Saturday, June 29, 2024
- Advertisement -
HomeUttar Pradesh NewsMeerutबिना बोर्ड अनुमति के 15 कर्मचारियों की भर्ती

बिना बोर्ड अनुमति के 15 कर्मचारियों की भर्ती

- Advertisement -
  • स्वच्छ भारत मिशन के तहत रखे गये कर्मचारी
  • मेयर तक को नहीं दी गई जानकारी, अनियमितताएं आर्इं सामने
  • सीएम को पत्र भेजकर की गई शिकायत

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: नगर निगम के एसबीएम (स्वच्छ भारत मिशन) सेल में गलत तरीके से भर्ती किये जाने का मामला सामने आया है। यहां 15 लोगों का स्टाफ बिना किसी कार्यकारिणी की अनुमति या बिना बोर्ड में रखे ही रख लिया गया। मामला सामने आते ही इसे लेकर मेयर सुनीता वर्मा में नगरायुक्त को पत्र लिखकर इसकी जांच किये जाने की मांग की है। साथ ही उन्होंने इस संबंध में एक पत्र सीएम को भी भेजा और बिना बोर्ड की अनुमति के स्टाफ रखे जाने के मामले में संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई किये जाने की मांग की है।

बता दें कि नगर निगम में स्चच्छ भारत मिशन के तहत सेल कार्य करती है। इसमें समय समय पर कर्मचारियों की भर्ती होती रहती है, लेकिन इसमें एक प्रक्रिया के आधार पर ही भर्ती की जाती है। बिना बोर्ड में रखे या निगम कार्यकारिणी के बिना पास किये यहां भर्ती नहीं की जा सकती, लेकिन नगर निगम में 15 लोगों को स्टाफ एसबीएम सेल में रख लिया गया। यहां न तो भर्ती प्रक्रिया के लिये किसी समाचार पत्र में विज्ञापन जारी किया गया और न ही बोर्ड के किसी सदस्य को इसकी जानकारी दी गई।

बिना बोर्ड की जानकारी के ही स्टाफ को भर्ती किया गया। इसमें टीम लीडर, एमआईएस मैनेजर, डॉक्यूमेंटेशन एक्सपर्ट, फील्ड एक्सर्ट व कम्प्यूटर आॅपरेटर समेत कई पदों पर स्टाफ भर्ती किया गया। जो कि शासन के नियमों का पूर्ण रूप से उल्लंघन है। इस मामले में मेयर सुनीता वर्मा ने भी सवाल खड़ा कर दिया है। मेयर को भी यहां विभिन्न पदों पर हुई भर्ती के विषय में जानकारी नहीं दी गई।

उन्होंने इस मामले को लेकर सीएम और नगरायुक्त को पत्र लिखा है। उन्होंने नगरायुक्त से इन पदों पर बिना बोर्ड अनुमति के कैसे भर्ती की गई इस संबंध में जानकारी मांगी है। साथ ही उन्होंने कहा कि यहां सेल के प्रभारी को नगर निगम की ओर से गाड़ी भी निगम की ओर से मुहैया कराई गई है जो कि नियमविरुद्ध है।

बोर्ड फंड से दिया जा रहा वेतन

मेयर सुनीता वर्मा ने यहां सवाल उठाया है कि जो भर्ती बिना बोर्ड की जानकारी के हुई है। उन लोगों को वेतन भी बोर्ड फंड से दिया जा रहा है। जोकि पूरी तरह से नियमविरुद्ध है। मेयर ने इस मामले की जांच करने के साथ साथ कहा कि जब तक इसकी जांच पूरी नहीं होती तब तक कर्मचारियों को बोर्ड फंड से वेतन न दिया जाये।

पहले भी सफाई कर्मचारियों की भर्ती हुई थी रद

अभी हाल ही में नगर निगम की ओर से सफाई कर्मचारियों की भर्ती भी निकाली थी। जिसमें बिना नियमों के ही भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। भर्ती प्रक्रिया में न तो कोई विज्ञापन जारी किया गया था और न ही किसी सदस्य को इसकी जानकारी दी गई थी। इस मामले में भी मेयर की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई थी। जिसके बाद इस प्रक्रिया को भी रद कर दिया गया था।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
2
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
- Advertisement -

Recent Comments