जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: देश आज अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। दिल्ली के कर्तव्य पथ पर जहां नारी शक्ति और आत्मनिर्भर भारत की झलक दिखाई दी, वहीं केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने ‘अनंत सूत्र-द एंडलेस थ्रेड’ के जरिए साड़ियों और पर्दों का अनूठा प्रदर्शन किया। इनमें कश्मीर से लेकर केरल तक की आकर्षक साड़ियां और पर्दे शामिल थे। कर्तव्य पथ के बाड़े (सिटिंग एरिया) में बैठे दर्शकों के पीछे करीब 1,900 साड़ियों से सजाया गया। साड़ियां लकड़ी के फ्रेम के साथ ऊंचाई पर लगाई गई थीं।
इतना ही नहीं इन साड़ियों में क्यूआर स्कैनर भी लगा हुआ था, जिससे क्यूआर कोड को स्कैन करके लोग साड़ियों पर की गई कढ़ाई और बुनाई के बारे में जान सकते थे। संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव अमिता प्रसाद ने बताया कि प्रदर्शनी में डेढ़ सौ सास पुरानी साड़ी भी शामिल थी। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी देश की महिलाओं और बुनकरों के समर्पित थी।
वहीं, विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा, इस देश के लोगों ने राष्ट्रीय एकता और अखंडता के सूत्र को मजबूत किया है। प्रदर्शनी का नाम अनंत सूत्र रखने के पीछे गहरा अर्थ है।
प्रदर्शनी में कश्मीर की काशीदा, केरल की कसावू, पंजाब की फुलकारी, हिमाचल की कुल्लुवी पट्टू, बिहार की भागलपुर सिल्क, असम की मुगा, मणिपुर की मोइरांग फी, पश्चमि बंगाल की तांत, ओडिशा की बोमकाई, छत्तीसगढ़ की कोसा, तेलंगाना की पोचमपल्ली, तमिलनाडु की कांजीवर, महाराष्ट्री की पैठानी, मध्य प्रदेश की चंदेरी, गुजरात की पटोला, राजस्थान की कोटा/लहरिया और उत्तर प्रदेश की बनारसी साड़ी शामिल थीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले भारतीय सशस्त्र बलों के शहीदों को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। जिसके बाद गणतंत्र दिवस 2024 समारोह शुरू हुआ। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पीएम मोदी की अगवानी की। इस साल के गणतंत्र दिवस की थीम ‘विकसित भारत’ और ‘भारत-लोकतंत्र की मातृका’ है।
परेड में करीब तेरह हजार विशेष अतिथि पहुंचे। समारोह में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों विशिष्ट अतिथि थे। परेड की शुरुआत पहली बार सौ से ज्यादा महिला कलाकारों ने भारतीय संगीत वाद्ययत्र बजाए हुए की। इन कलाकारों ने शंख, नादस्वरम, नगाड़ा आदि के संगीत बजाया।