- खंडहर में तब्दील हुई पशु चिकित्सालय की बिल्डिंग
- अस्पताल परिसर में फैली है गंदगी, उगी है झाड़-फूंस
जनवाणी संवाददाता |
सरधना: पशु चिकित्सालय सांप-बिच्छुओं का बसेरा बना हुआ है। यहां की हालत देखकर लगता है कि पशुओं के इलाज से पहले अस्पताल को इलाज की सख्त जरूरत है। हालत यह है कि अस्पताल में आवासीय बिल्डिंग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है।
अस्पताल में चारों ओर गंदगी पसरी हुई और देखरेख के अभाव में अस्पताल परिसर में झाड़-फूंक उग आई है। इतना ही नहीं भवन क्षतिग्रस्त होने के कारण चिकित्सालय प्रभारी को मजबूरन कंप्यूटर कक्ष में रहना पड़ रहा है। मगर अफसोस आलाधिकारियों को अस्पताल की हालत दिखाई नहीं देती।
पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार विभिन्न योजनाएं चला रही है। पशु पालन बढ़ाने और ग्रामीणों को जागरुक करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में समय-समय पर कार्यक्रम कराए जाते हैं। मगर पशु पालन को बढ़ावा तो तब मिले, जब पशुओं के उपचार की पर्याप्त व्यवस्था हो। पशुओं के उपचार के लिए सरधना क्षेत्र में महज एक ही चिकित्सालय है। नगर के तहसील रोड स्थित इस चिकित्सालय ही हालत भी दयनीय है।
दशकों पुराना यह अस्पताल देखरेख के अभाव में खंडहर होता जा रहा है। हालत यह है कि अस्पताल में परिसर में आवासीय बिल्डिंग से लेकर बुलशेड तक खंडहर बन चुके हैं। अस्पताल में दो बुलशेड है, दोनों ही पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। पशुओं के चारे के लिए बना गोदाम और यहां तक की चिकित्सालय प्रभारी के लिए बना आवास भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है।
मजबूरन प्रभारी को कंप्यूटर कक्ष में रहना पड़ रहा है। अस्पताल की चार दीवारी भी टूटी पड़ी है। परिसर में चारों ओर गंदगी पसरी हुई है। अस्पताल में एक हैंडपंप है, वह भी खराब पड़ा है। देखरेख के अभाव में अस्पताल परिसर में झाड़-फूं स उग आई है। झाड़ियों में सांप-बिच्छुओं का बसेरा बना हुआ है। अस्पताल की हालत देखकर लगता है कि यहां पशुओं के इलाज से पहले अस्पताल को इलाज की अधिक जरूरत है।
मगर अफसोस की उच्चाधिकारियों को अस्पताल की हालत नजर नहीं आती। वहीं, इस संबंध में चिकित्सालय प्रभारी डा. एसपी सिंह का कहना है कि भवन काफी समय से क्षतिग्रस्त है। मरम्मत कार्य के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा था। बहुत जल्द व्यवस्था दुरुस्त करा दी जाएगी।