने साबित हुआ। कैंट बोर्ड का पीछे हटने का कोई इरादा नहीं। मवाना रोड, दिल्ली रोड और रूडकी रोड़ समेत सभी 11 टोल नॉकों पर एक बार फिर से कैंट बोर्ड ठेका छोड़ने की तैयारी में है। नवागत सीईओ नावेन्द्र नाथ के चार्ज लेने के बाद होने वाली बोर्ड बैठक में इस पर मोहर भी लग जाएगी। हालांकि ट्रांसपोर्टरों ने नए ठेके के विरोध का ऐलान भी कर दिया है।

बोर्ड और ठेकेदार में सहमति

सभी पुराने 11 प्वाइंटों पर 5.11 लाख रुपये प्रतिदिन के रेट पर कैंट बोर्ड और ठेकेदार के बीच सहमति बन गयी है। इससे पूर्व करीब 4.22 लाख रुपये प्रतिदिन की दर से ये ठेका उक्त प्वाइंटों पर छोड़ गया था। इस बार ये बढ़ी हुई दरों पर छोड़ा जा ठेका।

ये ठेकेदार रहे शामिल

एंट्री फीस के नाम पर प्रस्तावित टोल वसूली ठेके में वर्तमान ठेकेदार अनीता सिंह, हरदन सिंह, शिवपाल सिंह और वैभव सिंह शामिल हुए हैं। हालांकि जो कयास लगाए जा रह हैं उसके चलते ठेके के लिए वैभव सिंह के नाम पर मुहर व सहमति के पूरे आसार हैं।

इक्कीस साबित हुआ बोर्ड का भाजपाई खेमा

जैसे की जनवाणी पूर्व के कई समाचारों में प्रमुखता से कह भी चुका है कि कैंट बोर्ड का भाजपाई खेमा टोल ठेके के मामले में महानगर संगठन और कैंट विधायक पर इक्कीस साबित हुई। कैंट विधायक ने वर्तमान ठेके में शामिल छह नए प्वाइंटों को हटाना प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया था, लेकिन बाद में बोर्ड के भाजपाई खेमे के ईमानदारी से साथ न मिलता देखकर उनकी ओर से मात्र तीन नॉके मवाना रोड, दिल्ली रोड व रुड़की रोड पर समझौते का संकेत दिया गया।

बोर्ड की पिछली बैठक में वह इसके लिए खुद पहुंचे भी थी। इस मुद्दे पर अगली बैठक में चर्चा की बात कहकर झांसा देने का प्रयास किया गया लेकिन बाद में सभी 11 प्वाइंट ठेके में शामिल किए जाने पर सहमति जता दी गयी। पिछली बैठक में विधायक के विरोध की बात को मिनिट्स दर्ज तक कराने की जरूरत भाजपाई खेमे ने नहीं समझी।

कैंट भाजपा में विस्फोट की आशंका

टोल ठेके के सवाल पर कैंट भाजपा में विस्फोट के आसार नजर आ रहे हैं। सूत्रों की मानें तो इस मामले को लेकर घमासान तय है। जनवाणी पुष्टि नहीं करता है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि कैंट बोर्ड के आगामी चुनाव के मद्देनजर कई वर्तमान सदस्यों पर गाज के आसार नजर आ रहे हैं। साथ ही कैंट के संगठन को नए सिरे से मथा जा सकता है ताकि विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर अपनों को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकें। कुछ की छुट्टी भी तय समझी जा रही है।

बोर्ड ने साधी चुप्पी

टोल के नए ठेके पर कैंट प्रशासन ही नहीं बल्कि बोर्ड के सदस्यों ने भी चुप्पी साध ली है। आॅफ द रिकार्ड उनका सिर्फ इतना कहना है कि नवागत सीईओ के आने के बाद ही इस पर कोई फैसला लिया जा सकता है।

प्रसाद चव्हाण के फेयरवेल पर सस्पेंस

सीईओ प्रसाद चव्हाण के फेयरवेल पर अभी सस्पेंस कायम है। आमतौर पर जब भी सीईओ सरीखे कैंट बोर्ड के अफसर का तबादला या प्रमोशन होता है तो उनको फेयरवेल दिए जाने की परंपरा बोर्ड की रही है, लेकिन इस बार फेयरवेल के न्योते की मीडिया को भी प्रतीक्षा रही। फेयरवेल को लेकर बोर्ड का स्टाफ कुछ बोलने को तैयार नहीं। जबकि बोर्ड के सदस्यों का कहना है कि ये पहली बार होगा कि सीईओ जैसे कैंट बोर्ड के बडेÞ अफसर के सम्मान में विदाई समारोह नहीं होने जा रहा है।

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