जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: आज शनिवार को श्रीलंकाई सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘श्रीलंका मित्र विभूषण सम्मान’ से सम्मानित किया। यह भारत और श्रीलंका के बीच मजबूत और मित्रवत संबंधों की एक महत्वपूर्ण मिसाल है। यह सम्मान उन देशों के राष्ट्राध्यक्षों को दिया जाता है, जिनके साथ श्रीलंका के अच्छे और मित्रवत संबंध होते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के लिए यह सम्मान एक गर्व का क्षण है, क्योंकि यह न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह भारत और श्रीलंका के बीच दशकों से चले आ रहे अच्छे रिश्तों का भी प्रतीक है।
श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने प्रधानमंत्री मोदी को ‘मित्र विभूषण सम्मान’ का मेडल पहनाकर सम्मानत किया। प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मान प्राप्त करने के बाद यह टिप्पणी की कि यह सम्मान केवल उनका नहीं, बल्कि भारत के 140 करोड़ नागरिकों का भी सम्मान है। यह बयान दर्शाता है कि मोदी के लिए यह सम्मान केवल व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि यह भारत के समग्र समर्थन और मित्रता का प्रतीक है।
भारत और श्रीलंका के रिश्ते ऐतिहासिक रहे
बता दें कि, भारत और श्रीलंका के रिश्ते ऐतिहासिक रहे हैं, और जब श्रीलंका को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा था, तब भारत ने सबसे पहले मदद का हाथ बढ़ाया था। इस संकट के समय भारत का समर्थन श्रीलंका के लिए बेहद महत्वपूर्ण था और इसे दोनों देशों के रिश्तों में गहरी मित्रता और साझेदारी का प्रतीक माना जाता है।
श्रीलंका मित्र विभूषण सम्मान के बारे में जानते हैं..
श्रीलंका मित्र विभूषण सम्मान में एक चांदी का मेडल होता है, जिसमें बना धर्म चक्र बौद्ध विरासत का प्रतीक है। इस बौद्ध विरासत ने भारत और श्रीलंका की सांस्कृतिक परंपराओं को आकार दिया है। मेडल में बना पुन कलश (एक औपचारिक बर्तन) समृद्धि और नवीनीकरण का प्रतीक है। मेडल में बने नवरत्न दोनों देशों के बीच अमूल्य और स्थायी दोस्ती का प्रतिनिधित्व करते हैं।
सूर्य और चंद्रमा प्राचीन अतीत से अनंत भविष्य तक फैले बंधन को दर्शाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मानित होने के बाद कहा कि ‘श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके द्वारा श्रीलंका मित्र विभूषण पुरस्कार से सम्मानित होना मेरे लिए नहीं बल्कि 140 करोड़ भारतीयों के लिए सम्मान की बात है। यह श्रीलंका और भारत के लोगों के बीच ऐतिहासिक संबंध और गहरी मित्रता को दर्शाता है और इसके लिए मैं राष्ट्रपति, श्रीलंका सरकार और यहां के लोगों को धन्यवाद देता हूं।’
क्या बोले पीएम मोदी?
पीएम मोदी ने कहा कि ‘भारत और श्रीलंका के बीच सदियों पुराने आध्यात्मिक और आत्मीयता भरे संबंध हैं। मुझे यह बताते हुए खुशी है कि 1960 में गुजरात के अरावली में मिले भगवान बुद्ध के अवशेष को श्रीलंका में दर्शन के लिए भेजा जा रहा है। त्रिंकोमाली के थिरुकोनेश्वरम मंदिर के जीर्णोद्धार में भारत सहयोग देगा। हमने मछुआरों की आजीविका से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की।
हम सहमत हैं कि हमें इस मामले में एक मानवीय सहायता के साथ आगे बढ़ना चाहिए। हमने मछुआरों को तुरंत रिहा किये जाने और उनकी नौकाओं को वापस भेजने पर भी बल दिया। भारत और श्रीलंका का संबंध आपसी विश्वास और सद्भावना पर आधारित है।