- कैंट क्षेत्र के निगम में शामिल होने के साथ बादशाहत भी खत्म
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: देश भर की तमाम छावनियों व सैन्य प्रतिष्ठानों पर काबिज आईडीएस अफसरों की लॉवी को कैंट क्षेत्रों के नगर निगम की तर्ज पर दूसरे स्थानीय निकायों में शामिल होने से सख्त गुरेज समझा जा रहा है। जानकारों की मानें तो भारत सरकार का यह फैसला रक्षा मंत्रालय के उन आईडीएस अफसरों की लॉवी का नागवार गुजर रहा है। जिनकी बादशाहत देश भर की छावनियों पर कायम है।
दरअसल, माना यह भी जा रहा है कि आईडीएस लॉवी के कुछ अफसरों को छावनी क्षेत्र को नगर निगम सरीखी दूसरी स्वायतशासी संस्थाओं में शामिल किए जाने की बात इसलिए भी गंवारा नहीं कि क्योंकि कैंट बोर्डों का वजूद खत्म कर दिए जाने तथा केवल बादशाहत डीईओ कार्यालय तक सिमट जाने की वजह से हरियाली व खुशहाली के जिस दौर में जीने की आदत बन गयी है, वो दौर पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। न कोई रोक और न ही टोक जो कह दिया और लिख दिया उसकी कहीं सुनवाई नहीं। यदि किसी ने हिम्मत कर ऊपर तक जाने की कोशिश भी की तो उसकी आवाज तक वहां तक पहुंचने नहीं दी गयी।
पब्लिक को बेसब्री से इंतजार
कैंट की यदि बात करें तो आईडीएस अफसर क्या सोचते हैं इससे कैंट की पब्लिक को कोई सरोकार नहीं। पब्लिक तो बस इतना चाहती है कि घड़ी की चौथाई में कैंट के नागरिक इलाके नगर निगम में मर्ज कर दिए जाएं ताकि वो अपने मकानों की छोटी मोटी मरम्मत करा सकें। अनाप-शनाप नोटिसों और हाउस टैक्स के नाम पर भारी भरकम आर्थिक चाबुक से मुक्ति मिल सकेगी।
इसके अलावा सबसे बड़ा सुख अपनी संपत्ति के खुद मुख्तयार होने का मिलेगा। पुश्तैनी जिन संपत्तियों को बेच ले बेच नहीं सकते उनको ले व बेच सकेंगे। अब ऐसा नहीं है। सबसे बड़ा सुख मुटेशन के नाम पर जो लेन-देन किया जाता है, उससे भी मुक्ति मिल सकेगी। हालांकि इससे के लिए अभी करीब जुलाई माह तक का इंतजार और करना पड़ सकता है।
कैंट विधायक अमित अग्रवाल ने बुलायी बैठक
कैंट के नागरिक क्षेत्र नगर निगम में मर्ज किए जाने को लेकर शुक्रवार को कैंट बोर्ड की बैठक के बाद अब कैंट विधायक अमित अग्रवाल ने शनिवार को वेस्ट एंड स्थित ग्रांड ओरा में संगठन के कैंट से संबंधित पदाधिकारियों की बैठक बुलायी है। इसमें जनता के सुझाव लिये जाएंगे। कैंट में शामिल करने से पहले जनता के सुझाव इसमें लिये जाएंगे। माना जा रहा है इस बैठक में वो नक्शा प्रस्तुत किया जा सकता है जो आज कैंट बोर्ड की बैठक में कैंट बोर्ड प्रशासन की ओर से प्रारूप स्वरूप पेश किया गया।
जानकारी मिली है कि इस नक्शे में उन इलाकों का पूरा ब्योरा दिया गया है जो नागरिक क्षेत्र हैं या फिर ऐसे भवन व संपत्ति जो हैं तो सेना की, लेकिन भौगोलिक रूप से वो नागरिक क्षेत्र में स्थित हैं। ऐसे तमाम मामले हैं जो शनिवार को बुलायी गयी बैठक में कैंट विधायक अमित अग्रवाल चर्चा के लिए प्रस्तुत कर सकते हैं। इस बैठक में बड़ी संख्या में भाजपा से जुडेÞ तथा कैंट की राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले पहुंचेंगे।