Wednesday, August 27, 2025
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दो सपा विधायकों की भूमिका से साइकिल में हुआ ‘पंक्चर’

  • वायरल वीडियो में सपा विधायकों की भूमिका को लेकर खड़े हुए सवाल

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: निकाय चुनाव निपट गया, लेकिन सपा के दो विधायकों की जो वीडियो वायरल हुई है, उनमें सपा विधायकों की भूमिका को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। पार्टी ने जो पार्षद प्रत्याशी घोषित किए थे, उनके खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार किया गया। इसका वीडियो वायरल से पता चला।

एक तरह से सपा विधायकों ने अपनी ही पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ बगावत क्यों की? यह बेहद अहम सवाल है। अब देखना यह है कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पार्टी के साथ बगावत करने वाले विधायकों पर क्या कार्रवाई करते हैं या फिर पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।

दरअसल, वार्ड-83 से समाजवादी पार्टी के पार्षद प्रत्याशी के सामने निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव में खड़े थे। उनका चुनाव चिन्ह खजूर था। सपा के शहर विधायक रफीक अंसारी ने निर्दलीय प्रत्याशी के पक्ष में एक मीटिंग में वोट देने का आ”ान कर दिया। उनके आह्वान करने से सपा की साइकिल में तो पंक्चर हो गई, लेकिन पार्टी के खिलाफ सपा विधायक क्यों गए? यह महत्वपूर्ण बात है।

आखिर बगावत की नौबत क्यों आई? सपा विधायक की भूमिका को लेकर सवाल उठ रहे हैं। उनका निर्दलीय प्रत्याशी के पक्ष में मीटिंग करना और फिर वोट मांगना, ये बेहद अहम हैं। इसका एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। इसमें सपा विधायक की भूमिका कटघरे में खड़ी हो रही है। हालांकि रफीक अंसारी ने इस पर अपनी यह कहकर सफाई दी कि जो निर्दलीय चुनाव लड़ा वो प्रत्याशी भी पार्टी से जुड़ा हुआ था।

इसमें उन्होंने बगावत नहीं की। वो जीत गया हैं, अब शपथ हो जाने तो उसको सपा की सदस्यता दिला दी जाएगी। यही नहीं, दूसरे सपा विधायक हैं शाहिद मंजूर। उनका भी एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने जनता से कहा कि रोजा खोलते हैं तो क्या खाते हैं ‘खजूर’ ना तो बस खजूर का अपना ध्यान रखो। इस तरह से उन्होंने सपा के घोषित प्रत्याशी के खिलाफ जनता से निर्दलीय प्रत्याशी के पक्ष में वोट करने का आ”ान कर डाला।

ये सीधे-सीधे पार्टी से घोषित प्रत्याशी के खिलाफ बगावत हैं। सपा की साइकिल में यहां पंचर हो गया। इस तरह से सपा विधायकों ने अपनी ही पार्टी के पार्षद प्रत्याशियों के खिलाफ बगावत की, जिससे पार्टी की छवि को काफी नुकसान हुआ है। अब बड़ा सवाल यह है कि दोनों ही सपा विधायकों ने मेयर के चुनाव से भी दूरी बनाकर रखी।

अखिलेश के रोड शो में दोनों विधायक नदारद रहे, यही नहीं, बड़ी मीटिंग हुई, उसमें भी ये दोनों विधायक नहीं गए। निर्दलीय प्रत्याशियों के पक्ष में मीटिंग करने की इन्हें फुर्सत रही। एक तरह से सपा विधायकों ने पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ ही काम किया, जिसको लेकर सपा की शहर में खासी किरकिरी हुई है।

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