Sunday, June 22, 2025
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Meerut News: शहर में नहीं हो रहा नो एंट्री का पालन, सड़कों पर भीषण जाम बरकरार

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ शहर में लगने वाले जाम से निजात दिलाने को घोषित किए गए नो एंट्री का कोई मतलब ही नहीं रह गया है। नो एंट्री में वाहनों के आवागमन के चलते लोगों को जाम की भयंकर समस्या का सामना करना पड़ रहा है। नो एंट्री में दौड़ते वाहन वाहन ट्रैफिक नियमों खिल्ली उड़ाते नजर आ रहे है। जबकि सब कुछ देखकर भी ट्रैफिक पुलिस मौन बनी हुई है। पुलिस की कार्यशैली देखकर लगता है कि लोगों को जाम से मुक्ति मिलने वाली नहीं है। शहर में यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। पुलिस की सह पर प्रतिदिन नियमों को ताक पर रख कर भारी वाहनों दिनभर आवागमन होता रहता है। कमिश्नरी चौराहे से प्रतिबंध समय पर र्इंटों से भरकर बेखौफ ट्रक गुजर रहा है, लेकिन कोई भी रोकने और टोकने वाला नहीं है।

बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था के चलते शहरवासियों के समक्ष प्रतिदिन शहर में आने-जाने में समस्या खड़ी हो रही है। शहर में सुबह आठ बजे से रात्रि 10 बजे तक भारी वाहनों का प्रवेश पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। इसके बावजूद दिन में ही भारी वाहनों शहर से होकर गुजरते रहे हैं। वैसे तो शहर में यातायात की समस्या ढीली-ढाली बनी हुई है। आलाधिकारियों द्वारा इस पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई किए जाने से कुछ दिन स्थिति बदल तो जाती है, लेकिन फिर से यह समस्या मुंह बाये खड़ी हो जाती है। जिसका खामियाजा शहरवासियों और यहां से गुजरने वालों को भुगतना पड़ रहा है। मुख्यों चौक चौराहों व मार्गों पर जाम की स्थिति दिन भर काफी भयावह रहती है। इसका मुख्य कारण है कि बदहाल व्यवस्था के बीच नो एंट्री में ट्रक व आदि भारी वाहन धड़ल्ले से चलते हैं। नो एंट्री में भारी वाहनों के प्रवेश पर पुलिस कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए है। धड़ल्ले से शहर से गुजरने वाले भारी वाहनों को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है मानों पुलिसकर्मी अपने स्वार्थ के लिए यातायात व्यवस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। पुलिस के सामने से बेखोफ होकर गुजरने वाले भारी वाहन चालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती दिख रही है।

हाईकोर्ट का भी है निर्देश

शहर में भारी वाहनों के प्रवेश और ओवरलोडिंग पर हाईकोर्ट ने भी निर्देश जारी किया हुआ है। शहर में सुबह आठ से रात 10 बजे तक इन वाहनों का प्रवेश वर्जित है, लेकिन यह सिर्फ कागजों तक ही सीमित होकर रह गया है। शहर में हादसों के अलावा जाम का कारण भी ट्रक और लोडर जैसे वाहन बनते हैं। शहर में कई लोगों की मौत भी पुलिस विभाग को नींद से नहीं जागा पाई। इनकी मौत का कारण बने ट्रक और लोडर रविवार को भी प्रतिबंधित समय में शहर की सड़कों पर बेलगाम दौड़ते रहे। ऐसा नहीं है कि सड़कों पर पुलिस नहीं थी, लेकिन सबकुछ देखकर भी अनदेखा करने का मतलब समझना मुश्किल नहीं है। सवाल यह है कि लोगों की मौत के लिए ये वाहन जिम्मेदार हैं या लापरवाह पुलिस।

नो एंट्री लागू होने के बाद भी शहर में ट्रक और भारी वाहनों का आवागमन हो रहा है। इस वाहनों के चालकों को इसकी जानकारी होने के बाद भी नो एंट्री में घुस आते हैं और किसी कार्रवाई से बचने के लिए जल्द ही शहर से निकलने की कोशिश करते हैं और वाहन को तेज रफ्तार में दौड़ाते हैं। जिससे इस सड़कों गुजरने वाले लोगों को इन तेज रफ्तार वाहनों से दुर्घटनाओं का डर सताता रहता है।

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