नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। सनातन धर्म में हर अच्छे काम के लिए मुहूर्त देखा जाता है। वहीं कुछ अशुभ समय भी होते है, जिनमें शुभ कार्य नही किए जाते है। ऐसे ही पंचक एक अशुभ अवधि है, जिसमें शुभ और मांगलिक कार्यों करने की मनाही होती है। यह समय पांच दिनों तक चलता है, इसलिए इसे पंचक कहा जाता है। पंचक काल में आने वाले पांच नक्षत्र, धनिष्ठा से लेकर रेवती तक को पंचक नक्षत्र कहा जाता है। इनमें से शतभिषा नक्षत्र पंचक का दूसरा नक्षत्र होता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि फरवरी 2025 में पंचक कब से प्रारंभ हो रहा है और इस दौरान किन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।
फरवरी में पंचक कब लगेगा?
पंचांग के अनुसार पंचक 27 फरवरी 2025 को प्रातः 4:40 बजे से शुरू होकर 3 मार्च 2025 को प्रातः 8:59 बजे समाप्त होगा। यानी आज से ही पंचक की शुरुआत हो चुकी है। हर माह पंचक के पांच दिन ऐसे होते हैं, जिन्हें अशुभ माना जाता है। इसलिए इस अवधि में कुछ विशेष कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है।
पंचक के दौरान भूलकर भी न करें ये काम
लकड़ी का काम टालें- इस अवधि में घर में लकड़ी से संबंधित कोई कार्य न करें और न ही लकड़ी इकट्ठा करें, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।
दक्षिण दिशा में यात्रा न करें- पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा से बचना चाहिए, क्योंकि यह यम की दिशा मानी जाती है और दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ सकती है
नया घर न बनवाएं- पंचक के दौरान मकान निर्माण शुरू करना या छत की ढलाई कराना उचित नहीं माना जाता, क्योंकि इससे नकारात्मक प्रभाव हो सकता है।
मांगलिक कार्य वर्जित हैं- इस अवधि में विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण आदि शुभ कार्य नहीं करने चाहिए।
नवविवाहित स्त्री का गृह प्रवेश न कराएं- पंचक में नवविवाहित दुल्हन को ससुराल भेजना या उसका गृह प्रवेश कराना अशुभ माना जाता है।
पंचक में करें ये काम
पंचक के नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए भगवान विष्णु और महादेव की आराधना करें। इसके अतिरिक्त, जरूरतमंदों को भोजन और धन का दान करना शुभ माना जाता है। इससे जीवन की बाधाएं दूर होने में सहायता मिलती है।