Tuesday, July 9, 2024
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प्रॉपर्टी डीलर को धमका कर वसूली, दारोगा समेत तीन सस्पेंड

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  • निलंबित दारोगा पहले सट्टे में सस्पेंड हो चुका

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: अवैध वसूली करने में पुलिस रिकार्ड तोड़ने में लगी हुई है। दागदार दारोगा और सिपाही लोगों को धमका कर पैसा वसूलने में लगे हुए हैं। लिसाड़ीगेट थाना क्षेत्र के एक प्रॉपर्टी डीलर को झूठे मामले में जेल भेजने की धमकी देकर एक लाख रुपये वसूलने के मामले में एसएसपी ने एक दारोगा और दो सिपाहियों को निलंबित कर जांच बैठा दी है।

सीओ कोतवाली अरविन्द चौरसिया ने बताया कि अली बाग कालोनी निवासी प्रॉपर्टी डीलर साजिद मलिक से एक लाख रुपये लेने के मामले में दारोगा अमित जौला, सिपाही सुमित और सिपाही जितेन्द्र को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इनमें दारोगा अमित जौला जब पिलोखड़ी चौकी में तैनात था

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उस वक्त इस पर सटोरियों से पैसे लेने का आरोप था। इस पर वहां से हटाकर लिसाड़ीगेट थाने भेज दिया गया था और सस्पेंड हो चुका था। सीओ ने तीनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ निलंबित करने की संस्तुति करते हुए एसएसपी रोहित सिंह सजवाण को रिपोर्ट सौंपी थी। इस पर एसएसपी ने तीनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। वहीं प्रॉपर्टी डीलर साजिद ने लिसाड़ीगेट थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सुमित गुर्जर अपने साथ एक और पुलिसकर्मी को लेकर छह सितंबर को रात को घर आया और कहा कि एक लाख रुपये दे दो। अगर पैसे देने की बात किसी को बताई तो झूठे मामले में जेल भिजवा देगें। रिपोर्ट में साजिद ने कहा कि सुमित गुर्जर को एक लाख रुपये देने के बाद परिवार दहशत में है और पत्नी डिप्रेशन में आ गई है।

पास्को एक्ट के आरोपी को मिली 10 साल की कैद

मेरठ: पॉक्सो एक्ट के आरोपी को पुलिस द्वारा प्रभावी पैरवी किए जाने पर अदालत ने 10 वर्ष का कारावास व 20 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा दी गयी। 23 जुलाई 2018 को नाबालिग पुत्री के अपहरण के सम्बन्ध में थाना टीपी नगर में मुकदमा दर्ज कराया गया था। अभियोग की विवेचना से अभियुक्त अजीम पुत्र बाबू खां निवासी मुस्तफाबाद गली नंबर-सात दिल्ली के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया गया था।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने जनपद के समस्त थानों को पैरवी के लिए अभियोग चिन्हित कर निर्देशित किया गया था। न्यायालय में अभियोग की लगातार पैरवी करते हुए साक्षियों को न्यायालय के समक्ष समय से प्रस्तुत किया गया। जिसके परिणाम स्वरूप अभियुक्त अजीम पुत्र बाबू खां को पॉक्सो एक्ट का अपराध सिद्ध होने पर न्यायालय पॉक्सो प्रथम मेरठ द्वारा 10 वर्ष के साधारण कारावास व 20 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।

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