जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश भाजपा को अब कुछ ही घंटों में नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा। कई महीनों की चर्चा और मंथन के बाद यूपी अध्यक्ष के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो गई है। चूंकि केवल एक ही नामांकन हुआ है, इसलिए पंकज चौधरी का प्रदेश अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है। इसकी आधिकारिक घोषणा आज दोपहर 1 बजे की जाएगी। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल इस अवसर पर राजधानी लखनऊ पहुंचेंगे।
पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार 13 दिसंबर, यानी शनिवार को नामांकन प्रक्रिया पूरी कर ली गई। केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी ने अपना नामांकन दाखिल किया है। इनके प्रस्तावक में सीएम योगी आदित्यनाथ सहित छह वरिष्ठ नेता शामिल हैं। प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों की आधिकारिक घोषणा अब कुछ ही घंटों में की जाएगी।
‘मेगा इवेंट’ में होगी प्रदेश अध्यक्ष की आधिकारिक घोषणा
शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय पर्यवेक्षक विनोद तावड़े और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की मौजूदगी में पंकज चौधरी ने भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में अपना नामांकन दाखिल किया। प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए चौधरी के अलावा किसी और ने नामांकन नहीं किया है, इसलिए उनका प्रदेश अध्यक्ष बनना तय है।
हालांकि, उनके प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने की आधिकारिक घोषणा रविवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित ‘मेगा इवेंट’ में की जाएगी।
समर्थकों ने चौधरी का गर्मजोशी से स्वागत किया
भारी गहमागहमी के बीच पंकज चौधरी के नामांकन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, प्रदेश सरकार के मंत्री सूर्य प्रताप शाही, स्वतंत्र देव सिंह, दारा सिंह चौहान, एके शर्मा और असीम अरुण तथा केंद्रीय मंत्री कमलेश पासवान ने चौधरी का नाम प्रस्तावित किया।
पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार, चौधरी शनिवार को दोपहर 2 बजे भाजपा मुख्यालय पहुंचे। लखनऊ पहुंचते ही एयरपोर्ट और पार्टी कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं, खासकर महाराजगंज से आए समर्थकों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
पीडीए समीकरण में सेंध लगाने की भाजपा की रणनीति
कई महीनों की मंथन के बाद भाजपा ने पूर्वांचल के कद्दावर नेता, महराजगंज से सात बार के सांसद और केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी पर दांव लगाया है। इसके पीछे गहरे सियासी मायने हैं। पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करके पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए पिछड़ों को साधने के साथ-साथ विपक्ष के पीडीए समीकरण में सेंध लगाने की कोशिश की है।
इसके अलावा, भाजपा पंकज चौधरी के माध्यम से अपने परंपरागत कुर्मी वोट बैंक को भी मजबूत करने का प्रयास कर रही है। साथ ही यह संदेश दिया गया है कि भाजपा अपने मूल काडर के महत्व को कभी नहीं भूलती।

