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New Delhi: अफवाह के बवंडर से मची भगदड़ और चीख पुकार के बीच 18 जिंदगियां खत्म, सरकार का मरहम मुआवजे का ऐलान

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नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक अभिनंदन और स्वागत है। बीती रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अफवाहों के एक बवंडर से मची भगदड़ ने 18 मासूम बेकुसूर श्रद्धालुओं की जिंदगी लील ली। यह एक ऐसा भयानक मंजर रहा जिसे सुनकर आपकी रूह कांप जाएगी, आपकी आंखों में आंसू ला देगी। यह घटना नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई, जहां महाकुंभ में स्नान करने के लिए जा रहे श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा थी।

अचानक, अफवाहों का एक बवंडर उठा, और भगदड़ मच गई। लोग इधर-उधर भागने लगे, एक-दूसरे को कुचलने लगे। चीख-पुकार और रोने की आवाजों से स्टेशन गूंज उठा। इस भगदड़ में 18 लोगों की जान चली गई। इनमें बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग शामिल थे। उनके सपने, उनकी उम्मीदें, सब कुछ एक पल में खत्म हो गया। उनके परिवार बिखर गए, उनके दिलों में कभी न भरने वाला घाव लग गया।

यह हादसा हमारी व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। क्या हम अपने नागरिकों को सुरक्षित रखने में सक्षम हैं? क्या हमारे पास ऐसी कोई योजना है जिससे ऐसे हादसों को रोका जा सके?

प्रयागराज की ट्रेन पकड़ने के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की उमड़ी भारी भीड़ की वजह से भगदड़ मच गई। इससे 18 लोगों की मौत हो गई। शनिवार रात करीब दस बजे मची भगदड़ में 20 से अधिक लोगों के घायल होने की सूचना है, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

शनिवार-रविवार की छुट्टी के चलते महाकुंभ में जाने के लिए हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंचने से स्टेशन पर अफरा-तफरी मच गई। भीड़ को काबू करने के लिए पर्याप्त अमला न होने से हालात बेकाबू हाे गए। भीड़ एक-दूसरे पर चढ़ने लगी। लोकनायक अस्पताल में आपातकालीन विभाग की प्रमुख डॉ. ऋतु सक्सेना ने 15 लोगों की मौत की पुष्टि की है।

मृतकों में 11 महिलाएं और 3 बच्चे शामिल हैं। दो की मौत लेडी हार्डिंग अस्पताल में हुई। रेलवे ने हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। एनडीआरएफ की टीम भी राहत के लिए स्टेशन पहुंच गई। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि पूरी टीम प्रभावितों की मदद में जुटी है।

दमकल विभाग के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया, शनिवार रात 9:55 बजे प्लेटफॉर्म नंबर 14-15 पर भगदड़ की सूचना मिली थी। चार गाड़ियों समेत स्टाफ को मौके पर भेजा गया। प्रयागराज जा रहे एक श्रद्धालु ने बताया कि प्लेटफॉर्म नंबर-12 पर शिवगंगा एक्सप्रेस जा रही थी। गाड़ी के जाते ही सारी भीड़ प्लेटफॉर्म 14-15 पर
आ गई।

प्रयागराज की ज्यादातर ट्रेनें यहीं से जा रही हैं। प्लेटफॉर्म भीड़ संभाल नहीं पाया और भगदड़ मच गई। भीड़ एस्क्लेटर और स्टेशन के दरवाजों की ओर भागी। इससे ओवरब्रिज व सीढ़ियों पर भीड़ बढ़ गई। वहीं, रेलवे प्रशासन का कहना है कि प्लेटफॉर्म नंबर-14 पर प्रयागराज एक्सप्रेस खड़ी थी। वहां भारी भीड़ जुटी थी। स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस भी देरी से चल रही थी। उसके यात्री प्लेटफॉर्म नंबर 12-13 और 14 पर मौजूद थे। लोगों की भीड़ अधिक थी।

बिहार के राजकुमार माझी ने बताया कि वह अपनी पत्नी-बेटी और बेटे के साथ नवादा जिला जा रहे थे। माझी ने बताया, उसकी पत्नी शांति देवी और बेटी पूजा की इस भगदड़ में मौत हुई है। बेटा मिल नहीं रहा। वहीं, पटना के पप्पू ने बताया, हादसे में उन्होंने अपनी मां को गवां दिया है।

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सीढ़ियों से नीचे गिरे लोग

एक यात्री ने बताया कि जब भगदड़ मची तो वह अंदर ही था। उसने बताया कि लोग एक दूसरे के ऊपर चढ़ गए थे। धक्कामुक्की होने लगी तो वह सीढ़ियों से दूर हट गया, जिसके बाद लोग एकदूसरे को धक्का मार रहे थे। मैंने कुछ लोगों को भीड़ से बाहर निकाला। एक दूसरे यात्री ने कहा कि स्टेशन पर बहुत ज्यादा भीड़ था। उसने बताया कि लोग प्लेटफॉर्म नंबर 15 की सीढ़ियों से नीचे गिर गए थे।

एस्केलेटर के पास मची भगदड़

सूत्रों के मुताबिक, जब प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर प्रयागराज एक्सप्रेस खड़ी थी, उस दौरान प्लेटफॉर्म पर काफी लोग इकट्ठा थे। स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी भी लेट थीं। इसकी वजह से इन ट्रेनों के यात्री भी प्लेटफॉर्म नंबर 12, 13 और 14 पर पहुंच गए थे।

जानकारी के मुताबिक रेलवे ने हर घंटे सीएमआई के हिसाब से 1500 जनरल टिकट बेचे गए, इसलिए भीड़ बेकाबू हो गई। प्लेटफॉर्म नंबर-14 और प्लेटफॉर्म नंबर 16 के पास एस्केलेटर के पास भगदड़ मच गई।

दो ट्रेन लेट फिर एक विशेष ट्रेन की हुई घोषणा

रेलवे पुलिस उपायुक्त केपीएस मल्होत्रा ने बताया है कि महज 15-20 मिनट के भीतर रेलवे स्टेशन पर भीड़ बढ़ गई। इस बीच प्रयागराज जाने के लिए एक विशेष ट्रेन का एलान किया गया। इसी दौरान भीड़ ट्रेन में सवार होने के लिए प्लेटफॉर्म नंबर-14 पर लपकी। मल्होत्रा ने बताया कि प्रयागराज जाने वाली दो ट्रेन पहले से लेट चल रही थी। उनकी भीड़ के अलावा अन्य लोगों की भीड़ रेलवे स्टेशन पर मौजूद थे। इस दौरान एक विशेष ट्रेन की घोषणा हुई और सभी नई ट्रेन में सवार होने के लिए भागे। इसी दौरान हादसा हो गया। जब तक स्थिति को काबू किया गया तब तक कई की जान चली गई थी।

दिखावे का सीसीटीवी कैमरों से मॉनिटरिंग….

रेलवे स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरों से 24 घंटे मॉनिटरिंग की जाती है। स्टेशन के हर प्लेटफार्म की लाइव डीआरएम अपने ऑफिस में देखते हैं। इसके बावजूद स्टेशन पर वह भीड़ को नहीं देख सके। वही दूसरी तरफ से रेलवे की ओर से लगातार जनरल टिकट दिए गए। इससे भी नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ का होना समझा जा सकता है।

मौतों के बाद भी अफसर घर से नहीं निकले, बताते रहे अफवाह

स्टेशन पर हालात बेकाबू होने से भगदड़ और दबकर मौतों के बाद भी रेल अफसर घर से नहीं निकले, बल्कि हादसे को अफवाह बताते रहे। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने भगदड़ से इन्कार किया। उन्होंने कहा, कोई भगदड़ नहीं हुई, यह अफवाह है।

भारी भीड़ के कारण यात्रियों ने एक-दूसरे को धक्का दे दिया, जिससे कुछ यात्रियों को चोटें आईं। हालांकि, कुछ देर बाद ही दिल्ली उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मौतों की पुष्टि की और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई। हालांकि, बाद में सक्सेना ने ट्वीट बदल दिया।

हर घंटे बेचे जा रहे थे पंद्रह सौ टिकट…

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि हर घंटे रेलवे स्टेशन पर 1500 टिकट बेचे जा रहे थे। उम्मीद से ज्यादा भीड़ पहुंचने से स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई और भगदड़ मच गई।

स्टेशन पर भगदड़ से व्यथित हूं। मेरी संवेदनाएं उन सभी के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। अधिकारी उन लोगों की सहायता कर रहे हैं जो भगदड़ से प्रभावित हुए हैं।
– नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

मुआवजे का ऐलान

शनिवार रात को भगदड़ मच गई। जिससे 18 लोगों की जान चली गई। वहीं, कई लोग घायल हो गए। हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दिल्ली के उपराज्यपाल व विपक्ष के कई नेताओं ने दुख जताया है। इसी बीच हादसे के शिकार पीड़ितों के लिए सरकार ने मुआवजे का ऐलान किया है। जिसके अनुसार मृतकों के परिजनों को 10 लाख, गंभीर रूप से घायल लोगों को 2.5 लाख और मामूली रूप से घायल लोगों को 1.0 लाख का मुआवजा दिया जाएगा।

हादसा प्लेटफॉर्म नंबर 13, 14 और 15 के बीच हुआ। महाकुंभ जाने के लिए स्टेशन पर शाम 4 बजे से भीड़ जुटने लगी थी। रात को करीब 8:30 बजे प्रयागराज जाने वाली 3 ट्रेनें लेट हो गईं, जिससे भीड़ बढ़ी और भगदड़ मच गई।

शुरुआत में नॉर्दर्न रेलवे के CPRO (चीफ पब्लिक रिलेशन ऑफिसर) ने भगदड़ की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि कोई यह सिर्फ अफवाह है।

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने ट्वीट कर मौत पर संवेदना व्यक्त की। इसके 20 मिनट बाद ही LNJP ने 15 लोगों के मौत की पुष्टि की। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।

इससे पहले 29 जनवरी को प्रयागराज के महाकुंभ में 30 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, 10 फरवरी 2013 को कुंभ के दौरान प्रयागराज स्टेशन पर भगदड़ मची थी। हादसे में 36 लोग मारे गए थे।

ये हैं बड़े कारण… जिससे हालात बिगड़े और जानें गईं

प्रयागराज स्पेशल ट्रेन, भुवनेश्वर राजधानी और स्वतंत्रता सेनानी एक्स. तीनों ही प्रयागराज जाने वाले थीं। दो ट्रेनें भुवनेश्वर राजधानी और स्वतंत्रता सेनानी लेट थीं। इन तीनों ट्रेनों की भीड़ प्लेटफॉर्म-14 पर थी। जब प्रयागराज स्पेशल ट्रेन यहां पहुंची, तभी अनाउंस हुआ कि भुवनेश्वर राजधानी प्लेटफॉर्म नंबर 16 पर आ रही है। सुनते ही 14 नंबर पर मौजूद भीड़ 16 नंबर की तरफ भागी। कई लोग टिकट काउंटर पर थे। इनमें 90 फीसदी प्रयागराज जाने वाले थे। अचानक ट्रेन आने का अनाउंसमेंट हुआ तो लोग बिना टिकट प्लेटफार्म की तरफ भागे। इससे भगदड़ मची। दो वीकेंड से कुंभ जाने वालों की भीड़ हो रही थी, पर स्टेशन प्रशासन ने कोई कंट्रोल रूम नहीं बनाया। शनिवार को भी शाम 7 बजे से भीड़ बढ़ने लगी थी, पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।

तीन चश्मदीदों के बयान…

पुलिस ने कहा- जान बचानी है तो लौट जाओ: प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि स्टेशन पर इतनी भीड़ थी कि पैर रखने की जगह नहीं थी। ट्रेन में लोग ठूंसे हुए थे। चुनिंदा पुलिस वाले दिख रहे थे। पुलिस वाले लोगों से बोल रहे थे कि जान बचानी है तो लौट जाइए। आप लोगों के पैसे नहीं गए हैं। आपकी जान बची है।

कन्फर्म टिकट वाले भी डिब्बे में नहीं घुस सके

प्रयागराज जा रहे प्रमोद चौरसिया बताया कि मेरे पास पुरुषोत्तम एक्सप्रेस के स्लीपर का टिकट था। लेकिन इतनी भीड़ थी कि कन्फर्म टिकट वाले भी डिब्बे में नहीं घुस पा रहे थे। वहां इतनी धक्का-मुक्की थी कि हम जैसे-तैसे भीड़ से बाहर निकल सके।

ट्रेनों के कैंसिल और लेट होने से भीड़ बढ़ी

प्रत्यक्षदर्शी धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि मैं भी प्रयागराज जा रहा था। दो ट्रेनें पहले से ही देरी से चल रही थीं, कुछ रद्द कर दी गई थीं। इसलिए स्टेशन पर बेतहाशा भीड़ थी। मैंने जिंदगी में पहली बार इस स्टेशन पर इतनी भीड़ देखी। मैंने खुद छह-सात महिलाओं को स्ट्रेचर पर ले जाते हुए देखा।

तीन प्रत्यक्षदर्शियों ने बताई आपबीती…

बिहार के पटना के पप्पू ने बताया कि भगदड़ में दबने से मेरी मां की मौत हो गई। पप्पू अपने परिवार के साथ पटना घर लौट रहे थे।

हरियाणा के सोनीपत की संगीता मलिक अपनी सहेलियों के साथ प्रयागराज जा रही थीं। उनकी भी मौत हो गई है। नई दिल्ली स्टेशन पर भगदड़ में जान गंवाने वाली हरियाणा की बच्ची सुरुचि अपने पापा, नाना-नानी के साथ स्टेशन पहुंचे थे। भगदड़ में सुरुचि और उसके नाना-नानी की मौत हो गई।

एक प्रत्यक्षदर्शी ने दावा किया कि स्टेशन पर एस्केलेटर पर लोग गिरते गए और दबते गए। ऐसी ही स्थिति इंजन के आगे आए लोगों की भी हुई। हादसे में 200 से अधिक लोगों की मौत हुई है।

DCP रेलवे बोले- भीड़ बढ़ने से हादसा हुआ

DCP रेलवे केपीएस मल्होत्रा ​​के मुताबिक, ‘बड़ी संख्या में यात्री प्लेटफार्म नंबर 14 पर इकट्ठा थे। यहीं पर प्रयागराज एक्सप्रेस खड़ी थी। स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी के प्रस्थान में देरी की वजह प्लेटफॉर्म नंबर 12, 13 और 14 पर भीड़ बढ़ती गई। प्लेटफार्म नंबर 14 और प्लेटफार्म नं. 1 के पास स्थित एस्केलेटर के पास हालात काफी बिगड़ गए।’

यात्री बोले- प्रशासन की लापरवाही से भीड़ बढ़ी

रेलवे स्टेशन पर मौजूद यात्रियों ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘ प्लेटफॉर्म पर यात्री एक-दूसरे पर चढ़ गए। पीछे से आ रहे लोगों को रोका नहीं गया, जिसकी वजह से भीड़ और बढ़ती गई। कम-से-कम एक घंटे तक ऐसे हालात बने रहे। इसी वजह से कई लोग बेहोश हो गए। यह प्रशासन की लापरवाही से हुआ है।

रेलवे के पीआरओ ने भगदड़ की घटना से इनकार किया

रेलवे के पीआरओ दिलीप कुमार ने कहा कि ‘ज्यादा भीड़ जमा होने की सूचना मिली थी, हालांकि किसी तरह की भगदड़ या किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। हमारी टीम वहां मौजूद है और हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। RPF के जवान और मेडिकल टीम भी मौके पर मौजूद है।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘कल रविवार का दिन है, इसलिए हो सकता हो कि प्रयागराज जाने के लिए रेलवे स्टेशन पर ज्यादा लोग आ गए। हम कई गाड़ियों में लोगों के प्रयागराज जाने का प्रबंध करेंगे, जिससे लोगों को जाने में आसानी हो। ट्रेन की संख्या कम नहीं की गई थी और न ही कोई ट्रेन रद्द की गई। ज्यादा भीड़ आ गई। स्पेशल ट्रेन का प्रबंध किया जा रहा है।’

साल 2013 में 10 फरवरी को हुई थी घटना, नहीं सीख लिया रेलवे ने

साल 2013 को प्रयागराज के कुंभ मेले के दौरान 10 फरवरी को रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मचने से 36 लोगों की मौत हो गई थी। इस दिन मौनी अमावस्या थी और करीब 3 करोड़ से ज्यादा लोग संगम में डुबकी लगा चुके थे। शाम साढ़े सात-आठ बजे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 6 पर अचानक भगदड़ मच गई थी।

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