जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: बिहार में विधानसभा चुनाव के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं। नेता परेशान है और वोटर शांत। एक-एक वोट अपने पक्ष में करने के लिए प्रत्याशी जी-जान से जुटा है। इसी बीच गया शहर विधानसभा क्षेत्र से राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के प्रत्याशी मोहम्मद परवेज आलम चर्चा में आ गए हैं।
ऐसा इस लिए हो रहा है क्योकि वह अपना प्रचार भैंस पर बैठकर कर रहे हैं। और इसी वजह से नेताजी पर कानूनी डंडा चल गया और सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज हो गया। उनके ऊपर पशु क्रूरता अधिनियम के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के पालन न करने का केस दर्ज हो गया है।
आखिर वह ऐसा क्याें कर रहे हैं के सवाल पर मोहम्म्द परवेज आलम का कहना है कि उनके पास महंगी गाड़ी खरीदने के लिए पैसा नहीं है। मेरे पास संपत्ति के नाम पर भैंस है। जिसकी पास कार होती है वो कार पर प्रचार करता है मेरे पास भैंस है तो मैं भैंस पर कर रहा हूं। मंसूरी ने कहा कि शहर में लगातार प्रदूषण बढ़ते जा रहा है। इसलिए हम भैंस पर चढ़े हैं, ताकि प्रदूषण न फैले।
प्रत्याशी अपने वोटरों को लुभाने के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसे में कुछ गलतियां भी कर दे रहे है। गांधी मैदान गेट नम्बर आठ के समीप से राष्ट्रीय उलेमा कांसिल के गया शहरी विधान सभा क्षेत्र के प्रत्याशी परवेज मंसूरी भैंस पर सवार होकर जन संपर्क अभियान को निकले।
मंसूरी के इस अंदाज को देख कर भीड़ भी जुटने लगी। मंसूरी ने कहा कि शहर में लगातार प्रदूषण बढ़ते जा रहा है। इसलिए हम भैंस पर चढ़े हैं, ताकि प्रदूषण न फैले।
परवेज मंसूरी की सोच को समर्थन भी मिलने लगा, लेकिन सिविल लाइन के थानेदार ने नियम का ऐसा पाठ-पढ़ाया कि नेताजी को महंगा पड़ गया और उनके खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज हो गया। सिविल लाइन थानाध्यक्ष उदय कुमार ने बताया कि पशु क्रूरता अधिनियम व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नही करने को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गयी है। आगे भी जो लोग नियम तोड़ेंगे, उन पर कार्रवाई जरूर होगी।