- मेडिकल थाने में हंगामा करने वाले आरोपियों को कोर्ट ने छोड़ा
- आरोपियों में कुछ दुष्कर्म, फायरिंग और मारपीट के आरोपी थे
- थाने में हंगामे के दौरान विवादित बैनर लगाने में दर्ज हुआ था मुकदमा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: दुकान पर कब्जे को लेकर हुए विवाद में जिन लोगों ने मेडिकल थाने में हंगामा कर धरना दिया और विवादित बैनर लगाया उनको अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया। मेडिकल पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ सात क्रिमिनल एक्ट की धारा तक लगा दी थी। जिन युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था, वो सभी भाजपा कार्यकर्ता हैं। सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक रामेश्वर दयाल की अदालत ने सभी छह आरोपियों को 25 हजार के निजी मुचलके पर रिहा करने के आदेश कर दिये।
गौरतलब है कि मेडिकल प्रकरण को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के ट्वीट करने से मामला गरमा गया था। दुकान पर कब्जे के विवाद को लेकर पूजा पत्नी स्व. अवधेश निवासी गांव मसूरी थाना इंचौली और उसके ससुर श्याम सिंह निवासी वैशाली कालोनी मेडिकल थाने गए थे। दारोगा यतेन्द्र गोस्वामी दोनो पक्षों से वार्ता कर रहे थे। इस दौरान पूजा के पक्ष में शम्भू पहलवान उर्फ प्रशांत कौशिक, सागर पोसवाल, कुलदीप मसूरी, अंकुर चौधरी एवं उनके 10-15 साथी नाम पता अज्ञात ने थाने पर आकर अनुचित दबाब बनाते हुये हमलावर होकर शोर शराबा, थाने पर हंगामा करते हुये धरने पर बैठ गये।
इसी दौरान उनका एक साथी एक बैनर लेकर आया थाना गेट की दीवार पर लगा दिया गया जिसमें भाजपा के कार्यकर्ताओं का थाने मे आना मना है, छापा गया था। इस घटना के सम्बन्ध में दारोगा यतेन्द्र गोस्वामी की तरफ से 147, 149, 352, 353, 505 (2) भादवि व सात क्रिमिनल ला एमेन्डमेन्ट एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया था। बाद में शम्भू पहलवान उर्फ प्रशांत कौशिक पुत्र किशोर शर्मा, सागर पोसवाल पुत्र कुंवरपाल पोसवाल, कुलदीप मसूरी, अंकुर चौधरी पुत्र समरपाल, अमर शर्मा पुत्र वेदप्रकाश और अमित भड़ाना पुत्र राजू भड़ाना को गिरफ्तार किया गया था। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने शुक्रवार को आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिये थे। इसके बाद पुलिस ने चार आरोपियों के बजाय छह लोगों को गिरफ्तार किया था।