Saturday, May 10, 2025
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होर्डिंग माफिया के नाम पर अफसर कर रहे खेल

  • पार्षदों के विरोध के बावजूद दे रहे ठेका, 50 यूनिपोल की अनुमति लगा दिए गए पांच हजार

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: सवाल जब कमीशन का हो और वह भी लाखों से करोड़ों का तो फिर न सिर्फ ईमान डगमगायेगा बल्कि कायदे कानून भी ठेंगे पर रखे जायेंगे। कुछ ऐसा ही हाल नगर निगम के अधिकारियों ने बना दिया है। शहर में कहां और किस सड़क पर कितने होर्डिंग्स लगने हैं, किस सड़क पर यूनिपोल लगने हैं, इसका फैसला नगर निगम कार्यकारिणी करती है। इसके बाद बोर्ड से इस संबंध में प्रस्ताव पास होता है।

नगर निगम में सब कुछ राम भरोसे चल रहा है। जिन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार रोकने की जिम्मेदारी होती है वही भ्रष्टाचार कराने में सबसे आगे रहते हैं। एक को देखकर दूसरा अधिकारी भी लूट करने में शामिल हो जाता है। फिर चाहे शहर का बेड़ा गर्क हो इनकी बला से। शहर में इन दिनों सभी छोटी बड़ी और प्रमुख सड़कों पर होर्डिंग्स की बाढ़ आई हुई है। स्कूल कालेजों के पास तो और ज्यादा संख्या में होर्डिंग्स लगाये जाते हैं। नगर निगम ने दुनिया दिखावे के लिए सम्पत्ति अनुभाग बना रखा है।

जिसका यह दायित्व है कि अवैध होर्डिंग्स व यूनिपोल को न लगने दिया जाये तथा कोई होर्डिंग्स या यूनिपोल नियम विरुद्ध लगा हुआ है तो उसके संचालक से किराया तथा जुर्माना वसूले, लेकिन हो रहा है इसके ठीक उलट। नगर निगम के इन अधिकारियों को सिर्फ अपने कमीशन और उपरी कमाई से ही मतलब होता है। नगर निगम में पिछले पांच वर्षो से होर्डिंग माफिया को प्रचार का ठेका मिला हुआ है।इस कंपनी द्वारा 500 होर्डिंग्स तथा 50 यूनिपोल का किराया प्रत्येक वर्ष के आधार पर जमा करा जा रहा है, जबकि मेडिकल से बेगम पुल तक के बीच में ही इतने होर्डिंग्स लगे हुए हैं।

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जबकि बाकी शहर में तो इससे 100 गुणा अधिक होर्डिंग्स लगे हुए होंगे। यूनिपोल को मेन सड़को पर लगाने का नियम है, लेकिन इन नियमों के विपरित अंदरुनी सड़कों तक पर यूनिपोल लगा दिये गये हैं। इस्टर्न कचहरी रोड व वेस्टर्न कचहरी रोड के साथ साथ संकरे बेगम बाग रोड पर भी यूनिपोल लगा दिये गये हैं। मोदीपुरम से परतापुर बाइपास के बीच तथा परतापुर से अंदर बेगमपुल को आने वाले मार्ग पर भी हजारों होर्डिंग्स व यूनिपोल की बाढ़ आई हुई है।

इसी तरह बिजली बंबा बाइपास भी बड़ी तादाद में यूनिपोल व होर्डिंग्स लगे हुए हैं। इस संबंध में नगर निगम के संपत्ति प्रभारी राजेश सिंह का कहना है कि अनुमति के अनुसार ही ठेकेदार ने होर्डिंग्स व यूनिपोल लगा रखे हैं। जहां कही शिकायत मिलती है कार्रवाई की जाती है। कितने अवैध होर्डिंग्स व यूनिपोल पर करिवाई की गई की बाबत पूछे जाने पर संपत्ति प्रभारी ने कहा कि उनके पास अभी रिकार्ड नहीं है, देखकर बतायेंगे।

पार्षद कर चुके हैं कार्यकारिणी बैठक में बवाल

अवैध होर्डिंग्स व यूनिपोल पर नगर निगम कार्यकारिणी की गत माह हुई बैठक में पार्षद बवाल कर चुके हैं। भाजपा पार्षद रेखा सिंह ने खुले मंच पर सवाल पूछा था कि बार-बार होर्डिंग माफिया को ही क्यों ठेका दिया जाता है? भाजपा के दूसरे पार्षदों ने भी इसपर सवाल पूछे। महापौर ने भी खुद अधिकारियो से पार्षदों की जिज्ञासा शांत कराने को कहा, लेकिन अधिकारियों ने न तो जवाब दिया और न ही होर्डिंग माफिया के खिलाफ कोई कार्रवाई ही की गई, साफ जाहिर है कि अधिकारी ही होर्डिंग माफिया की कंपनी को प्रश्रय दे रहे हैं।

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