जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: प्रतिकर की मांग को लेकर किसान आक्रामक हो गए हैं। लंबे समय से काजीपुर, सरायकाजी व मेरठ शहर के किसान आवास एवं विकास परिषद से अतिरिक्त प्रतिकर की मांग करते आ रहे हैं, मगर इस समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है।
ऐसी स्थिति में किसान मंगलवार को आंदोलित हो गए तथा किसानों की भीड़ आवास एवं विकास परिषद के शास्त्रीनगर स्थिति आफिस में पहुंचे तथा आला अफसरों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की तथा फिर अपना मांग पत्र सौंपा।
किसानों ने अफसरों को चेताया कि जब तक अतिरिक्त प्रतिकर उन्हें नहीं मिलेगा तब तक किसान जमीन में काम भी नहीं होने देंगे।
मंगलवार को आंदोलन की अगुवाई कांग्रेस सेवादल के जिलाध्यक्ष रोहित गुर्जर कर रहे थे। उनके साथ ही किसानों का एक प्रतिनिधि मंडल आवास एवं विकास परिषद के शास्त्रीनगर स्थित आफिस में पहुंचा तथा संयुक्त आवास आयुक्त शेरी से मिला। किसानों ने उन्हें एक ज्ञापन दिया।
ज्ञापन में कांग्रेस नेता रोहित गुर्जर ने बताया कि आवास एवं विकास परिषद ने ग्राम काजीपुर, सरायकाजी, कमालपुर व घोसीपुर की जमीन जागृति विहार एक्सटेंशन के लिए वर्ष 2008-09 में जमीन का अधिग्रहण किया था।
यह अधिग्रहण सर्किल रेट के हिसाब से व उक्त ग्रामो के प्रत्येक किसान के साथ समझौता कर ली गई थी। इसमें ग्राम सरायकाजी, काजीपुर व मेरठ शहर को 1000 रुपए वर्गमीटर व कमालपुर को 800 रुपये वर्गमीटर व घोसीपुर को 600 रुपये वर्गमीटर प्रतिकर दिया गया।
10 प्रतिशत जमीन आवास एवं विकास परिषद ने किसानों की कटौती कर दी थी, जिसमें पांच प्रतिशत भूखंड के रूप में विकसित कर किसानों को देने का वादा किया था।
प्रत्येक समझौते में लिखित नियम भी रखा गया कि किसी किसान का प्रतिकर बढ़ा तो योजना के सभी किसानों को बढ़े प्रतिकर का लाभ मिलेगा, जिसमें वर्ष 2012 को आवास एवं विकास परिषद ने ग्राम कमालपुर का 196 वर्गमीटर व घोसीपुर का 396 वर्गमीटर बढ़ा कर 996 रुपये दोनों ग्रामो का कर दिया गया, जो सरायकाजी व काजीपुर का 66 प्रतिशत बढ़ा। परिषद से काजीपुर व सरायकाजी के किसानों मांग 2012 से ही चली आ रही है।
साथ में योजना के किसानों की मांग है कि 2013 में गाजियाबाद के किसानों को छह प्रतिशत भूखंड दिया गया। उसी तर्ज पर यहां के किसानों को भी दिया जाए।
ये दोनों प्रमुख मांग लगातार आज तक परिषद से चली आ रही है। वर्ष 2014 में किसानों का 105 दिन के धरने के बाद परिषद ने योजना के समस्त किसानों का 100 रुपये प्रति वर्गमीटर प्रतिकर बढ़ा भी दिया था, जिसे किसानों ने उसी समय लेने से मनाकर दिया।
66 प्रतिशत यानी 660 रुपये प्रति वर्गमीटर प्रतिकर बढ़ाने व छह प्रतिशत विकसित भूखंड देने की मांग किसान कर रहे हैं। इसको लेकर किसान आन्दोलित है। कई बार आवास एवं विकास परिषद के अधिकारियों में इसको लेकर वार्ता भी हो चुकी है, मगर समाधान कुछ नहीं निकला।
किसानों का कहना है कि उनकी मांग को अनदेखा किया जा रहा है। किसान बार-बार आंदोलन कर रहे हैं, मगर सुनवाई किसी स्तर पर नहीं हो रही है। ऐसे में किसान बड़ा आंदोलन करने पर विचार कर रहे हैं।
सरायकाजी को रिंग रोड से जोड़ने वाली सर्विस रोड को छह मीटर से बढ़ाकर नौ मीटर किया जाए, अन्यथा किसानों को मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा।
ये है विवाद
वर्ष 200-09 में सरायकाजी, काजीपुर, मेरठ शहर, घोसीपुर, कमालपुर आदि गांव के किसानों की जमीन आवास विकास परिषद ने जागृति विहार एक्सटेंशन योजना के लिए अधिग्रहण की थी। तब मेरठ शहर के किसानों की जमीन एक हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से अधिग्रहण की गई, जबकि कमालपुर को 800 रुपये, घोसीपुर को 600 रुपये प्रति वर्ग मीटर से जमीन का अधिग्रहण किया गया था। इसमें कमालपुर व घोसीपुर व सरायकाजी के किसानों को जमीन की कम कीमत दी गई। इसके बाद ही किसान अतिरिक्त प्रतिकर की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर किसानों तथा आवास विकास परिषद के बीच लड़ाई चल रही है।
ये रहे मौजूद
इस दौरान तुलसीदास, बिल्लू सिंह, जीत सिंह, श्रीपाल भड़ाना, मास्टर रणपाल, एसके शाहरुख, नवल सिंह, विनोद भड़ाना, नरेश कुमार, अमरपाल, कन्हैया लाल, महकार, जयपाल, सुरेंद्र, कुंदन, बिल्लू, दयाचंद आदि किसान मौजूद रहे।
31 को निकालेंगे ‘किसान अधिकार यात्रा’
कांग्रेस नेता रोहित ने बताया कि 31 अगस्त को कांग्रेस सेवादल की मुआवजे के मुद्दे को लेकर ‘किसान अधिकार यात्रा’ की जाएगी, जिसमें किसान भैंसा-बुग्गी से कमिश्नरी जाएंगे और कमिश्नर को ज्ञापन देंगे। मंगलवार को संयुक्त आवास आयुक्त से किसानों की तरफ से भी स्पष्ट कह दिया है कि 31 तक अगर किसानों के मसले का हल नहीं हुआ तो किसान 31 के बाद योजना में विकास कार्य बंद करा देंगे।