- दर्ज है एफआईआर, पुलिस प्रशासन की दो टूक बकरा ईद पर सड़क पर नहीं पढ़ने दी जाएगी नमाज
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सड़क पर नमाज व हंगामे के मामले में 11 अप्रैल को थाना रेलवे रोड पर दर्ज कराई गई एफआईआर के मामले में 11 लोगों को चिन्हित कर उन्हें नोटिस भेजे गए हैं। ईद के मौके पर शाही ईदगाह पर होने वाली नमाज के दौरान प्रशासन ने सड़क पर नमाज पर रोक लगा दी थी, लेकिन उसके बाद भी कुछ लोगों ने प्रशासन के आदेश के खिलाफ जाकर हंगामा किया और सड़क पर नमाज भी पढ़ी। उक्त प्रकरण में थाना रेलवे रोड पर दारोगा रामोत्तार सिंह ने सौ से दो सौ अज्ञात के खिलाफ तहरीर दी थी जिस पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया था।
अब इस मामले में पुलिस ने 11 लोगों को चिन्हित कर लिया है। वहीं, दूसरी ओर प्रशासन व पुलिस ने एक बार फिर से साफ कर दिया है कि बकरा ईद पर शाही ईदगाह पर होने वाली नमाज के दौरान किसी को भी सड़क पर नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी। हालांकि प्रशासन के इस एलान पर शहरकाजी समेत कई बडेÞ धार्मिक मुस्लिम नेताओं ने एतराज भी जताया है। कुछ का यह भी कहना है कि सड़क पर नमाज का मामला गरमा सकता है। याद रहे कि बकरा ईद इस बार संभवत: 16/17 जून को पड़ सकती है।
सर! सफेदपोश ही नहीं, खाकी ने भी ठगा
करोड़ों रुपये कीमत की जमीन मामला कोर्ट में चल रहा है उसके बाद भी ऐसी भी ऐसा क्या है जो खाकी बजाए कोर्ट के आदेशों का पालन कराने के खुद एक पार्टी की मानिंद व्यवहार करने पर उतर आयी। खाकी का रवैया पूरे विवाद में पक्ष के तौर पर सामने आ रहा है। कोर्ट का आदेश है, उसके बाद भी पीड़ित को डराया धमका जा रहा है। मुकदमे लगाकर जिंदगी तबाह कर दिए जाने की धमकी दी जा रही है।
जिसके पास इंसाफ के लिए पहुंचे उन्होने मदद के लिए बजाए हाथ खोलने उल्टे ऊपर से दबाव है कि बात कहकर आरोपियों से समझौते का दवाब बनाना शुरू कर दिया। थक-हार कर पीड़ित सोमवार को एसएसपी से गुहार लगाने पहुंचा। मामला टीपीनगर थाना क्षेत्र के हाइवे स्थित जैन शिकंजी के मालिक जगदीश से जुड़ा है।
ये है पूरा मामला
एसएसपी को जगदीश कुमार ने बताया कि उन्होंने साल 2020 में टीपीनगर थाना क्षेत्र में हाइवे से सटा जमीन का सौदा किया था। 18 बीघा के इस टुकडेÞ में 12 बीघा का टुकड़ा उन्होंने पंकज गोयल, प्रवीण बंसल, मुकेश कुमार के साझे में खरीदा था और छह बीधा का टुकड़े का बैनामा उन्होंने गांव घाट के किसान जिले सिंह, महारज सिंह, सुंदर सिंह पुत्रगण भवगत सिंह से अपने नाम यानि जगदीश के नाम कराया था। 12 बीघा का जो टुकड़ा था उसको सभी पार्टनरों की सहमित से बेच दिया गया। कोई विवाद नहीं हुआ।
यहां से शुरू हुआ विवाद
बकौल जगदीश छह बीघा का जो टुकड़ा था उसमें पंकज गोयल, प्रवीण बंसल, मुकेश कुमार आदि चाहते थे कि उन्हें भी पार्टनर बनाया जाए और पार्टनर भी 2020 में जिस दर पर किसान से खरीद हुई उसी रेट पर बनाया जाए। जगदीश ने ऐसा करने से मना कर दिया। बस यही से जगदीश के लिए मुश्किलों की शुरुआत हो गयी। एक बात और जो लोग छह बीघा में पार्टनरशिप चाहते थे उनकी मदद को सत्ताधारी पार्टी से जुड़े कुछ लोग बतौर मददगार आ गए। बैकडोर से तमाम विकल्प उनके लिए खोल दिए। यहां तक तो सब ठीक था
लेकिन असली मुसीबत तब शुरू हुई जब एक बड़े पुलिस अफसर की मदद से जगदीश की घेराबंदी की जाने लगी। बकौल जगदीश एक माह पहले इस पुलिस अफसर ने अपने दफ्तर में बुलाकर समझाने के नाम पर पुलिसिया भाषा में बात की। हालांकि इस पुलिस अफसर को बताया गया कि मामला कोर्ट में चल रहा है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। बीते रविवार को थाना टीपीनगर में जो कुछ हुआ वह सब पहले से तैयार पटकथा का हिस्सा था। पीड़ित जगदीश ने एक और बड़ा खुलासा किया वो यह कि छह बीधा जमीन पर जिनकी गिद्ध दृष्टि पड़ी है उन्होंने किसानों को भी अपने पक्ष में कर लिया। एक फर्जी बैनामा छह बीघा का तैयार करा लिया।
जगदीश बताते हैं अच्छी बात यह रही कि छह बीघा का जो पैसा उन्होंने किसानों को दिया था उसके तमाम साक्ष्य उनके पास मौजूद हैं। ये तमाम बाते उन्होंने एसएसपी को भी बतायी और यह भी बताया कि उनसे भी बड़े अफसर का नाम लेकर टीपीनगर पुलिस इस मामले में अब समझौते के नाम पर जबरन जमीन पर कब्जा करने पर तुली है। उन्होंने एसएसपी से मदद की गुहार लगायी है। उन्होंने यह भी बताया कि रविवार को टीपीनगर थाने में जो कुछ हुआ है वह सब पब्लिक डोमेन में है।