- मरीजों को दवाई, ग्रामीणों ने दवाई बांट रहे कर्मचारी की वीडियोग्राफी कर अधिकारियों को भेजी
- अनट्रेंड युवती और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बांट रहे घोर लापरवाही
- गलत परिणाम से एक माह के अंदर हो चुकी तीन मरीजों की मौत
जनवाणी संवाददाता |
रोहटा: सामुदायिक स्वास्थ केंद्र रोहटा पर पिछले एक माह में कई मौत होने के बाद भी व्यवस्था दुरुस्त होने का नाम नहीं ले रही है। फिर भी मरीजों के उपचार में भारी लापरवाही की जा रही है। स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात स्टॉफ एवं प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. अमर सिंह के द्वारा लापरवाही एवं अनदेखी की जा रही है। मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जब कुछ गांव के ही मरीज दवाई लेने गए तो आरोप है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर दवाई वितरण काउंटर पर दो युवतियां व एक युवक मरीजों को दवाई बांट रहे थे।
जब मरीजों ने पूछा कि आप कौन हैं तो उन्होंने अपने आपको फार्मासिस्ट बताया। जबकि उनमें से एक युवक चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी है। अन्य युवती किसी संस्था द्वारा कार्य सीखने के लिए लगाई गई है। मरीज द्वारा जब वहां पर कार्यरत फार्मासिस्ट बृजेश कुमार के बारे में पूछा गया तो वह बराबर वाले कमरे में अन्य स्टाफ के साथ पंखे में आराम फरमा रहे थे। सामुदायिक स्वास्थ केंद्र रोहटा पर मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। शासन के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
दवाई लेने आए मरीजों का आरोप है कि यह सब कार्य प्रभारी चिकित्सा अधिकारी की देखरेख में हो रहा है। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि बृजेश कुमार फार्मासिस्ट सप्ताह में तीन दिन अपने घर सहारनपुर में रहता है तथा मात्र दो या तीन दिन ही ड्यूटी करता है। जिस कारण फार्मासिस्ट का कार्य चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों से कराया जा रहा है। इसका परिणाम है कि पिछले एक महीने में रोहटा अस्पताल में एक जच्चा बच्चा एवं एक कांवड़ियां की मौत हो चुकी है।
यही नहीं मरीजों को दवाई बांटते हुए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी एवं कमरे में आराम करते हुए फार्मासिस्ट बृजेश कुमार की वीडियोग्राफी भी कर ली और विभाग के अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को भेजी गई है। सामुदायिक स्वास्थ केंद्र रोहटा के कार्यों से जन समुदाय खुश नहींं हैं। स्टाफ के प्रति रोष व्याप्त है। वहीं, दूसरी ओर केंद्र प्रभारी डा. अमर सिंह से बात की गई तो उन्होंने मामले की जांच कर कार्रवाई का भरोसा दिलाया।
विभाग पर भारी पड़ रही आंगनबाड़ी कार्यकत्री
रोहटा: रोहटा ब्लॉक के कलीना गांव की एक आंगनबाड़ी कार्यकत्री ग्राम प्रधान और अधिकारियों को गच्चा देकर मौज काट रही है। ड्यूटी के नाम पर अधिकारियों और विभाग की आंखों में धूल झोंककर आंगनबाड़ी कार्यकत्री नदारद रहती है। जिससे गांव के लाभार्थियों को परियोजना का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है।
इस संबंध में विभाग ने कार्रवाई करते हुए आंगनबाड़ी कार्यकत्री की सेवा समाप्त करने के आदेश जारी करते हुए सहायिका को चार्ज दे दिया, लेकिन बावजूद इसके आंगनबाड़ी कार्यकत्री दबंगई और हनक पर उतरी हुई है और चार्ज नहीं छोड़ रही है।
क्षेत्र के गांव कलीना में आंगनबाड़ी केंद्र नंबर एक पर रेखा आंगनबाड़ी कार्यकत्री कई साल से तैनात थी। कई वर्ष पूर्व के पति की मौत हो गई। जिसके चलते उसने गांव में घर बेचकर मोदीनगर रहने लगी। जिसके बाद से केंद्र सुना पड़ा रहा। यहां आंगनबाड़ी सहायिका मौसीना ने केंद्र की देखभाल करने जाती थी, लेकिन ताला पड़ा देख वापस लौट जाती थी। अब इस संबंध में ग्रामीणों वह ग्राम प्रधान मनोज द्वारा विभाग में शिकायत की गई।
विभाग की शिकायत की जांच के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्री केंद्र पर नदारद मिली। जिसके बाद बाल विकास परियोजना अधिकारी ने कार्रवाई करते हुए आंगनबाड़ी कार्यकत्री को कार्यमुक्त करने का आदेश देते हुए सहायिका मोमिना को तमाम अभिलेख कब्जे में लेने के आदेश जारी कर दिया, लेकिन आरोप है कि दबंगई पर उतरी आंगनबाड़ी कार्यकत्री रेखा न तो समय पर केंद्र पर पहुंचकर ड्यूटी करती है और न ही अब विभागीय कार्रवाई होने के बाद भी तमाम अभिलेख और मोबाइल सहित उपकरण वापस लौटा रही है।
हालांकि संबंध विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए सख्त कार्रवाई करने को भी कहा है। वहीं, दूसरी ओर इस संबंध में बाल विकास परियोजना अधिकारी यतेंद्र कुमार ने बताया कि चार्ज आंगनबाड़ी सहायिका को दे दिया गया और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। साथ ही इस का मानदेय रोक दिया गया है।