Thursday, June 19, 2025
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कड़ाके की ठंड से सड़कों पर पसरा सन्नाटा, पाला पड़ने से होगी परेशानी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ/सरधना: हाड़कंपा देने वाली ठंड ने लोगों का बुरा हाल कर दिया है। गुरुवार को भी सुन्नकर देने वाली ठंड ने लोगों का बुरा हाल कर दिया। आधे दिन तक तो कोहरे ने खूब सितम ढहाया। कुछ समय के लिए सूर्यदर्शन हो सके। मगर ठंड के सामने सूरज भी बेअसर रहा। ठंड के चलते बाजारों में भी सन्नाटा पसरा रहा। वहीं, लोगों को ठंड से बचाने के लिए पालिका ने चौराहों पर अलाव जलवाने का काम किया।

पिछले कई दिन से ठंड लोगों पर जमकर कहर बरसा रही है। ठंड का कहर सबसे अधिक असहाय लोगों को झेलना पड़ रहा है। हाड़ कपा देने वाली ठंड की चपेट में आकर लोग बीमार हो रहे हैं। गुरुवार को भी कड़ाके की ठंड ने लोगों का बुरा हाल कर दिया।

आधे दिन तक को कोहरे की चादर आसमान पर छाई रही। दोपहर में सूर्यदर्शन हो सके। मगर कड़ाके की ठंड के सामने वह भी बेअसर रहा। कोहरे के साथ सुन्नकर देने वाली ठंड ने लोगों को बेहाल कर दिया। ठंड के चलते लोग घरों में कैद रहे। लोग जरूरी काम के लिए ही घरों से बाहर निकले।

दिनभर बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। दिन ढलते ही सड़कें सुनसान हो गई। वहीं लोगों को ठंड से बचाने के लिए पालिका ने चौराहों पर अलाव जलवाने का काम किया। ताकि लोगों को ठंड से बचाया जा सके।

शीतलहर चलने से बढ़ी ठंड, लोगों को किया बेहाल

देशभर में इन दिनों ठंड अपनी चरम सीमा पर है पहाड़ी राज्यों में हो रही बर्फबारी की वजह से चल रही बफीर्ली हवाओं ने लोगों को परेशान कर रखा है। उत्तराखंड दिल्ली और उत्तर प्रदेश में तापमान निरंतर गिर रहा है। उत्तर भारत के ज्यादातर राज्यों में सर्द हवाओं के साथ कोहरा लगातार पड़ रहा है।

जिसके चलते मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है अगर मौसम विभाग की माने तो उत्तर भारत के राज्यों में शीत लहर चलने का अनुमान पहले ही जता दिया गया था 31 दिसंबर तक मौसम विभाग ने तीन से पांच डिग्री तक रात का पारा रहने की संभावना व्यक्त की थी। जम्मू कश्मीर पर बना पश्चिमी दिशा अब आगे निकल रहा है।

पश्चिमी देशों के प्रभाव से राजस्थान और इससे सटे पाकिस्तान पर एक चक्रवाती सिस्टम बना था। यह सिस्टम अब भी उत्तर भारत के मैदानी राज्यों पर हैं। बंगाल की खाड़ी पर दक्षिण पश्चिमी हिस्सों के पास एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र सक्रिय है। यह सिस्टम पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ रहा है और दक्षिण भारत में उत्तर पूर्वी मानसून को सक्रिय करने में इसकी बड़ी भूमिका है।

अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में मौसम बदल जाएगा यानी मौसमी गतिविधियां काफी कम हो जाएंगी अगर वैज्ञानिकों की मानें तो अगले 48 घंटे में कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी होने की संभावना है। चार जनवरी तक पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम ऐसा ही बने रहने की संभावना है।

राजकीय मौसम वैधशाला पर दिन का अधिकतम तापमान 16.4 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम आर्द्रता 94 एवं न्यूनतम आर्द्रता 53% दर्ज की गई। हवा का रुख सुबह और शाम में छह किमी प्रति घंटा की रफ्तार से रहा।

मौसम वैज्ञानिक डा. एन सुभाष का कहना है कि न्यूनतम तापमान में गिरावट होने से सर्दी का एहसास बढ़ेगा। शीत लहर भी जारी रहेगी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में पाला पड़ने की पूरी संभावना बनी हुई है।

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