- देवर, भाभी के बीच दुकान के विवाद ने लिया यूटर्न
- वीडियो वायरल होते ही पुलिस हुई अलर्ट
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: दुकान को लेकर एक पारिवारिक विवाद ने ऐसा यूटर्न लिया कि पूरा पुलिस अमला अलर्ट मोड पर आ गया और हंगामा करने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज हो गया। थाने पर पुलिस पर अभद्रता का आरोप लगाकर धरना देकर हंगामा कर रहे भाजपाइयों ने मेडिकल थाने पर आपत्तिजनक बैनर लगा दिया कि थाने में भाजपा कार्यकर्ताओं का प्रवेश वर्जित है।
इंचौली थाना क्षेत्र के मसूरी निवासी पूजा की शादी चार साल पहले नौचंदी थाना क्षेत्र के वैशाली कॉलोनी निवासी अवधेश से हुई थी। अवधेश की गढ़ रोड पर मेडिकल थाना क्षेत्र में दुकान है। करीब आठ माह पहले अवधेश की बीमारी से मौत हो गई थी। आरोप है कि ससुर श्याम सिंह और देवर अनुज ने विवाहिता को घर से निकाल दिया। अवधेश की दुकान पर भी कब्जा कर लिया।
शुक्रवार को पूजा के पक्ष में बीजेपी कार्यकर्ता मेडिकल थाने पहुंचे थे। खुद पूजा बच्चे को लेकर गई थी। आरोप है कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने इंस्पेक्टर मेडिकल पर दबाद बनाया कि अभी चलकर देवर के कब्जे से दुकान को खाली करवाओ। इंस्पेक्टर ने कहा कि दुकान खाली कराने का काम पुलिस का नहीं कोर्ट का काम है। इसको लेकर भाजपाइयों ने हंगामा करना शुरु कर दिया।
इस बीच पुलिस पूजा के ससुर और देवर को भी बुला लिया था। आरोप है कि इस दौरान पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं से अभद्रता करते हुए एक कार्यकर्ता को थप्पड़ मार दिया था। इस सूचना पर बड़ी संख्या में भाजपाई थाने पहुंच गए और हंगामा करने लगे। वहीं पूजा के ससुर का कहना था कि उसने दुकान पूजा के बेटे और बेटी के लिये रखी है। इस दुकान पर कई लोग नजरें गड़ाये बैठे हैं।
धरना दे रहे भाजपाइयों में से एक युवक तेजी से उठा और एक बैनर निकाल कर सबको दिखाया और मेडिकल थाने की दीवार पर लगा दिया। पोस्टर में इंस्पेक्टर मेडिकल की तरफ से लिखा था कि मेडिकल थाने में भाजपा कार्यकर्ताओं का प्रवेश वर्जित है। इस बैनर की फोटो खींचने के बाद उसे वीडियो बनाकर वायरल भी कर दिया गया। हंगामा कर रहे भाजपाई शंभू पहलवान, सागर पोसवाल, राजेश निगम आदि ने अभद्रता करने वाले पुलिसकर्मी पर कार्रवाई की मांग की।
सीओ देवेश कुमार मौके पर पहुंचे और जांच के बाद दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद मामला शांत हो सका। वीडियो वायरल होते एसपी सिटी विनीत भटनागर और एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने इसे गंभीरता से लिया और मेडिकल थाने में सागर पोसवाल, प्रशांत कौशिक उर्फ शंभु पहलवान, कुलदीप और अंकुर चौधरी के खिलाप 147, 148, 353, 505 और सात क्रिमिनल एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया।
पहले भी दर्ज हैं मुकदमे
मेडिकल थाने में बवाल करने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं सागर पोसवाल और शंभु पहलवान के खिलाफ इससे पहले भी मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। सागर पोसवाल पर 2017 में एक छात्रा के साथ दुष्कर्म और 2022 में सपा नेता विपिन मनोठिया के साथ मारपीट का मुकदमा दर्ज हुआ था। जबकि शंभु पहलवान पर भावनपुर में गोली मारने और 2022 में सपा नेता पर हमले का मुकदमा दर्ज हो चुका है।
लखनऊ पहुंचा बैनर प्रकरण
मेडिकल थाने पर बैनर लगाने का मामला लखनऊ पहुंच गया। पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस तस्वीर को पोस्ट कर प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि पांच-छह सालों में पहली बार थानों में सत्तापक्ष के लोगों का ही आना बंद हो गया है। अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ऐसा पहली बार हुआ है इन पांच-छह सालों में सत्तापक्ष के लोगों का आना मना हुआ थानों में। ये है उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार का बुलंद इकबाल। इस पर पुलिस महानिदेशक स्तर पर जानकारी ली गई और आनन-फानन में भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया।
एक परिवार के दुकान के विवाद में कुछ असामाजिक तत्व शामिल हो गए थे। इस बीच एक युवक ने थाने में एक राजनीतिक पार्टी का नाम लेकर इंस्पेक्टर की तरफ से पोस्टर लगा दिया था।
जांच में पता चला कि ये पोस्टर पुलिस ने नहीं युवक ने लगाया था। इनकी पहचान कर ली गई है और इनकी क्रिमिनल हिस्ट्री भी है। मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
-प्रभाकर चौधरी, एसएसपी