जनवाणी ब्यूरो |
सरूरपुर: तीन दिन पहले करनाल हाईवे पर कालाबाजारी करके बाजार में बेचने के लिए ले जाए रहे राशन के गेहूं प्रकरण में तीन दिनों बाद भी अफसर कार्रवाई के मूड में नहीं दिख रहे हैं। जबकि इस संबंध में बरामदगी के समय अफसरों ने अफसरों को रिपोर्ट भेजकर एफआईआर की बात कही थी, लेकिन तीन दिन गुजरने के बाद भी अब मामले में लीपापोती के चलते अफसर कार्रवाई से कन्नी काट रहे हैं।
इस प्रकरण को लेकर छापा मारने वाली टीम खुद कटघरे में भी खड़ी हो रही है। गौरतलब है कि करनाल हाईवे पर कक्केपुर चौराहे के पास तीन दिन पहले एक सूचना पर आपूर्ति निरीक्षक में सरधना शिखा पांडेय ने टीम सहित एक ट्रैक्टर ट्रॉली को पकड़ा था।
जिसमें थाना थानाभवन के भैसानी गांव निवासी चालक ने बताया था कि वह मेरठ से 16 टन गेहूं व चावल शामली के लिए ले जा रहा है। इसके बाद चालक मौके से टीम को देख कर भाग खड़ा हुआ था।
इस प्रकरण में यह बात सामने आई थी कि गेहूं व राशन के पुख्ता प्रमाण नहीं मिलने के बाद कालाबाजारी का मामला सामने आया था। इस प्रकरण में बाजार में बिकने के लिए जा रहे हैं 16 टन गेहूं व चावल प्रकरण में अफसरों ट्रैक्टर-ट्रॉली को ज़ब्त कर थाने में खड़ा करवा दिया था।
जबकि राशन के गेहूं व चावल को गोदाम में रखवा दिया था। ट्रैक्टर-ट्रॉली अभी भी थाने में कार्रवाई के इंतजार में खड़ी हुई है तो 16 टन गेहूं व चावल एफसीआई के सरधना कार्यालय में रखा हुआ कार्रवाई की बाट जो रहा। लोगों का कहना है कि गरीबों के निवाले पर डाका डालने वालों के दबाव में अफसर काम कर रहे हैं।
इससे बात साफ हो चली है कि मामले में राजनीतिक दबाव या सांठगांठ के चलते अब अफसर कालाबाजारी करने वाले लोगों पर हाथ डालने से कतरा रहे हैं।
इस संबंध में आपूर्ति निरीक्षक शिखा पांडेय से बात की गई तो उनका कहना था कि उन्होंने कार्रवाई करके रिपोर्ट अफसरों को भेज दी थी जैसे ही आदेश होंगे कार्यवाही की जाएगी।