जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कोरोना वायरस से उत्पन्न परिस्थितियों के बीच शिक्षा व्यवस्था को सुचारू करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं।
जिससे कि विपरीत परिस्थितियों में भी शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाया जा सकें। इसके लिए केन्द्र सरकार ने 35 साल बाद नई शिक्षा नीति भी निर्धारित कर दी है।
इसी क्रम में अब केन्द्र सरकार ने भर्ती प्रक्रिया में बुधवार को बदलाव करते हुए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं को भी बड़ी राहत प्रदान की हैं।
जिसमें कि ग्रुप बी और सी के तहत होने वाली भर्तियों के लिए नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी अर्थात एनआरए के गठन को मंजूरी दे दी हैं।
जिसके तहत रेलवे भर्ती बोर्ड, आरआरबी इंस्टीट्यूट आफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन आईबीपीएस तथा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली आरंभिक परीक्षाओं को इसमें मर्ज किया जाएगा। यहीं नहीं इसके पश्चात धीरे-धीरे अन्य परीक्षाएं भी शामिल की जाएंगी।
वहीं, वर्तमान की बात की जाए तो केंद्र की करीब 20 एजेंसी भर्ती परीक्षाएं आयोजित करती है, जो चरणबद्ध तरीके से इसमें मर्ज हो जाएंगी।
केंद्र सरकार के इस निर्णय को लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं ने कोचिंग संस्थान के निदेशक एवं की परीक्षाओं के लिए सामग्री तैयार करने वाले विद्वानों ने इस नीति का स्वागत किया हैं।

सरकार द्वारा ग्रुप बी और सी के लिए एक एजेंसी के माध्यम से परीक्षा कराने से अभ्यार्थियों को काफी लाभ मिलेगा। इससे एक तो उनका समय बचेगा और खर्च भी सीमित हो जाएंगे। हालांकि पाठ्यक्रम को बनाने में अब थोड़ा दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। मगर इससे में भविष्य में युवाओं को काफी सहायता मिलेगी। छात्रों के हित में लिया गया सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है।
संजय कुमार शर्मा, मास्टरमाइंड शिक्षण संस्थान के संचालक एवं कॅरियर काउंसलर

सरकार के इस कदम का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से युवा वर्ग के पैसें एवं समय दोनों की बचत होगी। जिसका प्रयोग हम किसी अन्य कार्य में कर पाएंगे। जोकि देश की प्रगति में सहायक साबित होगा । क्योंकि युवा ही देश की नींव होते हैं उनके द्वारा किए गए रचनात्मक कार्य ही देश की प्रगति में सहायक होते हैं।
-छात्रा श्रेष्ठा कपूर, बीकॉम फाइनल ईयर

सरकार द्वारा सरकारी भर्तियों में ग्रुप बी व सी के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन से देश के करोड़ों छात्रों को बहुत बड़ा फायदा मिलने वाला है। क्योंकि जब छात्र एसएससी आदि परीक्षा की तैयारी करता है, तो वह साथ ही अन्य परीक्षा जैसे रेलवे, बैंकिंग आदि की परीक्षाएं भी देते हैं। जिससे युवाओं पर फॉर्म खर्च का अधिक दबाव बन जाता है। हर परीक्षा के लिए अलग फॉर्म भरना पड़ता है और गरीब परिवार के बच्चे के लिए हर बार नए फॉर्म के लिए खर्चा करना असंभव सा हो जाता है। मगर सरकार के इस फैसले से अब गरीब छात्र-छात्राओं को राहत मिलेगी। -रोहित आनंद

राष्ट्रीय भर्ती नीति बहुत अच्छा प्रयास है। प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर छात्रों का पैसा तो बचेगा ही और समय भी बचेगा। कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट के माध्यम से हमे एक सर्टिफिकेट मिलेगा और हर प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अलग-अलग तैयारी कर रहे। छात्र-छात्राओं के लिए एक पेपर की तैयारी करने से अच्छा अवसर मिल पाएगा। -रविंद्र सिंह

कॉमन एलिजिबिलटी टेस्ट तीन वर्ष तक मान्य होगा। जिससे छात्रों को बार-बार परीक्षा का सामना नहीं करना पड़ेगा। इससे अभ्यार्थियों का समय और पैसे दोनों की बचत होगी। सरकार द्वारा नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी के गठन का स्वागत करते हैं। -पीयूष गोयल

सरकार के इस निर्णय से ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले छात्र-छात्राओं को काफी लाभ होगा। क्योंकि आय के साधन पर्याप्त मात्रा में न होने के कारण कहीं ना कहीं वह सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी नहीं कर पाते थे, लेकिन जब एक एजेंसी द्वारा परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। तो उससे उन गरीब बच्चों के लिए भी अवसर मिलेगा और वह भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर पाएंगे। भविष्य में नौकरी के भी अनेकों अवसर मिलेंगे। -अंकित अधाना