जनवाणी ब्यूरो ।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इथियोपिया दौरे का आज दूसरा दिन है। दौरे की शुरुआत उन्होंने अदीस अबाबा स्थित अदवा विजय स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित कर की। इसके बाद पीएम मोदी ने इथियोपिया की संयुक्त संसद के सत्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि कल इथियोपिया की ओर से उन्हें जो सम्मान ‘निशान-ए-इथियोपिया’ प्रदान किया गया, उसके लिए वह प्रधानमंत्री अबी अहमद के आभारी हैं। उन्होंने इथियोपिया सरकार और वहां के प्रधानमंत्री का भी धन्यवाद व्यक्त किया।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि इथियोपिया दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है। यहां का इतिहास न सिर्फ किताबों में, बल्कि पहाड़ियों, गांवों और लोगों के दिलों में भी जीवित दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि आज इथियोपिया अपने आत्मविश्वास और स्वाभिमान के साथ अपने पैरों पर खड़ा है। पुराने और नए के बीच बना यह संतुलन ही इथियोपिया की असली ताकत है, और यही ऊर्जा हम भारतीयों के लिए भी बेहद परिचित है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के मंत्र हमारा नारा है। उन्होंने भारत का राष्ट्रगीत वंदे मातरम और इथियोपिया का राष्ट्रगीत अपने देश का मां के तौर पर जिक्र करता है। यह हमें हमारी संस्कृति, विरासत, राष्ट्रीय सुंदरता और जमीन की सुरक्षा का संदेश देते हैं।
अदवा विजय स्मारक पर दी श्रद्धांजलि
इससे पहले पीएम मोदी ने इथियोपिया के अदीस अबाबा में स्थित अदवा विजय स्मारक पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। यह स्मारक 1896 में अदवा की लड़ाई में इथियोपियाई सेना की वीरता और स्वतंत्रता की जीत की याद दिलाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने स्मारक पर फूलमाला चढ़ाकर देशवासियों और इथियोपियाई लोगों को स्वतंत्रता और वीरता का सम्मान व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत और इथियोपिया के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रिश्ते हैं, और इस अवसर पर इन रिश्तों को और मजबूत करने का संदेश भी दिया।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबिय अहमद अली के साथ बैनक्वेट डिनर किया। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए पोस्ट में इसे बहुत ही भावपूर्ण पल बताया, खासकर तब जब हम वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। इस दौरान गीत बजने पर मोदी ने हाथ हिलाकर सभी का अभिवादन भी किया। इस मौके को पीएम मोदी ने भारत और इथियोपिया के सांस्कृतिक संबंधों और भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक बताया।

