जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: ऋषिगंगा में आई जल प्रलय से कम से कम 197 लोग अभी भी लापता हैं, इनमें से टनल में फंसे हुए करीब 35 मजदूरों को निकालने की कवायद जारी है। वहीं, 26 शव निकाले जा चुके हैं, इनमें से 24 की शिनाख्त भी हो गई है। सभी शव टनल से और आसपास के क्षेत्रों में नदियों के किनारे से मिले हैं।
वहीं उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने आज सुबह बताया कि टनल में थोड़ा और आगे बढ़े हैं, अभी टनल खुली नहीं है। हमें उम्मीद है कि दोपहर तक टनल खुल जाएगी। अधिकारियों के मुताबिक आज सारा मलबा साफ होने की उम्मीद है।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री
आपदा प्रभावित क्षेत्र का एरियर सर्वे करने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ग्लेशियर आपदा प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर पहुंचे हैं।
Uttarakhand Chief Minister Trivendra Singh Rawat takes stock of the situation in areas affected due to glacier disaster in Chamoli. pic.twitter.com/x5OS6GUqaX
— ANI (@ANI) February 9, 2021
सुरंग के अंदर पानी के लेवल की जांच करने के लिए संयुक्त टीम पहुंची
सुरंग में जहां तक मलबा साफ कर दिया गया है। सुरंग के अंदर पानी के लेवल की जांच करने के लिए आईटीबीपी, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की एक संयुक्त टीम पहुंची है।
#WATCH I Uttarakhand: A joint team of ITBP, Army, NDRF and SDRF enters into the Tapovan tunnel to check the water level inside the tunnel ahead of the point till where the debris has been cleared.
(Video Source: ITBP) pic.twitter.com/D53UNKp0iI
— ANI (@ANI) February 9, 2021
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, रातभर चले ऑपरेशन में सुरंग से हटाया 130 मीटर तक मलबा
सुरंग में फंसे करीब 34 व्यक्तियों को सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। आइटीबीपी, एसडीआरएफ, सेना, जिला प्रशासन की टीम आपरेशन में जुटी हैं। रातभर चले ऑपरेशन में सुरंग से 130 मीटर तक मलबा हटाया जा चुका है।
धौलीगंगा आपदा के कारणों का विस्तृत अध्ययन करेगी सरकार
राज्य सरकार धौलीगंगा आपदा के कारणों का विस्तृत अध्ययन कराएगी। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसरो की सैटेलाइट इमेज के आधार पर बर्फ का पहाड़ खिसकने को घटना का कारण बताया है। बर्फ खिसकने की यह घटना क्यों और कैसे हुई, इसकी पड़ताल कराई जाएगी।
आपदा से कटे गांवों में ट्राली से होगी आवाजाही
जोशीमठ के रैणी गांव में आई आपदा से कटे गांवों में फौरीतौर पर ट्राली के माध्यम से आवाजाही होगी। लोक निर्माण विभाग इस काम में जुट गया है। सचिव लोनिवि आरके सुधांशु के निर्देश पर विभाग ने उन स्थानों पर ट्राली लगाने का काम शुरू कर दिया है, जहां-जहां झूला पुल थे और आपदा में बह गए।
प्रमुख अभियंता लोनिवि हरिओम शर्मा के मुताबिक, आपदा में पांच पुल बहे हैं। इनमें एक जोशीमठ-मलारी रोड पर बीआरओ का पुल है। इसके अलावा दो झूलापुल लोनिवि, एक पावर हाउस से तपोवन तक एनटीपीसी का और एक ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग (आरईएस) का है।
एनडीआरएफ के जवानों को लेकर देहरादून से जोशीमठ के लिए रवाना हुआ एमआई 17
वहीं मंगलवार काे तीसरे दिन के राहत बचाव कार्य के लिए एमआई 17 एनडीआरएफ के जवानों को लेकर देहरादून से जोशीमठ के लिए रवाना हो गया है। डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को तपोवन और ग्लेशियर क्षेत्र में ले जाने के लिए एक एएलएच भी रवाना हाे गया है।