Wednesday, July 3, 2024
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निजी बसों की शरण में रोडवेज

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  • रोडवेज का हो रहा निजी बसों के संचालन से नुकसान
  • रोडवेज की आय में इजाफा करने के लिए परिवहन निगम ने लिया फैसला

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: शासन के आदेश का पालन करते हुए परिवहन निगम मुख्यालय ने निजी बसों को रोडवेज में शामिल करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिसके तहत अब निजी बसों को रोडवेज में शामिल किए जाने को लेकर के निगम द्वारा अहम कदम उठाए जाएगें। निजी बसों के संचालन से रोडवेज को दिन-प्रतिदिन भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। रोडवेज की आय में इजाफा करने के लिए ये महत्वपूर्ण कदम उठाने की योजना है।

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रोडवेज बस अड्डों के बाहर सडकों पर निजी बसों के चालक-परिचालकों द्वारा यात्रियों को बसों में अक्सर बैठाते हुए देखा गया है। जिसके जिसके चलते रोडवेज बसों को यात्रियों की कमी झेलनी पड़ रही है। इससे रोडवेज की आय में भारी कमी आ रही है। रोडवेज की आय बढाने के लिए परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने परिवहन मुख्यालय को निजी बसों को रोडवेज में शामिल करने का आदेश दिया है।

जिसके चलते मुख्यालय द्वारा मेरठ के आरएम कार्यालय को पत्र भेजकर इस बाबत कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। बताते चलें कि परिवहन निगम में काफी समय से टैक्स की चोरी कर रही निजी बसें यात्रियों को सेवा दे रही है। जिसके खिलाफ पूर्व में कई बार आरटीओ व परिवहन निगम के अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से कार्रवाई की गई, लेकिन इसके बावजूद निजी बसों का संचालन बंद नहीं हो रहा है।

जिसके चलते शासन के आदेश का पालन करते हुए परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक द्वारा ग्रामीण व शहरी मार्गों पर साधारण डीजल बसों से लेकर सीएनजी, वातानुकू लित बसों के वैधानिक संचालन के लिए निजी बसों को अनुबंध करने के लिए निविदाएं जारी करने के आदेश जारी किए गए हैं। आदेश के मुताबिक लगभग 30 फीसदी तक निजी बसों के मालिकों से रोडवेज का अनुबंध करना प्रस्तावित है।

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जिसके चलते अब मेरठ जोन में भी इस बाबत कार्रवाई करने के लिए योजना बनाई जा रही है। वहीं, इस बारे में आरएम केके शर्मा का कहना है कि निजी बसों को अनुबंध करने के लिए मुख्यालय से आदेश आ चुके हैं। मुख्यालय के आदेश का पालन करते हुए इस बाबत यथाशीघ्र ठोस कदम उठाए जाएंगे।

रोडवेज में परिचालकों की भारी कमी

परिवहन निगम में परिचालकों की भारी कमी चली आ रही है। जिसके चलते वर्तमान में जो रोडवेज की बसें हैं, वह ही बस अड्डे में खड़ी रहती हैं। परिचालकों की कमी के चलते रोडवेज की सभी बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है। लगभग 30 फीसदी बसें परिचालकों की कमी के कारण नहीं चल पाती।

परिचालकों के रिक्त पदों को भरने के लिए हो रही कार्रवाई

जहां एक ओर परिचालकों की कमी के कारण पहले से ही रोडवेज की काफी बसें डिपो में ही खडी रहती हैं तो ऐसे में निजी बसों के अनुबंध करने से क्या लाभ होगा। इसी बात को ध्यान में रखते हुए परिवहन निगम द्वारा जल्दी से जल्दी परिचालक ों के रिक्त पदों को भरने के लिए कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। ताकि रोडवेज क ी बसों के अलावा जिन निजी बसों का अनुबंध किया जाएगा उनका संचालन भली प्रकार हो पाए।

यात्रियों को करना पड़ रहा असुविधाओं का सामना

परिचालकों की कमी के कारण रोडवेज बसों का संचालन ठीक प्रकार से नहीं हो पा रहा है। जिसके चलते यात्रियों को भी काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। यात्रियों का कहना है कि रोडवेज बसों का संचालन भली प्रकार न होने के कारण घंटों तक गंतव्य को जाने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।

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